संतोष का रहस्य
जब जोनी इरटन टाडा एक तैराकी दुर्घटना में पीड़ित होने के बाद घर लौटी, जिससे उसके गर्दन से नीचे पूरे शरीर में लकवा मार गया, उसका जीवन बहुत अधिक भिन्न हो गया था l अब दरवाजे उसके व्हीलचेयर के लिए बहुत संकरे थे और वाश बेसिन काफी ऊँचे थे । जब तक कि उसने खुद भोजन करने का तरीका फिर से सीखने का फैसला नहीं किया, किसी को उसे खिलाना पड़ता था l पहली बार अपने बाँह की खपच्ची की मदद से एक विशेष चमच्च अपने मुँह तक ले जाते समय, उसने खुद को अपमानित महसूस किया जब उसने अपने कपड़ों पर एप्पल सॉस फैला दी l लेकिन वह कोशिश करती रही । जैसा कि वह कहती है, “मेरा रहस्य यीशु पर सहारा लेना सीखना और कहना था, ‘हे प्रभु, इसमें मेरी मदद कर!’” आज वह एक चम्मच का उपयोग बहुत ही अच्छे से करती है ।
जोनी कहती है उसके एकांतवास ने उसे एक और कैदी──प्रेरित पौलुस, जो रोम के जेल में कैद था──और फिलिप्पियों को लिखी उसकी पत्री की ओर देखने को विवश किया l पौलुस ने जो हासिल किया था उस के लिए जोनी प्रयासरत थी : “मैं ने यह सीखा है कि जिस दशा में हूँ; उसी में संतोष करूं” (फिलिप्पियों 4:11) । ध्यान दे कि पौलुस को शांत रहना सीखना पड़ा; वह स्वाभाविक रूप से शांतिमय नहीं था । उसने संतोष कैसे पाया? मसीह पर भरोसा करने के द्वारा : “जो मुझे सामर्थ्य देता है उसमें मैं सब कुछ कर सकता हूँ” (पद.13) l
हम सब समस्त दिनों में विभिन्न चुनौतियों का सामना करते है; और हम सब यीशु की ओर मदद, सामर्थ्य और शांति के लिए पल-पल देख सकते हैं l वह हमें अपने प्रिय जनों पर तंज कसने से रोकने में सहायता करेगा; वह हमें अगला कठिन काम करने का साहस देगा l उसकी ओर देखें और संतोष प्राप्त करें l
आपके जीवन का जुनून
वर्षों पहले एक शाम, हम दोनों पति-पत्नी दो मित्रों के साथ पहाड़ की पगडंडी से नीचे उतर रहे थे l वह पगडंडी संकरी थी और एक ढलान के चारों ओर घूमकर जाती थी जिसके एक ओर खड़ी गहरी ढाल और दूसरी ओर अलंघ्य किनारा था l
जैसे हम एक मोड़ के निकट पहुंचे, मैंने एक विशाल भालू को आराम से जाते देखा, जो दोनों ओर अपना सिर हिलाते हुए नीचे स्वर में हांफ रहा था l हम हवा के रुख के साथ थे, और उसे हमारी उपस्थिति का पता नहीं चला था, लेकिन जल्द ही पता चल जाता l
हमारे मित्र ने अपने जैकेट में कैमरा ढूंढ मारी l “ओह, मुझे एक तस्वीर लेनी है!” मैंने अपनी परिस्थिति से कम सहज होते हुए कहा, “नहीं, हमें यहाँ से निकल जाना चाहिए l” इसलिए हम चुपचाप पीछे हट गए जब तक कि हम उसकी दृष्टि से ओझल नहीं हो गए──और भाग नहीं गए l
ऐसे ही हमें धनी होने के खतरनाक जुनून को महसूस करना चाहिए । पैसे में कुछ भी गलत नहीं है; यह सिर्फ लेन-देन का एक माध्यम है । परन्तु जो धनी होना चाहते हैं वे “ऐसी परीक्षा और फंदे और बहुत सी व्यर्थ और हानिकारक लालसाओं में फंसते हैं, जो मनुष्यों को बिगाड़ देती हैं और विनाश के समुद्र में डूबा देती है,” पौलुस ने लिखा (1 तीमुथियुस 6:9) l धन सिर्फ अधिक पाने का प्रेरक है ।
इसके बदले, हम “धर्म, भक्ति, विश्वास, प्रेम, धीरज और नम्रता का पीछा [करें]” (पद.11) l इस तरह की प्रवृतियाँ हममें विकसित होती हैं जब हम उनका पीछा करते हैं और परमेश्वर से उन्हें हमारे अन्दर आकार देने के लिए कहते हैं l इस प्रकार हम गहरी संतुष्टि को प्राप्त करते हैं जो हम परमेश्वर में ढूंढते हैं ।
परमेश्वर की सुरक्षा
