अतिथि के रूप में आप अक्सर तमिलनाडु के कई घरों में यह सुनेंगे l यह तमिल लोगों का अपने मेहमान के प्रति देखभाल और नेकी दिखाने का तरीका है। आपका उत्तर चाहे कुछ भी हो, लेकिन वे हमेशा आपको कुछ खाने के लिए या कम से कम एक गिलास पानी या कुछ पीने के लिए देंगे l तमिल लोगों का मानना है कि सच्ची नेकी केवल आदर्श अभिवादन नहीं है लेकिन वास्तविक आतित्थ्य प्रगट करने के लिए शब्दों के पार भी जाना है l
रेबेका भी नेक बनने के विषय सब कुछ जानती थी l उसके दैनिक कार्य में शहर के बाहर कुएं से जल भरकर भारी घड़े को घर ले जाना भी शामिल था l जब अब्राहम के सेवक ने, जो अपनी लम्बी यात्रा के कारण बहुत प्यासा था, उसके घड़े से थोड़ा पानी माँगा, वह उसे जल देने में हिचक महसूस नहीं की(उत्पत्ति 24:17-18) l
लेकिन रिबका ने इससे भी अधिक की l जब उसने देखा कि उसके ऊँट भी प्यासे हैं, वह उनके लिए और जल लाने के लिए तैयार हुयी (पद.19-20) l वह सहायता करने में हिचकिचायी नहीं, यदि उसे एक अतिरिक्त बार (या उससे अधिक बार) भी भारी घड़ा लेकर उस कुएं पर जाना पड़ता l
कई लोगों के लिए जीवन कठिन है और अक्सर दया का एक व्यवहारिक भाव उनकी आत्मा को प्रोत्साहित एवं उठा सकता है l परमेश्वर के प्रेम का वाहिका होकर एक सशक्त उपदेश देना या एक कलीसिया रोपना हमेशा नहीं होता l कभी-कभी, यह केवल किसी को एक गिलास पानी देना हो सकता है l
क्या आप ऐसे किस व्यक्ति को जानते हैं जिसे आपके प्रोत्साहन की आवश्यकता हो सकती है? उन्हें प्रोत्साहित करने के लिए आप किस प्रकार का व्यवहारिक कार्य कर सकते हैं?
स्वर्गीय पिता, मेरी आंखों को खोल कि मैं अपने चारोंओर के लोगों की आवश्यकताओं को जान सकूं। मुझे यह जानने की बुद्धि दे कि मैं किस प्रकार उनको करुणा और देखभाल दिखा सकूं।