इंग्लैंड के साउथेम्पटन में, अक्टूबर बुक्स(October Books), जो एक बुकस्टोर है, दो सौ से अधिक स्वयंसेवकों ने उनका स्टॉक थोड़ी आगे सड़क पर स्थानांतरित करने में सहायता की l सहायकों ने फुटपाथ पर लाइन लगाई और किताबों को “मानव वाहक पट्टा(human conveyor belt)” से गुजारा l स्वयंसेवकों को कार्य करते हुए देखकर, स्टोर के एक कर्मचारी ने कहा, “यह . . . लोगों को [मदद] करते हुए देखने का एक वास्तविक मार्मिक अनुभव था . . . वे कुछ ज्यादा ही बड़े का हिस्सा बनना चाहते थे l”
हम भी खुद की अपेक्षा बहुत बड़ी चीज का हिस्सा हो सकते हैं l परमेश्‍वर हमें अपने प्रेम के संदेश के साथ संसार तक पहुँचने के लिए उपयोग करता है l क्योंकि किसी ने हमारे साथ संदेश साझा किया है, हम किसी अन्य व्यक्ति की ओर मुड़कर इसे आगे बढ़ा सकते हैं l पौलुस ने इसकी तुलना की─परमेश्वर के राज्य का निर्माण से─एक बगीचे को बढाने से l हममें से कुछ लोग बीज बोते हैं जबकि हममें से कुछ लोग बीज को पानी देते हैं l जैसा कि पौलुस ने कहा, हम “परमेश्वर के सहकर्मी” हैं (1 कुरिन्थियों 3:9) l
प्रत्येक कार्य महत्वपूर्ण है, फिर भी सब परमेश्वर की आत्मा की सामर्थ्य में किए जाते हैं l अपनी आत्मा के द्वारा, परमेश्वर लोगों को आध्यात्मिक रूप से पनपने में सक्षम बनाता है जब वे सुनते हैं कि वह उनसे प्यार करता है और अपने पुत्र को उनके स्थान पर मरने के लिए भेजा है ताकि वे अपने पाप से मुक्त हो सकें (यूहन्ना 3:16) l
परमेश्वर आप और मेरे जैसे “स्वयंसेवकों” के द्वारा पृथ्वी पर अपना काम करता है l हालाँकि हम एक समुदाय का हिस्सा हैं जो हमारे द्वारा किए गए किसी भी योगदान से बहुत बड़ा है, हम संसार के साथ उसके प्यार को साझा करने के लिए एक साथ काम करके इसे बढ़ने में मदद कर सकते हैं l