Month: अगस्त 2023

अकेला, लेकिन भुलाया हुआ नहीं

उनकी कहानियाँ सुनकर, यह स्पष्ट हो जाता है कि संभवतः एक कैदी होने का सबसे कठिन भाग अलगाव और अकेलापन है l वास्तव में, एक अध्ययन से पता चला है कि उनके कैद की अवधि के बावजूद, अधिकाश कैदियों को सलाखों के पीछे अपने समय के दौरान दोस्तों या प्रियजनों से केवल दो मुलाकातें मिलती हैं l अकेलापन एक स्थायी वास्तविकता है l

यह एक पीड़ा है जिसकी मैं कल्पना करता हूँ यूसुफ़ ने जेल में आभास किया, उस पर अन्यायपूर्ण तरीके से एक अपराध का आरोप लगाया गया था l आशा की एक किरण दिखी थी l परमेश्वर ने यूसुफ़ को एक साथी कैदी के सपने का सही अर्थ बताने में सहायता की, जो फिरौन का एक भरोसेमंद सेवक था l यूसुफ ने उस आदमी से कहा कि वह अपने पद पर लौटेगा और फिर वह फिरौन से उसका जिक्र करे ताकि यूसुफ़ छूट सके (उत्पत्ति 40:14) l लेकिन वह “यूसुफ़ को स्मरण न रखा; परन्तु उसे भूल गया” (पद.23) l दो और वर्षों तक, यूसुफ़ कैद रहा l प्रतीक्षा के उन वर्षों में, बिना किसी संकेत के कि उसकी परिस्थितियाँ बदल जाएंगी, यूसुफ़ कभी भी पूरी तरह से अकेला नहीं था क्योंकि परमेश्वर उसके साथ था l आखिरकार, फिरौन के सेवक को अपना वादा याद आया और यूसुफ़ को एक और सपने का सही अर्थ बताने के बाद स्वतंत्र कर दिया गया (41:9-14) l

परिस्थितियों के बावजूद जो हमें भुलाया हुआ महसूस कराती हैं, और अकेलेपन की भावनाएँ जो घेरती हैं, हम परमेश्वर की अपने बच्चों के लिए आश्वास्त करने वाली प्रतिज्ञा से चिपके रह सकते हैं : “मैं तुझे नहीं भूल सकता!” (यशायाह 49:15) l

एक भिन्न तरीका

जब 1800 के अंत में मेरी स्लेसर अफ़्रीकी देश कैलाबर(वर्तमान नाइजीरिया) पहुँची, वह स्वर्गीय डेविड लिविंगस्टोन के मिशन कार्य को जारी रखने के लिए उत्साहित थी l साथी मिशनरियों के साथ रहते हुए स्कूल में शिक्षण कार्य, उन पर एक अलग तरीके से सेवा करने का बोझ डाल दिया l इसलिए उन्होंने उस क्षेत्र में कुछ दुर्लभ किया—वह उनके साथ रहने लगी जिनकी वह सेवा कर रही थी l मेरी ने उनकी भाषा सीखी, उनके तरीके से जीया और उनका भोजन खायी l उसने दर्जनों त्यागे हुए बच्चों को अपनाया l  लगभग चालीस वर्षो तक, वह उन लोगों के लिए आशा और सुसमाचार लेकर आई जिन्हें दोनों की ज़रूरत थी l

प्रेरित पौलुस हमारे चारोंओर के लोगों की ज़रूरतों को वास्तविक रूप से पूरा करने के महत्व को जानता था l उसने 1 कुरिन्थियों 12:4-5 में कहता है कि “वरदान तो कई प्रकार के हैं, परन्तु आत्मा एक ही है,” और “सेवा भी कई प्रकार की हैं परन्तु प्रभु एक ही है l” इसलिए उसने लोगों की आवश्यकता के क्षेत्र में उनकी सेवा की l उदाहरण के लिए, “निर्बलों के लिए [वह] निर्बल सा बना” (9:22) l

