ब्रेंडा मॉल से बाहर निकल रही थी, जब एक प्रदर्शन खिड़की (डिस्पले विन्ड़ो) से गुलाबी रंग की एक चीज ने उसका ध्यान आकर्षित  किया। वह मुड़ी और एक हल्के गुलाबी रंग के कोट को देखा; वह उसके   सामने मंत्रमुग्ध सी होकर खड़ी रही। उसने सोचा कि  हॉली इसे पसंद करेगी! हॉली, उसकी सहकर्मी मित्र के लिए आर्थिक तंगी थी, जो एक अकेली माँ थी, और जब ब्रेंडा जानती थी कि  हॉली को एक गर्म कोट की आवश्यकता है, तो उसे यह भी विश्वास था कि उसकी सहेली अपने लिए ऐसी खरीदारी पर कभी भी  पैसा नहीं खर्च सकती है। थोड़ा सोचने के बाद ब्रेंडा मुस्कुराई, अपना बटुआ निकाला, और कोट को हॉली के घर भेजने की व्यवस्था की। उसने एक गुमनाम कार्ड  लिखकर उसमें रखा “तुम बहुत प्यारी हो।” और फिर  ब्रेंडा खुशी  में भरकर व्यावहारिक रूप से नाचती हुई अपनी कार तक गई ।

आनंद, ईश्वर द्वारा दिए गए देने का उप फल  है। जैसा कि पौलुस ने कुरिन्थियों को उदारता की कला में निर्देश दिया था, उसने कहा, “हर एक जन जैसा मन में ठाने वैसा ही दान करे न की कुढ़ कुढ़ कर और न दबाव से क्योंकि परमेश्वर हर्ष से देनेवाले से प्रेम रखता है” (2 कुरिन्थियों 9:7)  उसने यह भी कहा, “जो बहुत  बोता है, वह बहुत काटेगा” (पद 6)।

कभी कभी हम भेंट की थाली में नकद रख देते हैं। अन्य समयों में हम एक योग्य सेवकाई को ऑनलाइन दान करते हैं। और फिर ऐसे क्षण आते हैं जब परमेश्वर अपने प्रेम की मूर्त अभिव्यक्ति के साथ एक मित्र की आवश्यकता का प्रत्युत्तर देने के लिए हमारी अगुवाई करता है। हम किराने का सामान, गैस का एक टैंक प्रदान करते हैं। या एक बिल्कुल गुलाबी कोट का उपहार भी।