लूसी वोर्स्ले एक ब्रिटिश इतिहासकार और टीवी प्रस्तुतकर्ता हैं l जनता की नज़र में ज्यादातर लोगों की तरह, वह कभी-कभी एक बुरा मेल प्राप्त करती है─उसके मामले में, एक हलकी भाषण शक्ति बाधा पर, जिसमें उसके r, w की तरह सुनाई देते हैं l एक व्यक्ति ने यह लिखा : लूसी, मैं क्रुद्ध हो जाऊंगा : कृपया अपने मंद भाषण को सही करने या अपने आलेख से r हटाने के लिए अधिक प्रयास करें─मैं आपकी टीवी श्रृंखला में पूरे समय बैठ न सका क्योंकि इससे मुझे बहुत नाराजगी हुई l शुभकामनाएँ, डैरेन l”
कुछ लोगों के लिए, इस तरह की असंवेदनशील टिप्पणी समान रूप से असभ्य जवाब को सक्रिय कर सकती है l लेकिन यहाँ लूसी ने इस तरह जवाब दिया : “ओह डैरेन, मुझे लगता है कि आपने इंटरनेट के गुमनामी का इस्तेमाल कुछ कहने के लिए किया है, जो शायद आप मेरे सामने नहीं कहते l कृपया अपने निर्दयी शब्दों पर पुनर्विचार करें! लूसी l”
लूसी का नपा-तुला जवाब काम कर गया l डैरेन ने माफी मांगी और किसी को भी दोबारा ऐसा ई-मेल न भेजने का संकल्प किया l
नीतिवचन कहता है, “कोमल उत्तर सुनने से गुस्सा ठंडा हो जाता है, परन्तु कटुवचन से क्रोध भड़क उठता है” (15:1) l जबकि क्रोधी व्यक्ति झगड़ा मचाता है, धीरजवंत व्यक्ति उसे शांत करता है (पद.18) l जब हमें किसी सहकर्मी से आलोचनात्मक टिप्पणी, परिवार के किसी सदस्य से एक भद्दी टिप्पणी या किसी अजनबी से बुरा जवाब मिलता है, तो हमारे पास एक विकल्प होता है : क्रोधी शब्दों को बोलने के लिए जो आग की लपटों को भड़का दें या कोमल शब्द जो उन्हें बुझा दें l
ईश्वर हमें ऐसे शब्द बोलने में मदद करे जो क्रोध को दूर करते हैं—और शायद कठिन लोगों को बदलने में भी मदद कर सकें l
उस समय के बारे में सोचें जब आप किसी के साथ रक्षात्मक हो गए थे l आपको क्यों लगता है आपने इस तरह से प्रतिक्रिया व्यक्त की? आप परमेश्वर की सामर्थ्य में अलग तरह से कैसे प्रतिक्रिया दे सकते थे?
प्रेमी परमेश्वर, मुझे झगड़ालू लोगों को धीरजवंत, कोमल शब्दों से उत्तर देने की क्षमता दें l