सामान खरीदते हुये कीथ अच्छा महसूस नही कर रहा था। उनके हाथ पार्किंसंस रोग के पहले लक्षणों से कांप रहे थे। उसके जीवन की गुणवत्ता कितनी जल्दी कम होने लगी? उसकी पत्नी और बच्चों के लिए इसका क्या अर्थ होगा? कीथ की उदासी, हँसी से टूट गई—व्हीलचेयर में बैठे, हंसते हुए अपने बेटे को एक आदमी ने आलू के ऊपर  धकेल दिया। उस आदमी ने झुक कर अपने बेटे से धीमी आवाज में कुछ कहा जो  अपना मुस्कुराना बंद नहीं कर सका।  उसकी हालत  कीथ की तुलना में काफी खराब थी फिर भी वह और उसके पिता,जहां भी हो सकता था खुशी पा रहे थे ।

अपने मुकदमे के परिणाम की प्रतीक्षा करते हुये, जब प्रेरित पौलुस जेल से या घर में नजरबंद होकर लिख रहा था, तो लगता था कि प्रेरित पौलुस को आनन्दित होने का कोई अधिकार नहीं था (फिलिप्पियों 1 12–13)।  उस समय सम्राट नीरो था, जो एक दुष्ट व्यक्ति था, जो हिंसा और क्रूरता के लिए  बहुत अधिक प्रसिद्ध था, इसलिए पौलूस के  चिंतित होने का कारण था। वह यह भी जानता था कि ऐसे उपदेशक थे जो उसकी अनुपस्थिति का फायदा उठाकर अपने लिए गौरव हासिल कर रहे थे। उन्होंने सोचा था कि वे  पौलुस के लिए “ मुसीबत खड़ी कर सकते हैं”  जब वह कैद में था  (पद 17)।

तौ भी पौलुस ने आनन्दित होना चुना (पद 18–21), और उसने फिलिप्पियों से उसके उदाहरण का अनुसरण करने के लिए कहा: “प्रभु में सदा आनन्दित रहो। मैं  फिर कहता हूंरू आनन्दित रहो!” (4:4) । हमारी स्थिति  अंधकारमय लग सकती है, फिर भी यीशु  इस समय हमारे साथ है, और उसने हमारे गौरवशाली भविष्य की गारंटी दी है। मसीह, जो अपनी कब्र से बाहर निकल आया, अपने अनुयायियों को अपने साथ रहने के लिए, उठाने के लिए वापस आएगा। जब  हम इस नए साल की शुरुआत करते हैं, तब हम आनन्दित हों!