पर्थ, ऑस्ट्रेलिया में, शालोम हाउस नाम की एक जगह है जहाँ नशे की लत से जूझ रहे लोग मदद ढूंढने के लिए जाते है । शालोम हॉउस में, वे देखभाल करने वाले कर्मचारियों से मिलते है, जो उन्हें परमेश्वर के शालोम (इब्रानी में शांति) से परिचित कराते हैं l ड्रग्स, शराब, जुआ और अन्य हानिकारक लतों के नीचे कुचले हुए जीवन, और दूसरे विनाशकारी व्यवहार परमेश्वर के प्रेम से रूपांतरित किये जा रहे हैं l 

इस रूपांतरण का केंद्र क्रूस का संदेश है । शालोम हॉउस के टूटे हुए लोग यह समझते हैं कि  यीशु के पुनरुत्थान के द्वारा, वे अपने जीवन को पुनरुत्थित महसूस कर सकते है । मसीह में, हम सच्ची शांति और चंगाई हासिल करते हैं ।

शांति केवल टकराव/द्वन्द् की उनुपस्थिति नहीं है; यह परमेश्वर की सम्पूर्णता की उपस्थिति है l हम सब को इस शालोम की जरूरत है, और यह सिर्फ मसीह और उसकी आत्मा में पाया जाता है । इसलिये पौलुस ने गलातियों को आत्मा के परिवर्तनकारी काम की ओर इंगित किया जिसमें प्रेम, आनंद, धीरज, और अतिरिक्त शामिल है (गलतियों 5:22-23) । वह हमें उस सच्ची, स्थायी शांति का अत्यावश्यक अंश देता है ।

जब आत्मा हमें परमेश्वर के शालोम में रहने के लिए सक्षम बनाता है, हम अपने जरूरतों और चिंताओं को अपने स्वर्गीय पिता के पास लाना सीखते हैं । यह बदले में हमें ‘‘परमेश्वर की शांति [देता है], जो सारी समझ से परे है”──वह शांति जो ‘‘[हमारे] हृदय और [हमारे] विचारों को मसीह यीशु में सुरक्षित रखेगी” (फिलिप्पियों4:7) l

मसीह के आत्मा में, हमारे हृदय सच्चा शालोम अनुभव करते हैं l