जॉन सोवर्स अपनी किताब फादरलेस जेनरेशन(Fatherless Generation) में लिखते हैं कि “किसी पीढ़ी ने इस पीढ़ी के समान इतनी स्वैच्छिक पिता की उनुपस्थिति नहीं देखी है जहाँ 2.5 करोड़ बच्चे एकल माता-पिता के घर में बढ़ रहे हैं l” मेरे खुद के अनुभव में, यदि मैं अपने पिता से सड़क पर टकराता तो मैं उन्हें नहीं पहचानता । जब मैं बहुत छोटा था तब मेरे माता-पिता का तलाक हो गया था, और मेरे पिता की सारी तस्वीरें जला दी गईं थी l   इसलिये मैंने वर्षों तक अनाथ महसूस किया । फिर 13 साल की उम्र में मैंने प्रभु की प्रार्थना सुनी (मत्ती 6:9-13) और मैंने अपने आप से कहा, तुम्हारे पास एक सांसारिक पिता नहीं हो सकता है पर अब परमेश्वर तुम्हारे पास स्वर्गीय पिता के रूप में है ।

मत्ती 6:9 में हमें प्रार्थना करना सिखाया जाता है, “हे हमारे पिता, तू जो स्वर्ग में है; तेरा नाम पवित्र माना जाए।” इससे पहले पद 7 प्रार्थना करते समय “बक बक न करो” करने के लिए कहता है, और हम आश्चर्य कर सकते हैं कि ये पद आपस में कैसे जुड़े हैं । मैंने यह एहसास किया कि क्योंकि परमेश्वर याद रखता है, हमें दोहराने की जरूरत नहीं है । वह सच में समझता है, तो हमें समझाने की जरूरत नहीं है । उसके पास एक करुणामय हृदय है, तो हमें उसकी भलाई के विषय अनिश्चित रहने की जरूरत नहीं है । और इसलिए कि वह आरम्भ से ही अंत जानता है, हम जानते हैं कि उसका समय सही है l 

क्योंकि परमेश्वर हमारा पिता है, उसे कार्यवाही करने के लिए हमें “बहुत बोलने” (पद.7) की ज़रूरत नहीं है l प्रार्थना के द्वारा, हम ऐसे पिता से बात करते हैं जो हमसे प्रेम करता है और हमारी देखभाल करता है और यीशु के द्वारा हमें अपनी संतान बनाया है l