गुप्त दाता
शारीरिक रूप से अक्षम वयोवृद्ध क्रिस्टोफर के लिए, रोजमर्रा की गतिविधियाँ अधिक चुनौतीपूर्ण हो गई थीं, उन्हें खत्म करने में अधिक समय लगने लगा था, और उसके दर्द में वृद्धि होती थी l फिर भी, उसने अपनी पत्नी और बच्चे की सेवा करने की पूरी कोशिश की l राहगीर उसे हर सप्ताह अपने बगीचे में कड़ी मेहनत करते हुए देखते थे l
एक दिन, क्रिस्टोफर को एक अनाम दाता से एक पत्र मिला─और उसके बगीचे में उसकी मदद करने के लिए एक महंगी मशीन l गुप्त दाता की संतुष्टि किसी की ज़रूरत में मदद करने के विशेषाधिकार के द्वारा आई l
यीशु ने यह नहीं कहा कि हमारा सम्पूर्ण दान गुप्त होना चाहिए, लेकिन जब हम देते हैं तो वह हमारे उद्देश्यों की जांच करने के लिए हमें याद दिलाता है (मत्ती 6:1) l उसने यह भी कहा : “इसलिए जब तू दान करे, तो अपने आगे तुरही न बजवा, जैसे कपटी, सभाओं और गलियों में करते हैं, ताकि लोग उन की बड़ाई करें” (पद.2) l जबकि परमेश्वर हमसे खुले हाथों से देनेवाला बनने की आशा करता है वह हमसे लोगों के सामने विशेष मान्यता या सराहना प्राप्त करने के उद्देश्य से दूर रहने के लिए उत्साहित करता है (पद.3) l
जब हम अहसास करते हैं कि सब कुछ परमेश्वर की ओर से मिलता है, हम गुप्त दाता बन सकते हैं जिन्हें अपनी पीठ थपथपाने या दूसरों की प्रशंसा हासिल करने की जरूरत नहीं है l हमारा सभी अच्छी चीजों का सर्वज्ञानी दाता अपने लोगों के वास्तविक उदारता में प्रसन्न होता है l कुछ भी उसकी मंजूरी के उपहार को पराजित नहीं करता है l
उसके लायक या योग्य
अफ्रीकी कांगो में एक अंग्रेजी मिशनरी चिकित्सक हेलेन रोजवेयर को 1964 में सिम्बा विद्रोह के दौरान विद्रोहियों द्वारा कैदी बना लिया गया था l बंदी बनानेवालों ने उन्हें पीटा और उनके साथ दुर्व्यवहार किया, उसने बहुत कष्ट भोगा l उसके बाद के दिनों में, उसने खुद से पूछा, “क्या वह इसके लायक है?”
जब वह यीशु के पीछे चलने की कीमत पर विचार करने लगी तो उसने परमेश्वर को उससे उसके विषय बात करते हुए महसूस किया l वर्षों बाद उसने एक साक्षात्कारकर्ता को समझाया, “जब विद्रोह के दौरान भयानक क्षण आए और कीमत चुकाना बहुत बड़ा लग रहा था, तो प्रभु मुझसे बात करता हुए प्रतीत हुआ, ‘प्रश्न को बदल दो l ऐसा नहीं है, ‘क्या वह लायक है?’ यह ऐसा है ‘क्या मैं उसके लायक हूँ?’” ’उसने निष्कर्ष निकाला कि दर्द के बावजूद उसने सहन किया था, “ हमेशा जवाब है हाँ, वह योग्य है l’” ’
अपने खौफनाक आजमाइश के दौरान परमेश्वर के अनुग्रह के कार्य के कारण, हेलेन रोजवेयर ने फैसला किया कि वह उद्धारकर्ता जिसने उसके लिए मृत्यु सही, उसका अनुसरण करना योग्य था चाहे वह जिसका भी सामना कर रही थी l उसके शब्द, “वह योग्य है” प्रकाशितवाक्य की पुस्तक में यीशु के सिंहासन के चारों ओर के लोगों की पुकार की प्रतिध्वनि है l “और वे ऊंचे शब्द से कहते थे, ‘वध किया हुआ मेम्ना ही सामर्थ्य और धन और ज्ञान के योग्य है!’” (5:12) l
हमारे उद्धारकर्ता ने दुःख उठाया और लहू बहाया और हमारे लिए मृत्यु सही, खुद को पूरी तौर से बलिदान कर दिया, ताकि हम सेंत-मेंत में अनंत जीवन और आशा प्राप्त करें l उसका सम्पूर्ण हमारे सम्पूर्ण की मांग करता है l वह योग्य है!
मृत्यु क्षेत्र
2019 में, एक पर्वतारोही ने माउंट एवरेस्ट के शिखर से अपना अंतिम सूर्योदय देखा l वह खतरनाक चढ़ाई से बच गया, लेकिन उच्च तुंगता(high altitude) ने उसके हृदय को सिकोड़ दिया, और नीचे दुर्गम यात्रा पथ पर उसकी मृत्यु हो गयी l एक चिकित्सा विशेषज्ञ पर्वतारोहियों को चेतावनी देते हैं कि वे अपनी यात्रा के अंत के रूप में शिखर के विषय न सोचें l याद रखते हुए कि “वे मृत्यु क्षेत्र में हैं,” उन्हें शीघ्रता से ऊपर चढ़ना और नीचे उतरना पड़ता है l
दाऊद ने अपनी खतरनाक चढ़ाई पर बच गया l उसने शेरों और भालुओं को मार डाला, गोलियत को मार डाला, शाऊल के भाले और सेना को चकमा दिया, और पहाड़ का राजा बनने के लिए पलिश्तियों और अम्मोनियों को पराजित किया l
लेकिन दाऊद भूल गया कि वह मृत्यु क्षेत्र में था l अपनी सफलता के चरम पर, “जहाँ जहाँ दाऊद जाता था वहां वहां यहोवा उसको जयवंत करता था” (2 शमूएल 8:6), उसने व्यभिचार और हत्या की l उसकी शुरुआती गलती? वह पर्वत छोटी पर ठहर गया l जब उसकी सेना नई चुनौतियों के लिए तैयार हुई, तो वह “यरूशलेम में रह गया” (11:1) l दाऊद ने एक बार गोलियत से लड़ने के लिए स्वेच्छा से भाग लिया था; अब वह अपनी जीत की प्रशंसा में सुस्ताया l
जब परमेश्वर के साथ-साथ, सभी लोग, कहते हैं कि आप विशेष हैं तो उस अवस्था में अपने आपे में रहना कठिन होता है (7:11-16) l लेकिन हमें रहना चाहिए l अगर हमें कुछ सफलता मिली है, तो हम उचित रूप से उपलब्धि का जश्न मना सकते हैं और बधाई स्वीकार कर सकते हैं, लेकिन हमें आगे बढ़ते रहना चाहिए l हम मृत्यु क्षेत्र में हैं l पहाड़ से नीचे आइए l विनम्रतापूर्वक घाटी में दूसरों की सेवा करें─परमेश्वर से आपके हृदय और आपके कदमों की रक्षा करने के लिए कहिये l
"हमारे प्रभु यीशु मसीह के परमेश्वर और पिता का धन्यवाद हो, जो दया का पिता और सब प्रकार की शान्ति का परमेश्वर है। वह हमारे सब क्लेशों में शान्ति देता है; ताकि हम उस शान्ति के कारण जो परमेश्वर हमें देता है, उन्हें भी शान्ति दे सकें जो किसी प्रकार के क्लेश में हों। " (2 कुरिन्थियों 1: 3-4)