जब मैं कॉलेज जाने के लिए गाड़ी चला रहा था और फिर वापसी में घर लौट रहा था, तो रेगिस्तान में हमारे घर की ओर जाने वाली सड़क कष्टदायी रूप से बेहद निष्क्रय और सुस्त लग रही थी l क्योकि यह सड़क लम्बी और सीधी थी, मैंने पाया कि मैं एक से अधिक बार तेज़ गति से गाड़ी चला रहा था l सबसे पहले, मुझे राजमार्ग गश्ती(highway patrol) से चेतावनी दी गयी l उस समय मुझे जुर्माना देना पड़ा l फिर मुझे उसी स्थान पर दूसरी बार तलब किया गया l
सुनने से इनकार करने के दुर्भाग्यपूर्ण परिणाम हो सकते हैं l इसका एक दुखद उदाहरण एक अच्छे और विश्वासयोग्य राजा योशिय्याह के जीवन से है l जब मिस्र का राजा नको बाबुल के विरुद्ध युद्ध में अश्शुर की सहायता करने को यहूदा के देश में होकर गया, तब योशिय्याह उसका मुकाबला करने को निकला l नको ने दूतों से योशिय्याह को यह कहला भेजा, “परमेश्वर ने मुझे फुर्ती करने को कहा है l इसलिए परमेश्वर जो मेरे संग है, उससे अलग रह” (2 इतहास 35:21)परमेश्वर ने वास्तव में नको को भेजा था, परन्तु योशिय्याह ने “नको के उन वचनों को नहीं माना जो उसने परमेश्वर की ओर से कहे थे, और मगिद्दो की तराई में उससे युद्ध करने को गया” (पद.22) युद्ध में योशिय्याह घातक रूप से घायल हो गया, “और यहूदियों और यरूशलेमियों ने . . . उसके लिए विलाप कियाI” (पद.24)
योशिय्याह, जो परमेश्वर से प्रेम करता था, उसने पाया कि उसकी परमेश्वर की बात सुनने या दूसरों के द्वारा उसकी बुद्धि को सुनने के लिए समय निकाले बिना अपने तरीके पर ज़ोर देना कभी भी अच्छा नहीं होता l ईश्वर हमें वह विनम्रता प्रदान करे जिसकी हमें हमेशा अपने आप को जांचने और उसकी बुद्धि को अपने हृदय में धारण करने की ज़रूरत है l
आपको अपने जीवन में किस लिए परमेश्वर की बुद्धि की ज़रूरत है? आज आप उसे सुनने के लिए क्या करेंगे?
सदा बुद्धिमान और प्रेमी परमेश्वर, आज मुझे विनम्र होने और आपकी बुद्धि को सुनने में मेरी सहायता करें l आपका धन्यवाद कि जब मैं बुद्धि मांगता हूँ, तो आप “बिना उलाहना दिए उदारता से देते हैं” (याकूब 1:5)