Month: अगस्त 2023

परमेश्वर के लिए अच्छी परेशानी

एक दिन, छठी कक्षा के एक विद्यार्थी ने एक सहपाठी को एक छोटे उस्तरा से अपना हाथ काटते देखा l सही काम के प्रयास में, उसने उससे लेकर फेंक दिया l आश्चर्यजनक रूप से, सराहना के बजाय, उसे दस दिन का स्कूल निलंबन प्राप्त हुआ l क्यों? उसके पास कुछ समय के लिए उस्तरा था—जिसकी स्कूल में अनुमति नहीं थी l यह पूछे जाने पर कि क्या वह दोबारा ऐसा करेगी, उसने उत्तर दिया : “भले ही मैं परेशानी में पड़ जाऊं . . . मैं इसे दोहराउंगी l” जिस तरह इस लड़की के अच्छे काम करने की कोशिश ने उसे परेशानी में डाल दिया (उसका निलंबन बाद में उलट दिया गया था), यीशु का राज्य के हस्तक्षेप के कार्य ने उसे धार्मिक अगुओं के साथ अच्छी परेशानी में डाल दिया l

फरीसियों ने यीशु द्वारा एक विकृत हाथ वाले व्यक्ति की चंगाई को उनके नियमों का उल्लंघन बताया l  l मसीह ने उनसे कहा, कि अगर परमेश्वर के लोगों को सब्त के दिन गंभीर परिस्थितियों में पशुओं की देखभाल करने की अनुमति थी, तो “मनुष्य का मूल्य भेड़ से कितना बढ़कर है!” (मत्ती 12:12) l क्योंकि  सब्त का प्रभु होकर, यीशु जो अनुमत है और जो नहीं है को ठीक कर सकता था (पद.6-8) l यह जानते हुए कि इससे धार्मिक अगुवों को ठेस पहुंचेगी, उसने वैसे भी मनुष्य के हाथ को ठीक कर दिया (पद.13-14) l

कभी-कभी मसीह में विश्वासी “अच्छी मुसीबत” में पड़ सकते हैं—जो उसे आदर देता है लेकिन जिससे कुछ लोग खुश नहीं होते—जब वे दूसरों की मदद करते हैं l जब हम परमेश्वर के मार्गदर्शन में ऐसा करते हैं, हम यीशु का अनुकरण करते हुए दर्शाते हैं कि लोग नियमों और रीति-रिवाजों से अधिक महत्वपूर्ण हैं l

यीशु के साथ में भिन्न

व्यापार विश्लेषक फ्रांसिस इवांस 125 बीमा सेल्समैनों का अध्ययन किया ताकि यह पता लगाया जा सके कि उन्हें क्या सफलता मिली l आश्चर्यजनक रूप से, योग्यता प्रमुख कारक नहीं थी l इसके बजाय, इवांस ने पाया कि ग्राहक समान राजनीति, शिक्षा और यहाँ तक कि ऊँचाई वाले सेल्समैन से खरीददारी करने की अधिक सम्भावना रखते हैं l विद्वान इसे होमोफिली(homophily) कहते हैं : अपने जैसे लोगों को पसंद करने की प्रवृति l

होमोफिली जीवन के अन्य क्षेत्रों में भी काम कर रही है, शादी करने और अपने जैसे लोगों से दोस्ती करने की प्रवृत्ति हमारे साथ है l जबकि स्वाभाविक रूप से, अनियंत्रित रहने पर होमोफिली विनाशकारी हो सकती है l जब हम केवल “अपनी तरह” के लोगों को पसंद करते हैं, तो समाज नस्लीय, राजनीतिक और आर्थिक रेखाओं के साथ बट सकता है l

पहली शताब्दी में, यहूदी यहूदियों के, यूनानी यूनानियों के साथ रहे, और अमीर और गरीब कभी भी घुलमिल नहीं पाए l और फिर भी, रोमियों 16:1-16 में, पौलुस रोम की कलीसिया के वर्णन में,  प्रिस्किल्ला और अक्विला(यहूदी), इपैनितुस(यूनानी) फीबे(बहुतों का उपकार करनेवाली”, इसलिए शायद धनवान), और फिलुलुगुस (दासों के लिए सामान्य नाम) को शामिल कर सकता था l ऐसे अलग-अलग लोगों को एक साथ क्या लाया था? यीशु—जिसमें “न तो यहूदी है और न अन्यजाति, न दास और न स्वतंत्र” (गलातियों 3:28) l 

अपने जैसे लोगों के साथ रहना, काम करना और चर्च जाना स्वाभाविक है l यीशु हमें उससे आगे ले जाता है l इस संसार में जो विभिन्न रेखाओं से बटी हुयी है, वह हमें एक ऐसे लोग बना रहा है जो एक साथ हैं पर अलग हैं—एक परिवार के रूप में एक हैं l

हम उसके हैं

ले ही आपको लगता है कि गोद लेना आपकी कहानी का हिस्सा नहीं है, यह सच है। क्योंकि एक तरह से हममें से प्रत्येक अनाथ हो गया है।

