ऑलिव ने अपने मित्र को अपनी कार में दन्त चिकित्सा उपकरण लादते देखा l एक साथी दन्त चिकित्सक ने उससे बिलकुल नई आपूर्ति (सप्लाइज/supplies) खरीदी थी l ऑलिव का एक दन्त चिकित्सक के रूप में अपना खुद का चिकित्सा व्यवसाय करना (प्रैक्टिस) वर्षों से उसका सपना रहा था, लेकिन जब उसका बेटा काइल दिमागी पक्षाघात (सेरिब्रल पैल्सी/cerebral palsy) के साथ जन्म लिया, तो उसने महसूस किया कि उसे उसकी देखभाल के लिए उसे अपना काम बंद करना होगा l 

“यदि मेरे पास लाखों जीवनकाल होते, तो भी मैं वही चुनाव करती,” मेरी सहेली ने मुझसे कहा l “लेकिन दन्त चिकित्सा छोड़ना कठिन था l यह एक सपने की मृत्यु थी l”

हम अक्सर ऐसी कठिनाइयों से गुज़रते हैं जो हमारी समझ से परे होती है l ऑलिव को, उसके बच्चे की अनापेक्षित चिकित्सीय स्थिति और उसकी अपनी आकांक्षाओं को त्यागने का दुःख था l नाओमी को, उसके सम्पूर्ण परिवार से बिछड़ने की पीड़ा थी l रूत 1:21 में वह विलाप करती है, “सर्वशक्तिमान् ने मुझे दुःख दिया है l”

 

लेकिन नाओमी जो देख सकती थी उसकी कहानी में उससे अधिक था l परमेश्वर ने उसे त्यागा नहीं, उसने उसे  एक पोता, ओबेद प्रदान करके उसे पुनर्स्थापन दिया (रूत 4:17) l ओबेद केवल नाओमी के पति और पुत्र का नाम ही आगे बढ़ाने वाला नहीं था, लेकिन उसके द्वारा, वह अपने पूर्वज(बोअज) के माध्यम से स्वयं यीशु की एक सम्बन्धी बनने वाली थी (मत्ती 1:5, 16) l 

परमेश्वर ने नाओमी का दुःख हर लिया l उसने ऑलिव को तंत्रिका सम्बन्धी (न्यूरोलॉजिकल) स्थितियों वाले बच्चों के लिए एक सेवा आरम्भ करने में सहायता करके उसकी पीड़ा को भी हर लिया l हम पीड़ादायक समय का अनुभव कर सकते हैं, लेकिन परमेश्वर की आज्ञा मानते और उसका अनुसरण करते हुए, हम भरोसा कर सकते हैं कि वह हमारी पीड़ा दूर करेगा l अपने प्रेम और बुद्धिमत्ता में, वह इससे अच्छाई उत्पन्न कर सकता है l