जब नाज़ियों ने द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान फ्रान्ज़ जैगरस्टेटर को अनिवार्य रूप से भर्ती किया, तो उन्होंने सैन्य बुनियादी प्रशिक्षण पूरा किया लेकिन एडॉल्फ़ हिटलर के प्रति व्यक्तिगत वफदारी की आवश्यक प्रतिज्ञा लेने से इंकार कर दिया l अधिकारियों ने फ्रान्ज़ को उसके फार्म पर लौटने की अनुमति दी, लेकिन बाद में उन्होंने उसे सक्रिय ड्यूटी पर बुलाया l नाज़ी विचारधारा को करीब से देखने और यहूदी नरसंहार के बारे में जानने के बाद,हलांकि, जैगरस्टेटरने परमेश्वर के प्रति अपनी वफादारी का फैसला किया, जिसका मतलब था कि वह नाज़ियों के लिए कभी नहीं लड़ सकता l उन्हें गिरफ्तार कर लिए गया और उन्हें फांसी की सज़ा सुनाई गयी, उनके पीछे उनकी पत्नी और तीन बेटियों रह गयीं l
वर्षों से, यीशु में कई विश्वासियों ने——मृत्यु की जोखिम के तहत——परमेश्वर की अवज्ञा करने की आज्ञा देने पर दृढ़ता से इंकार किया है l दानिय्येल की कहानी एक ऐसी ही कहानी है l जब राजादेश ने धमकी दी कि यदि कोई “[राजा] को छोड़, किसी मनुष्य या देवता से विनती करेगा, वह सिंहों की माँदमें डाल दिया जाएगा”(दानिय्येल 6:12) l दानिय्येल ने सुरक्षा को अस्वीकार किया और विश्वासयोग्य बना रहा l “अपनी रीति के अनुसार जैसा वह दिन में तीन बार अपने परमेश्वर के सामने घुटने टेककर प्रार्थना और धन्यवाद करता था, वैसा ही तब भी करता रहा” (पद.10) l वह नबी परमेश्वर के सामने अपने घुटने टेकता था——और केवल परमेश्वर के सामने——चाहे कुछ भी कीमत चुकाना पड़े l
कभी कभी, हमारे चुनाव स्पष्ट हैं । भले ही हमारे चारों तरफ के लोग हमे प्रचलित मत के साथ जाने के लिए फंसाते हों——भले ही हमारी खुद की प्रतिष्ठा या भलाई खतरे में हो—हम कभी परमेश्वर की आज्ञाकारिता से न पलटें । कभी-कभी, बड़ी हानि के बावजूद, हम जो पेशकश कर सकते हैं वह एक दृढ़ इनकार है l
आप कहाँ महसूस कर रहे हैं कि परमेश्वर की आज्ञाकारिता के लिए आपके दृढ इंकार की ज़रूरत होगी? आपको इस इन्कार की क्या कीमत लगती हैं? आपको क्या लाभ होगा?
हे परमेश्वर, मैं जानता हूँ कि आपके प्रति मेरी वफादारी का मतलब कभी कभी दूसरों की अपेक्षाओं और मांगों को न कहना होगा l यह मुझे महंगा पड़ सकता है l मुझे साहस दीजिये l