अदिति और आकाश तुरंत बच्चा चाहते थे, लेकिन उनके चिकित्सक ने उनसे कहा कि वे एक बच्चे को जन्म देने में असमर्थ हैं । अदिति ने एक मित्र से कहा : “मैंने खुद को परमेश्वर के साथ कुछ बहुत ही ईमानदार बात करते हुए पाया ।” लेकिन यह उन “बातचीत” में से एक के बाद उसने और आकाश ने अपने पास्टर से बात की, जिन्होंने उन्हें अपने चर्च में गोद लेने की सेवा के बारे में बताया l एक साल बाद उन्हें एक दत्तक बच्चे की आशीष मिली l
उत्पति 15 में, बाइबल हमें एक और ईमानदार बातचीत के बारे में बताती है──यह संवाद अब्राम और परमेश्वर के बीच था । परमेश्वर ने उससे कहा था, “हे अब्राम, मत डर; . . . तेरा अत्यन्त बड़ा प्रतिफल मैं हूँ” (पद.1) । परन्तु, अपने भविष्य के बारे में परमेश्वर की प्रतिज्ञाओं के विषय अनिश्चित, अब्राम ने खुलकर उत्तर दिया : “हे प्रभु यहोवा मैं तो निर्वंश हूं . . . अतः तू मुझे क्या देगा?” (पद.2) l
पूर्व में परमेश्वर ने अब्राम से वायदा किया था, “मैं तेरे वंश को पृथ्वी की धूल के किनकों के समान बहुत करूंगा,”(13:16) अब अब्राम ने──बहुत ही मानवीय क्षण में── उसे परमेश्वर को याद दिलाया । लेकिन परमेश्वर के उत्तर पर ध्यान दे : उसने अब्राम को ऊपर देख
कर “तारागन को गिन──क्या तू उनको गिन सकता है?,” कहकर उसे आश्वस्त किया, और यह संकेत दिया कि उसका वंश ऐसा ही होगा (15:5) ।
परमेश्वर कितना अच्छा है, न केवल ऐसी स्पष्ट प्रार्थना की अनुमति देने में लेकिन कोमलता से अब्राम को आश्वस्त करने में भी! बाद में, परमेश्वर उसका नाम अब्राहम (बहुतों का पिता) कर दिया l अब्राहम की तरह, आप और मैं खुले तौर पर उसके साथ अपना हृदय साझा कर सकते हैं और जान सकते हैं कि हम उस पर करने के लिए भरोसा कर सकते हैं जो हमारे लिए और दूसरों के लिए सर्वोत्तम है l
आपको क्या लगता है कि अब्राहम ने महसूस किया जब परमेश्वर ने उसे ऐसे कठिन पल में प्रोत्साहित किया? आज आपको परमेश्वर के साथ कौन सी स्पष्ट बातचीत करनी है?
प्रेमी स्वर्गिक पिता, मेरे जीवन की सबसे अन्तरंग विवरण के बारे में परवाह करने के लिए धन्यवाद । आज मुझे प्रार्थना में आपके निकट रहने में मदद करें ।