गाँव के पास्टर को नींद नहीं आयी l जब द्वितीय विश्व युद्ध और तेज हो गया, उसने अमेरिकी सैनिकों के एक छोटे समूह से कहा कि वह अपने मृत साथियों को चर्च से सटे हुए कब्रिस्तान  में दफ़न नहीं कर सकते l केवल चर्च के सदस्यों को दफनाना अनुमत था l इसलिए सैनिकों ने अपने प्रिय मित्र को कब्रिस्तान  के बाड़े के ठीक बाहर दफ़न कर दिया l 

हालाँकि, अगली सुबह, सैनिक उस कब्र को ढूँढ़ न सके l “क्या हुआ?” कब्र गायब हो गया,” एक सैनिक ने उस पास्टर से कहा l “ओह! वह तो वहीँ पर है,” उन्होंने उससे कहा l सैनिक भ्रमित हो गया, लेकिन उस पास्टर ने समझाया l “आपको नहीं कहने में मुझे अफ़सोस था l इसलिए, पिछली रात, मैं उठा──और मैंने बाड़े को आगे बढ़ा दिया l”

परमेश्वर शायद हमारे जीवन की चुनौतियों को भी नई दृष्टिकोण प्रदान करेगा──यदि हम उसे ढूंढेंगे l नबी यशायाह का इस्राएल के कुचले हुए लोगों के लिए यही सन्देश था l अपने लाल समुद्र के बचाव की ओर लालसा से पीछे देखने के बजाय, उन्हें अपनी दृष्टि स्थानांतरित करनी थी, परमेश्वर को नए आश्चर्यकर्म करते हुए, नये मार्ग गढ़ते हुए देखना था l उसने उनसे आग्रह किया, “प्राचीनकाल की बातों पर मन [न] लगाओ l देखो, मैं एक नई बात करता हूँ” (यशायाह 43:18-19) l संदेह और संघर्ष के समय वही हमारी आशा का श्रोत है l “मैं अपनी चुनी हुई  प्रजा के पीने के लिए जंगल में जल [का प्रबंध करूँगा] और निर्जल देश में नदियाँ बहाऊंगा” (पद.20) l 

नये दर्शन से तरोताज़ा होकर, हम भी परमेश्वर के नूतन मार्गदर्सन को अपने जीवनों में देख सकते हैं l हम अपनी नई दृष्टि से उसके नए मार्गों को देखें l तब, साहस के साथ, हम नई भूमि पर बहादुरी के साथ उसका अनुसरण करें l