मुझे पता है कि एक चर्च ने हाल ही में एक “सभी क्षमता(all abilities)” सेवकाई के दृष्टिकोण को आरम्भ करने की घोषणा की है जो बाधा मुक्त सुविधा के साथ—विकलांग लोगों के लिए आराधना उपलब्ध कराती है l यह पौलुस जैसी सोच दिलों को जीतती है और एक समुदाय में सुसमाचार को फैलने-फूलने देती है l

जब हम अपने आसपास के लोगों के सामने अपने विश्वास को जीते हैं, परमेश्वर नए और निर्मल तरीकों से यीशु से परिचित कराने के लिए प्रेरित करें l

हमेशा विश्वासयोग्य परमेश्वर

जब ज़ेवियर प्राथमिक विद्यार्थी था, मैं उसे स्कूल पहुँचाने और लाने जाती थी l एक दिन, मैं उसे लेने देर से पहुंची l मैं कार पार्क करके व्यग्रतापूर्वक प्रार्थना करते हुए उसकी कक्षा की ओर भागी l मैंने उसे अपने बैग को गले लगाए हुए बेंच पर अपने टीचर के बगल में बैठा पायी l “मिजो, मुझे खेद है l क्या तुम ठीक हो?” उसने लम्बी सांस ली l “मैं ठीक हूँ, लेकिन आपके विलम्ब से मैं नाराज़ हूँ l” मैं उसे कैसे दोष दे सकती हूँ? मैं खुद पर भी क्रोधित थी l मैं अपने बेटा से प्यार करती थी लेकिन मैं जानती थी कि ऐसा कई बार होगा जब मैं उसे निराश करुँगी l मैं यह भी जानती थी कि किसी दिन वह परमेश्वर से निराश हो सकता था l इसलिए मैंने उसे कड़ी मेहनत से सिखाया कि परमेश्वर ने कभी भी अपनी प्रतिज्ञा नहीं थोड़ी और न ही तोड़ेगा l

भजन 33 हमें आनंदित प्रशंसा के साथ परमेश्वर की विश्वासयोग्यता का उत्सव मनाने के लिए उत्साहित करता है (पद.1-3) क्योंकि “यहोवा का वचन सीधा है; और उसका सब काम सच्चाई से होता है” (पद. 4) l परमेश्वर द्वारा रचित संसार को उसकी शक्ति और निर्भरता के मूर्त प्रमाण के रूप में उपयोग करते हुए (पद.5-7), भजनकार “सारी पृथ्वी के [लोगों को]” परमेश्वर की आराधना के लिए बुलाता है (पद.8) l 

जब योजनाएँ विफल हो जाएँ या लोग हमें निराश करें, तो हम परमेश्वर में निराश होने के लिए प्रलोभित हो सकते हैं l हालाँकि, हम परमेश्वर की विश्वसनीयता पर भरोसा कर सकते हैं क्योंकि उसकी योजनाएँ “सर्वदा स्थिर” रहती हैं (पद.11) l हम परमेश्वर की प्रशंसा कर सकते हैं, भले ही चीजें गलत हो क्योंकि हमारा प्रेमी सृष्टिकर्ता सब कुछ और सबका पालन-पोषण करता है l परमेश्वर हमेशा विश्वासयोग्य है l

मैं कौन हूँ?

रोबर्ट टॉड लिंकन अपने पिता, प्रिय अमेरिकी राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन के व्यापक शरण में रहते थे l अपने पिता की मृत्यु के लम्बे समय बाद, रोबर्ट की पहचान उनके पिता की जबर्दस्त उपस्थिति से घिर गयी थी l लिंकन के घनिष्ठ मित्र निकोलस मुरे बटलर ने लिखा कि रोबर्ट अक्सर कहा करते थे, “कोई भी मुझे युद्ध सचिव के रूप में या इंग्लैण्ड का मंत्री अथवा पुलमैन कंपनी के अध्यक्ष के रूप में चाहता था; वे अब्राहम लिंकन के बेटा को चाहते थे l  