सुइयाँ, दूध, मशरूम, लिफ्ट, जन्म, मधुमक्खियाँ, ब्लेंडर में मधुमक्खियाँ──ये टीवी कार्यक्रम मंक(Monk) के गुप्तचर और शीर्ष चरित्र श्री एड्रिअन मंक(Adrian Monk) के लिए जिम्मेदार कई आशंकाओं(phobia) का एक अंश है l लेकिन जब वह और उसका लम्बे समय का प्रतिद्वन्दी हेरल्ड क्रेनशॉ अपने आप को एक कार की डिक्की(trunk) में बंद पाते हैं, मंक को एक सफलता मिलती है जिसके कारण वह अपनी सूची से कम से कम एक भय── क्लॉस्ट्रोफोबिया(अधीरता विकार)──निकाल पाता है l
यह तब होता है जब मंक और हेरेल्ड दोनों ही घबरा रहे होते हैं कि एपिफेनी(दिव्य प्रकाशन) का समय आ जाता है, जिससे मंक के क्रोध में बाधा आती है l “शायद हम इसे गलत तरीके से देख रहे है,” वह हेरेल्ड से कहता है । “ये डिग्गियां(बॉक्स), ये दीवारें . . . यह हम पर हमला नहीं कर रही हैं, यह हमारी रक्षा कर रही हैं, सच में । ये खराब चीजों को बाहर रख रहें हैं . . . कीटाणु, और सांप, और माउथ ऑर्गन ।” आँखें चौड़ी करते हुए, हेरेल्ड देखता है कि उसका मतलब क्या है और आश्चर्य में फुसफुसाता है, “यह डिक्की/बॉक्स हमारा मित्र है l”
भजन 63 में, दाऊद को लगभग वैसा ही दिव्य प्रकाशन होता है । “सुखी और निर्जल भूमि पर,” होने के बावजूद जब दाऊद परमेश्वर की सामर्थ्य, महिमा और करुणा को स्मरण करता है (पद.1-3), यह ऐसा है मानो रेगिस्तान परमेश्वर की देखभाल और सुरक्षा की जगह में बदल जाता है । माँ के पंखों के आश्रय में एक चिड़िया के बच्चे के छिपे हुए होने की तरह, दाऊद ने पाया कि जब वह परमेश्वर से लिपट जाता है, यहाँ तक कि उस बंजर जगह में भी, उसका “जीव मानो चर्बी और चिकने भोजन से तृप्त” हो सकता है (पद.5), उस प्रेम में पोषण और सामर्थ्य पाता है जो “जीवन से भी उत्तम है” (पद.3) l
दयालुता की विरासत
मार्था ने एक प्राथमिक स्कूल में एक सहायक शिक्षिका के रूप में 30 साल से ज्यादा सेवा की । हर साल, वह जरुरतमन्द बच्चों के लिए नए कपड़े खरीदने के लिए पैसे बचाती थी l उसके ल्यूकेमिया(leukemia) से लड़ाई हारने के बाद, हम ने जीवन सेवा का एक उत्सव आयोजित किया । फूलों की जगह, लोगों ने उन छात्रों को जिन से वह प्यार करती और दशकों से जिनकी सेवा करती थी सौ से अधिक एकदम नए कपड़े दान किए । कई लोग उन के बारे में कहानियाँ बतायीं कि कैसे अनगिनत तरीकों से मार्था ने दूसरों को दयालु शब्दों और विचारशील कार्यों द्वारा प्रोत्साहित किया था l अनंतकाल के इस तरफ उसकी जिन्दगी खत्म होने के बाद उसके साथी शिक्षकों ने तीन वर्षों तक वार्षिक वस्त्र मुहिम चलाकर उसके स्मरण को सम्मानित किया l उसकी भलाई की विरासत आज भी उदारता से जरुरतमंदों की सेवा करने के लिए प्रेरित करती है l
प्रेरितों 9 में, प्रेरित लूका दोरकास की कहानी साझा करता है, एक महिला जो “बहुत से भले-भले काम और दान किया करती थी” (पद.36) l बीमार होकर मरने के बाद, उस शोकित समुदाय ने पतरस को आने के लिए आग्रह किया । सारी विधवाओं ने पतरस को दिखाया कि दोरकास किस तरह सेवा करने के लिए जीती थी (पद.39) । दया के एक आश्चर्यकर्म में, पतरस ने दोरकास को जीवित किया । दोरकास के जीवित होने की खबर फैली, और “बहुतेरों ने प्रभु पर विश्वास किया” (पद.42) । पर यह दोरकास का व्यावहारिक तरीकों से सेवा करने की प्रतिबद्धता थी जो उसके समुदाय में हृदयों को छूआ और उदार प्रेम की सामर्थ्य को प्रकट किया ।