छुट्टियों के बाइबल स्कूल के लिए एक साल, आदित के चर्च ने बाइबल कहानी को चित्रित करने के लिए जीवित जानवरों को लाने का फैसला किया l जब वह मदद करने पहुंचा तो आदित को एक बकरी अंदर लाने के लिए कहा गया l उसे वास्तव में रोमिल(wooly) जानवर को एक रस्सी द्वारा चर्च हॉल में खींचना पड़ा l लेकिन जैसे-जैसे सप्ताह बीतता गया, वह उसके पीछे आने में कम खिलाफ थी l सप्ताह के अंत तक, आदित को अब रस्सी नहीं पकड़नी थी; उसने सिर्फ बकरी को बुलाया और वह उसके पीछे आ गयी, यह जानकार कि वह उस पर भरोसा कर सकती थी l
नए नियम में, यीशु ने अपने आप को एक चरवाहे से तुलना करते हुए कहा कि उसके लोग, जो भेड़ें हैं, उसका अनुसरण करेंगे क्योंकि वे उसकी आवाज जानते हैं (यूहन्ना 10:4) l लेकिन वही भेड़ें किसी अजनबी या चोर से दूर भागेंगी (पद.5) l भेड़ की तरह, हम (परमेश्वर के बच्चे) उसके साथ अपने संबंध के द्वारा अपने चरवाहे की आवाज पहचानते हैं l और जब हम ऐसा करते हैं, हम उसके चरित्र को देखते हैं और उस पर भरोसा करना सीखते हैं l
जब हम परमेश्वर को जानने और उससे प्यार करने में उन्नति करते हैं, तो हम उसकी आवाज़ को पहचानेंगे और बेहतर तरीके से “चोर” से─उन लोगों से जो हमें धोखा देकर उससे दूर ले जाने की कोशिश करते हैं─भागेंगे जो “केवल चोरी करने और घात करने और नष्ट करने को आता है” (पद.10) l उन झूठे शिक्षकों के विपरीत, हम अपने चरवाहे की आवाज पर सुरक्षित अगुवाई करने के लिए भरोसा कर सकते हैं l
बाइबल पढ़ने के द्वारा आपने परमेश्वर के चरित्र के बारे में क्या सीखा है? इसने आप पर क्या असर डाला है? परमेश्वर की आवाज़ को समझने में आपकी मदद क्या करेगा?
स्वर्गिक पिता, मेरे प्रेमी चरवाहा होने के लिए धन्यवाद l मुझे केवल आपकी आवाज़ को पहचानने और उसका अनुसरण करने में मदद करें l