मैंने हाल ही में माइकलएंजेलो की मूर्तिकला “मोजेस” (Moses) की एक तस्वीर देखी, जिसमें एक नजदीकी दृश्य में “मोज़ेस” की दाहिनी भुजा पर एक छोटी उभरी हुयी मांसपेशी दिखाई दी l यह मांशपेशी प्रसारक मांशपेशी डिजिटी मिनिमी(digiti minimi) है, और संकुचन तभी प्रकट होता है जब कोई अपनी कनिष्ठ/छोटी उंगली (pinky/little finger) उठाता है l माइकलएंजेलो, जटिल विवरण के एक विशारद(master) के रूप में जाने जाते हैं, उन्होंने मानव शरीर पर बारीकी से ध्यान दिया,अन्तरंग विशेषताओं को अधिकाधिक जोड़ा,जो बाकी लोग छोड़ देतेl माइकलएंजेलो मानव शरीर को जिस तरह से जानते थे उस तरह से बहुत ही कम मूर्तिकारों ने जाना था, लेकिन उन्होंने ग्रेनाइट/granite में जो विवरण उकेरे हैं, वहां कुछ गहरा प्रकट करने का उनका प्रयास था—आत्मा, मनुष्य का भीतरी/आंतरिक जीवनl और यकीनन, वहाँ, माइकलएंजेलो हमेशा कम पड़ गएl 

केवल परमेश्वर ही मानव हृदय की गहरी वास्तविकताओं को जानता है l हम एक दूसरे के बारे में जो कुछ भी देखते हैं, चाहे वह कितना भी ध्यान देने योग्य या अंतर्दृष्टिपूर्ण क्यों न हो, वह सत्य की छाया मात्र हैl परन्तु परमेश्वर छाया से भी गहरा देखता है l यिर्मयाह नबी ने कहा, “हे यहोवा, तू मुझे देखता हैI” (12:3) हमारे बारे में परमेश्वर का ज्ञान अनुमानित या दिमागी नहीं है l वह हमें दूर से नहीं देखता हैl बल्कि, वह हम कौन हैं की छिपी हुयी वास्तविकताओं में झांकता है l परमेश्वर हमारे भीतरी जीवन की गहराइयों को जानता है, उन बातों को भी जिन्हें हम स्वयं समझने के लिए संघर्ष करते हैं l 

इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि हमारे संघर्ष या हमारे हृदयों में क्या चल रहा है, परमेश्वर हमें देखता है और वास्तव में हमें जानता है l