वर्षों पहले, मेरे बेटे जोश और मैं एक पहाड़ी रास्ते पर जा रहे थे जब हमने हवा में उठते धूल का एक बादल देखा l हम आगे बढ़े और एक जानवर को मिटटी के एक ढेर में एक बिल बनाने में व्यस्त देखा l उसके सिर और कंधे बिल में थे और वह अपने सामने के पंजे से जोर से खुदाई कर रहा था और अपने पिछले पैरों से बिल में से मिटटी बाहर निकाल रहा था l वह अपने काम में इतना मग्न था कि उसने हमें सुना नहीं l
मैं रुक नहीं सकता था और पास में पड़ी एक लंबी छड़ी से उसे उकसाया l मैंने जानवर को चोट नहीं पहुंचाई, लेकिन उसने सीधे हवा में छलांग लगा दी और हमारी ओर बढ़ा l जोश और मैंने सौ-गज दौड़ के लिए नए विश्व रिकॉर्ड बनाए l
मैंने अपनी दुस्साहस से कुछ सीखा : कभी-कभी अन्य लोगों के काम में न झाँकना ही सबसे उत्तम होता है l यीशु में सहविश्वासियों के साथ संबंधों में यह विशेष रूप से सच है l प्रेरित पौलुस ने थिस्सलुनीकियों को “चुपचाप रहने और अपना-अपना काम काज करने और अपने अपने हाथों से कमाने का प्रयत्न” करने हेतु प्रोत्साहित किया (1 थिस्सलुनीकियों 4:11) l हमें दूसरों के लिए प्रार्थना करनी चाहिए और परमेश्वर के अनुग्रह से वचन साझा करने की कोशिश करनी चाहिए और कभी-कभी हमें सुधार के एक कोमल शब्द की पेशकश करने के लिए कहा जा सकता है l लेकिन एक शांत जीवन जीना सीखना और दूसरों के जीवन में दखल न देना महत्वपूर्ण है l यह उन लोगों के लिए एक उदाहरण बन जाता है जो अभी परमेश्वर के परिवार में नहीं हैं (पद.12) l हमारी बुलाहट “आपस में प्रेम रखना [है]” (पद.9) l