जब एक कला संग्राहक ने अपनी वैन गोग चित्रकारी (एक प्रसिद्ध पाश्चात्य चित्रकार) एक कला विशेषज्ञ को दिखाया, विशेषज्ञ ने उस पर एक नज़र डाली और कहा कि यह असली नहीं है । संग्राहक ने उसके बाद उस चित्रकारी को अपनी अटारी में छिपा दिया, जहाँ वह पचास वर्षों तक रखा रहा । उसकी मृत्यु के बाद, और अगले चार दशकों तक उस चित्रकारी का रह रह कर मूल्यांकन होता रहा । हर बार यह पक्का किया गया कि वह नकली था──2012 तक, जब तक कि एक विशेषज्ञ ने चित्रकारी फलक(canvas) के धागा विभाजन(thread separation) को गिनने के लिए कंप्यूटर का उपयोग नहीं किया । उसने पता लगाया कि यह एक ही कैनवास से वैन गोग के एक और चित्रकारी के रूप में काटा गया था । कला संग्राहक के पास वैन गोग का असली चित्रकारी था ।
क्या आप नकली की तरह अनुभव करते हैं? क्या आप डरते हैं कि यदि लोग आपको जाचेंगे, वह जान जाएंगे कि आप कितना कम प्रार्थना करते हैं, कितना कम देते हैं, और कितना कम सेवा करते हैं? क्या आप ताँक-झाँक करनेवाली आँखों से दूर, अटारी में छिपने के लिए प्रलोभित हैं?
अपने जीवन की रूप-रेखा, और रंग के नीचे, गहराई में देखें । यदि आप अपने मार्गों से मुड़ गए हैं और यीशु में विश्वास किये हैं, तब आप और वह एक ही कैनवास के हिस्से हैं । यीशु की तस्वीर का उपयोग करने पर, “मैं दाखलता हूँ : तुम डालियाँ हो” (यूहन्ना 15:5) । यीशु और आप सीवनहीन संपूर्णता बनते हैं ।
यीशु में विश्राम करना आपको उसका सच्चा शिष्य बनाता है । यह अपनी तस्वीर को सुधारने का भी केवल एक तरीका है । उसने कहा, “जो मुझे में बना रहता है और मैं उसमें, वह बहुत फल फलता है, क्योंकि मुझ से अलग होकर तुम कुछ भी नहीं कर सकते” (पद.5) ।
कौन सी बातें आपको सोचने को विवश करती हैं कि क्या आप यीशु के सच्चे शिष्य हैं? किस प्रकार यह डर आपको उसके निकट ले जा सकती है?
यीशु, जैसे एक डाली अपनी दाखलता से जुड़ी है वैसे ही मैं आप में विश्राम करता हूँ ।