ऐसी निराशा मशहूर के बच्चों तक ही सिमित नहीं है l हम सभी इस भावना से परिचित हैं कि हम जो हैं उसके लिए महत्वपूर्ण नहीं हैं l फिर भी कहीं भी हमारे मूल्य की गहराई इस बात से अधिक स्पष्ट नहीं है कि परमेश्वर हमसे कितना प्यार करता है l फिर भी तुलनात्मक रूप में परमेश्वर हमसे प्रेम करता है हमारे मूल्य की गहराई से कहीं अधिक प्रगट है l

प्रेरित पौलुस ने हमें पहचाना कि हम अपने पापों में कौन थे, और हम मसीह में कौन बनते हैं l उसने लिखा, “जब हम निर्बल ही थे, तो मसीह ठीक समय पर भक्तिहीनों के लिए मरा” (रोमियों 5:6) l हम जो हैं उसके कारण परमेश्वर हमसे प्रेम करता है—हमारे सबसे बुरे हाल में भी! पौलुस ने लिखा, “परमेश्वर हम पर अपने प्रेम की भलाई इस रीति से प्रगट करता है कि जब हम पापी ही थे तभी मसीह हमारे लिए मरा” (पद.8) l परमेश्वर हमें इतना महत्व देता है कि उसने अपने पुत्र को हमारे लिए क्रूस पर जाने की अनुमति दी l

हम कौन हैं? हम परमेश्वर के प्यारे बच्चे हैं l इससे अधिक कौन मांग सकता है?

हमारे सभी दिनों का परमेश्वर

एक असफल सर्जरी के बाद, जोन के डॉक्टर ने कहा कि पांच हफ़्तों के अन्दर उसकी एक और सर्जरी होगी l समय के साथ, घबराहट बढ़ती गयी l जोन और उसका पति वरिष्ठ नागरिक थे, और उनके परिजन दूर रहते थे l उनको एक अपरिचित शहर तक ड्राइव करना था और एक जटिल हॉस्पिटल प्रणाली से जूझना था, और एक नए विशेषज्ञ के साथ काम करना था l

यद्यपि ये परिस्थितियाँ अपरिहार्य लग रही थी, परमेश्वर ने उनकी परवाह की l इस यात्रा में, उनकी कार का नेवीगेशन प्रणाली खराब हो गया, लेकिन वे समय पर पहुँच गए क्योंकि उनके पास कागज़ का एक नक्शा था l परमेश्वर ने बुद्धि दी l हॉस्पिटल में, एक मसीही पास्टर ने उनके साथ प्रार्थना की और बाद में उस दिन सहायता करने की पेशकश की l परमेश्वर ने सहायता किया l ऑपरेशन के बाद, जोन को सफल सर्जरी की ख़ुशी का समाचार मिला l

जबकि हम हमेशा चंगाई या बचाव का अनुभव नहीं करेंगे, परमेश्वर विश्वासयोग्य है और संवेदनशील लोगों के निकट रहता है—चाहे युवा, वृद्ध, या अन्यथा वंचित l शताब्दियों पूर्व, जब बेबीलोन की बंधुवाई ने इस्राएलियों को कमज़ोर कर दिया था, यशायाह ने उन्हें स्मरण दिलाया कि परमेश्वर ने उनको जन्म ही से संभाला था और निरंतर उनकी देखभाल करनेवाला था l नबी द्वारा, परमेश्वर ने कहा, “तुम्हारे बाल पकने समय तक तुम्हें उठाए” (यशायाह 46:4) l

परमेश्वर हमें तब नहीं छोड़ेगा जब हमें उसकी सबसे अधिक आवश्यकता होगी l वह हमारी ज़रूरतों को पूरा कर सकता है और हमें याद दिलाता है कि वह हमारे जीवन के हर मोड़ पर हमारे साथ है l वह हमारे सभी दिनों का परमेश्वर है l