थवाक! मैंने उपर देखा और उस आवाज की तरफ अपना कान लगाया । खिड़की के फलक पर एक धब्बा देखकर, मैं बाहर झाँकी और चिड़िया का धड़कता-शरीर देखा । मेरा हृदय दुखित हुआ । मैं नाजुक पंख वाली चिड़िया की मदद करने के लिए ललायित हो गई ।
मत्ती 10 में, जब यीशु अपने चेलों को आसन्न खतरे के बारे में आगाह किया, उसने उनको दिलासा देने के लिए गौरेयों के लिए अपने पिता की देखभाल का वर्णन किया l उसने बारहों को निर्देश दिया जब उसने, उन्हें अशुद्ध आत्माओं पर अधिकार दिया कि उन्हें निकालें और सब प्रकार की बीमारियों और सब प्रकार की दुर्बलताओं को दूर करें” (पद.1) l जबकि ऐसे सामर्थ्य के काम करना चेलों को बहुत अच्छा लग रहा होगा, अनेक उनका विरोध करने वाले थे, जिसमें शासकीय अधिकारी, उनके अपने परिवार, और दुष्ट की फुसलानेवाली पकड़ शामिल थी (पद.16-28) l
फिर 10:29-31 में, यीशु ने उनसे किसी का भी सामना करने में भयभीत नहीं होने के लिए कहा क्योंकि वे कभी भी अपने पिता की देखभाल से बाहर नहीं होने वाले थे l उसने पूछा, “क्या पैसे में दो गौरेयें नहीं बिकतीं? तौभी तुम्हारे पिता की इच्छा के बिना उनमें से एक भी भूमि पर नहीं गिर सकती . . . इसलिए डरो नहीं; तुम बहुत गौरेयों से बढ़कर हो l”
मैंने दिन भर उस पक्षी की जाँच की, हर बार उसे जीवित देखा लेकिन शांत l फिर, देर शाम वह उड़ गयी थी l मैंने प्रार्थना की कि वह बच जाए l निश्चित रूप से अगर मैं इस चिड़िया की इतनी परवाह कर रही थी, परमेश्वर इससे भी अधिक देखभाल करता है l कल्पना कीजिये कि वह आपकी और मेरी कितनी परवाह करता है!
आपने अतीत में किस तरह परमेश्वर को आपकी देखभाल करते हुए देखा है? सब कुछ जिसका आप सामना करते हैं आप यह समझकर कि आप अपने पिता की देखभाल के बाहर कभी नहीं हैं, आप कैसे हिम्मत जूता सकते हैं?
प्रिय पिता, मेरा हमेशा ध्यान रखने और मेरी देखभाल करने के लिए धन्यवाद ।
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