2009 में, अमेरिका में स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय की एक शोध टीम ने एक प्रयोग में दो सौ से अधिक छात्रों का अध्ययन किया जिसमें कार्यों और स्मृति अभ्यासों के बीच अदला-बदली करना शामिल था l आश्चर्यजनक रूप से, पाया गया कि जो छात्र स्वयं को एक समय में अनेक कार्य करने में कुशल मानते थे, एक समय में एक कार्य करनेवालों की तुलना में बुरा प्रदर्शन किया l बहुकार्यन ने विचारों पर ध्यान केन्द्रित करना और अप्रासंगिक जानकारी को फ़िल्टर करना अधिक कठिन बना दिया l जब हमारा मन विकर्षित हो तो ध्यान केन्द्रित करना एक चुनौती हो सकती है l

जब यीशु मरियम और मार्था के घर आया, मार्था काम में व्यस्त थी और “सेवा करते करते घबरा गयी” थी (लूका 10:40) l उसकी बहन मरियम ने बैठकर यीशु से सीखने, बुद्धि और शांति प्राप्त करने का चुनाव किया जो उससे छीना न जाएगा (पद. 39-42) l जब मार्था ने यीशु से मरियम को उसका सहयोग  करने के लिए उत्साहित करने के लिए कहा, तो उसने उत्तर दिया, “तू बहुत बातों के लिए चिंता करती और घबराती है l परन्तु एक बात आवश्यक है” (पद. 41-42) l

परमेश्वर हमारा ध्यान चाहता है l लेकिन, मार्था की तरह, हम अक्सर कार्यों और समस्याओं से विचलित होते हैं l हम परमेश्वर की उपस्थिति की उपेक्षा करते हैं, यद्यपि वह हमें आवश्यक बुद्धि और आशा दे सकता है l जब हम प्रार्थना द्वारा उसके साथ समय बिताने और पवित्रशास्त्र पर मनन को प्राथमिकता देते हैं, तो वह हमें उन चुनौतियों का सामना करने के लिए आवश्यक मार्गदर्शन और शक्ति देगा जिनका हम सामना करते हैं l