“नहीं! मैंने उसे नहीं किया!” जेन ने अपने किशोर बेटे को इन्कार करते हुये बहुत उदास मन से सुनाए क्योंकि वह जानती थी वह सच नहीं बोल रहा था। फिर से साइमन से पूछने से पहले कि क्या हुआ था, उसने परमेश्वर से मदद के लिए प्रार्थना की। साइमन ने इनकार करना जारी रखा।अंत में निराश होकर वह बाहर जाने लगी जब उसने अपने कंधे पर एक हाथ महसूस किया और साइमन की क्षमा याचना सुनी। उसने पवित्र आत्मा के दोषी ठहराए जाने का उत्तर दिया और पश्चाताप किया।
पुराने नियम की योएल की पुस्तक में, परमेश्वर ने अपने लोगों को उनके पापों के लिए सच्चे पश्चाताप के लिए बुलाया क्योंकि उसने पूरे मन से अपने पास लौटने के लिए उनका स्वागत किया (2:12)। परमेश्वर ने पछतावे के बाहरी कृत्यों की तलाश नहीं की, बल्कि यह कि वे अपने कठोर रवैये को नरम कर देंगे, “अपना हृदय फाड़ोए न कि अपने वस्त्र।” योएल ने इस्राएलियों को याद दिलाया कि “परमेश्वर अनुग्रहकारी और दयालु, विलम्ब से कोप करने वाला, और अति प्रेम करने वाला है” (पद 13)।
हमें अपने गुनाहों को कबूल करना कठिन लग सकता है, क्योंकि हम अपने घमंड में अपने पापों को मानना नहीं चाहते। शायद हमने सच्चाई को ठगा है, और हम अपने कर्मों को यह कहते हुए सिद्ध करते हैं की यह केवल “थोड़ा सफेद झूठ” था। पर जब हम परमेश्वर के कोमल पर दृढ़ पश्चाताप की प्रेरणा को ध्यान देते है वह हमें क्षमा करेगा और हमारे सारे अधर्मों से शुद्ध करेगा (1 यूहन्ना 1रू9)। हम अपराध बोध और शर्म से आजाद हो सकते हैं,यह जानते हुए की हम क्षमा किए गये हैं ।
जब आपने “थोड़ा सफेद झूठ” बोला तो आपको कैसा महसूस हुआ? अपने जो किया है उसके एहसास ने दोषसिद्धि और अंततरू पश्चाताप कैसे लाया?
प्रभु यीशु मसीह, आप क्रूस पर मरे ताकि मैं आपके और पिता के साथ सद्भाव में रह सकूं। क्या मैं आपके प्यार के उपहार को स्वीकार कर सकता हूं क्योंकि मैं सच बोलता हूं।