एक नर्सरी का मालिक आड़ू के पेड़ बेचने निकली। उसने विभिन्न दृष्टिकोणों पर विचार किया। क्या उसे सुंदर तरीके से पत्तेदार पौधों को टाट के बोरों में पंक्तिबद्ध करना चाहिए ? क्या उसे विकास के विभिन्न मौसमों में आड़ू के पेड़ों को चित्रित करते हुए एक रंगीन कैटलॉग बनाना चाहिए? आखिर में उसे एहसास हुआ कि वह क्या चीज़ है जो वास्तव में आड़ू का पेड़ बेचती है— यह आड़ू है जो उस पेड़ से पैदा होता है मीठी महक, गहरा नारंगी रंग और चिकनी चमकीली त्वचा। आड़ू के पेड़ को बेचने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि एक पका हुआ आड़ू तोड़ें, इसे तब तक काट कर खोलें जब तक कि रस आपके हाथ से नीचे न गिर जाए, और एक ग्राहक को एक टुकड़ा सौंप दें। जब वे फल का स्वाद लेते हैं, तो वे पेड़ चाहते हैं।
परमेश्वर अपने अनुयायियों में आत्मिक फल के आवरण में स्वयं को प्रकट करता है— प्रेम, आनंद, शांति, सहनशीलता (धैर्य), दया, भलाई, नम्रता, विश्वासयोग्यता, नम्रता और आत्म–संयम (गलातियों 5:22–23)। जब यीशु में विश्वासी ऐसे फल का प्रदर्शन करते हैं तो अन्य लोग भी उस फल को चाहते हैं, और इसलिएए उस फल के स्रोत की तलाश करेंगे जो इतना आकर्षक हो।
फल एक आंतरिक संबंध का बाहरी परिणाम है — हमारे जीवन में पवित्र आत्मा का प्रभाव। फल वह पहनावा है जो दूसरों को उस ईश्वर को जानने के लिए प्रेरित करता है जिसका हम प्रतिनिधित्व करते हैं। जैसे चमकीले आड़ू एक पेड़ की हरी पत्तियों में अलग से लगते हैं, आत्मा का फल भूख से मर रहे संसार के लिए घोषणा करता है,“यह रहा भोजन! यहां जीवन है! आओ और थकावट और निराशा से बाहर निकलने का रास्ता खोजें। आओ और परमेश्वर से मिलो!”
सबसे पहले किस बात ने आपको यीशु की ओर आकर्षित किया? आप अपने जीवन में आत्मा के फल को कैसे प्रदर्शित कर रहे हैं ताकि अन्य लोग इसके स्रोतए परमेश्वर की ओर आकर्षित हों?
पवित्र आत्मा, मैं आपका स्वागत करता हूं कि आप मेरे जीवन में अपना फल बढ़ाना जारी रखें ताकि दूसरे आपको देखें और अपने जीवन में आपको चाहें।