व्यापक रूप से साझा किए गए वीडियो में, एक खूबसूरत बुजुर्ग महिला व्हीलचेयर पर बैठी है। कभी प्रसिद्ध बैले डांसर रहीं मार्था अब अल्जाइमर रोग से पीड़ित हैं। लेकिन कुछ जादुई होता है जब स्वान लेक(Swan Lake) नामक धुन बजता है। जैसे-जैसे संगीत बढ़ता है, उसके कमजोर हाथ धीरे-धीरे उठते हैं; और जैसे ही पहली तुरही बजती है, वह अपनी कुर्सी से प्रदर्शन करना शुरू कर देती है। यद्यपि उसका मन और शरीर नष्ट हो रहा है, उसकी प्रतिभा अभी भी है।
उस वीडियो पर विचार करते हुए, मेरे विचार 1 कुरिन्थियों 15 में पुनरुत्थान पर पौलुस की शिक्षा पर गए। हमारे शरीर की तुलना एक बीज से की गयी है जो एक पौधे में अंकुरित होने से पहले दफन होता है, वह कहता है कि यद्यपि हमारे शरीर उम्र या बीमारी से नाश हो सकते हैं, हो सकता है अनादर के साथ, निर्बलता के साथ, पर विश्वासियों के शरीर अविनाशी, महिमा और सामर्थ के साथ जी उठेंगे (पद. 42-44)। जिस तरह बीज और पौधे के बीच एक जैविक संबंध है, हम पुनरुत्थान के बाद “हम” होंगे, हमारे व्यक्तित्व और प्रतिभाएं बरकरार रहेंगी, लेकिन हम इस प्रकार विकसित होंगे जैसे पहले कभी नहीं हुए।
जब स्वान लेक की प्रेतवाधित धुन बजने लगी, तो मार्था पहले निराश दिखी, शायद यह बात उनके ध्यान में थी कि जो वह पहले करती थी अब वह वो नहीं कर सकती । लेकिन तभी एक आदमी उसके पास पहुंचा और उनका हाथ पकड़ लिया। और ऐसा ही हमारे साथ भी होगा। तुरहियां फूकी जाएगी (पद. 52), एक हाथ बाहर निकलेगा, और हम नाचने के लिए उठेंगे जैसे पहले कभी नहीं हुआ।
पुनरुत्थान के बाद आप क्या चाहते है कि आप कर पाए ? यह आपको उम्र के प्रभाव से पीड़ित प्रियजनों के लिए आशा कैसे दे सकता है?
मैं आपकी स्तुति करता हूं, यीशु, कि भविष्य में कुछ भी नहीं खोया जाएगा, लेकिन केवल पुनः प्राप्त किया जाएगा।