एक तेजस्वी सूरजमुखी तेज गति पथ से कुछ फीट की दूरी पर, राष्ट्रीय राजमार्ग के एक सुनसान विस्तार के बीच में अपने दम पर खड़ा था, l जब मैंने उसके पास से अपनी गाड़ी निकाली, मुझे आश्चर्य हुआ कि वह वहाँ कैसे उगा था जबकि मीलों तक सूर्यमुखी के पौधे दिखाई नहीं दे रहे थे l केवल परमेश्वर ही एक पौधे को इतना कठोर बना सकता था कि वह धूसर बजरी में सड़क के इतने करीब मध्य रेखा के किनारे बढ़ सकता था l वहां वह था, बढ़ रहा था, हवा में झूम रहा था और गति से जा रहे यात्रियों का अभिवादन कर रहा था l 

पुराने नियम में यहूदा के एक विश्वासयोग्य राजा की कहानी बताई गई  है जो अप्रत्याशित रूप से दिखाई दिया l उसके पिता और दादा ने उत्साहपूर्वक अन्य देवताओं की उपासना की थी; लेकिन योशिय्याह आठ साल तक राज्य करने के बाद, “[जब] वह लड़का ही था [उसने] अपने मूलपुरुष दाऊद के परमेश्वर की खोज करने लगा” (2 इतिहास 34:3) l उसने यहोवा के भवन की मरम्मत कराने के लिए” श्रमिक भेजे (पद.8), और जब वे काम कर रहे थे उन्हें व्यवस्था की पुस्तक (पुराने नियम की पहली पांच पुस्तकें; पद.14) मिली l तब परमेश्वर ने योशिय्याह को यहूदा के सम्पूर्ण राष्ट्र को विश्वास में लौटने में अगुवाई करने के लिए प्रेरित किया, और वे लोग “उसके (योशिय्याह) जीवन भर” (पद.33) प्रभु की सेवा करते रहे l 

हमारा परमेश्वर अप्रत्याशित दया का स्वामी है l वह जीवन की सबसे प्रतिकूल परिस्थितयों के कठिन बजरी से अप्रत्याशित रूप से अत्यधिक भलाई उत्पन्न करने में सक्षम है l उसे करीब से देखें l वह आज फिर से ऐसा कर सकता है l