जैसे कि लॉरीली क्रैकर ने गोद लेने की अपनी अत्यंत व्यक्तिगत कहानी साझा की है, प्रत्येक के लिए हम आश्चर्यजनक रूप से व्यावहारिक उपयोगिता पाते हैं। खुद गोद ली हुई, वह दो बच्चों…

प्रकाश के हज़ार बिंदु

संयुक्त राज्य अमेरिका में उत्तर-पश्चिमी अलबामा में डिसमल्स कैनियन/घाटी(Dismals Canyon) कई सैलानियों को आकर्षित करता है, अधिकतर मई और जून में जब जुगनू के लार्वा फूटकर जुगनू बन जाते हैं l रात में, ये शानदार नीली चमक बिखेरते हैं, और हज़ारों मिलकर एक असाधारण रौशनी उत्पन्न करते हैं l

एक तरह से, प्रेरित पौलुस मसीह में विश्वासियों को जुगनू कहता है l वह समझाता है कि “तुम तो पहले अन्धकार थे, परन्तु अब प्रभु में ज्योति हो” (इफिसियों 5:8) l लेकिन कभी-कभी हम सोचते हैं कि “मेरा यह छोटा सा प्रकाश अंतर कैसे ला सकता है l पौलुस का सुझाव है कि यह एकल कार्य नहीं है l वह हमें “ज्योति की संतान” कहता है (पद.8) और समझाता है कि हम “ज्योति में पवित्र लोगों के साथ मीरास में सहभागी” हैं (कुलुस्सियों 1:12) l संसार में ज्योति होना सामूहिक प्रयास है, मसीह की देह का कार्य है, कलीसिया का कार्य है l पौलुस हम “जुगनुओं” की एक साथ आराधना करते हुए, “आपस में भजन और स्तुतिगान, और आत्मिक गीत” गाते हुए की तस्वीर के साथ इसे पुष्ट करता है (इफिसियों 5:19) l

हतोत्साहित होने पर, यह सोचते हुए कि हमारे जीवन की गवाही घनघोर काले रंग की आधी रात की संस्कृति में बस एक छोटा सा बिंदु है, तो हम बाइबल से भरोसा ले सकते हैं l हम अकेले नहीं हैं l एक साथ, जब परमेश्वर हमारा मार्गदर्शन करता है, हम एक अंतर लाते हैं और एक शानदार रौशनी चमकाते हैं l ऐसा लगता है कि जुगनुओं की एक पूरी मण्डली बहुत सारी दिलचस्पी आकर्षित कर सकती है l

दासत्व से मुक्ति

“आप मूसा के समान हैं, हमें दासत्व से छुड़ानेवाले!” जमीला चिल्लाई l पाकिस्तान में एक बंधुआ ईंट-भट्ठा मजदूर के रूप में, उसे और उसके परिवार को भट्ठा मालिक की अत्यधिक बकाया राशि के कारण कष्ट उठाना पड़ा l उन्होंने अपनी कमाई का अधिकतम हिस्सा केवल ब्याज चुकाने में किया l लेकिन एक गैर-लाभकारी एंजेंसी से उपहार द्वारा कर्ज मुक्ति के बाद, उन्हें जबस्दस्त राहत महसूस हुयी l एजेंसी के प्रतिनिधि को उनकी आजादी के लिए धन्यवाद देते हुए, यीशु में विश्वासी, जमीला ने परमेश्वर द्वारा मूसा और इस्राएलियों को गुलामी से छुड़ाने के उदाहरण की ओर इशारा किया l

कठोर परिस्थितियों में काम करते हुए, सैकड़ों वर्षों से इस्राएलियों को मिस्रियों द्वारा सताया गया था l उन्होंने मदद के लिए परमेश्वर को पुकारा (निर्गमन 2:23) l लेकिन उनके काम का बोझ बढ़ गया, क्योंकि फिरौन ने उन्हें ईंटें बनाने के साथ-साथ पुआल भी इकठ्ठा करने का आदेश दिया (5:6-8) l जब इस्राएलियों ने उत्पीड़न के विरुद्ध रोना जारी रखा, तो परमेश्वर ने उनके परमेश्वर होने की अपनी प्रतिज्ञा दोहरायी (6:7) l वे अब और दास नहीं रहेंगे, क्योंकि वह उन्हें “अपनी भुजा बढ़ाकर” छुड़ा लेगा (पद.6) l

परमेश्वर के निर्देशन में, मूसा इस्राएलियों को मिस्र से बाहर ले गया (अध्याय 14 देखें) l आज भी परमेश्वर हमें क्रूस पर अपने पुत्र, यीशु की फैली हुयी भुजाओं द्वारा छुड़ाता है l हम उस पाप के बहुत बड़े दासत्व से मुक्त हैं जिसने कभी हमें नियंत्रित किया था l हम अब गुलाम नहीं, स्वतंत्र हैं!