1950 के दशक में जब एक अकेली माँ को अपने परिवार की देखभाल के लिए काम ढूंढना पड़ा, तो उसने टाइपिंग का काम करना शुरू कर दिया। पर समस्या यह थी कि वह बहुत अच्छी टाइपिस्ट नहीं थी और गलतियाँ करती रहती थी। वह अपनी गलतियों को छिपाने के तरीकों को ढूंढती रही और अंततः उसने एक सफेद रंग का तरल पदार्थ’ बनाया जिसे लिक्विड पेपर का नाम दिया गया और जिसका उपयोग टाइपिंग त्रुटियों को छिपाने के लिए किया जाता था। एक बार इसे लगाने के बाद जब यह सूख जाता, तो आप उस पर टाइप कर सकते हैं जैसे कि कोई गलती हुई ही नहीं थी।

यीशु हमें हमारे पापों से निपटने के लिए एक असीम रूप से अधिक शक्तिशाली और महत्वपूर्ण तरीका प्रदान करते हैं – कोई छिपाव नहीं बल्कि पूर्ण क्षमा। इसका एक अच्छा उदाहरण यूहन्ना 8 अध्याय के शुरु में मिलता है जहां एक महिला व्यभिचार में पकड़ी गई थी (पद 3–4)। फरीसी और शास्त्री चाहते थे कि यीशु उस स्त्री और उसके पापों के बारे में कुछ करे। व्यवस्था (कानून) के अनुसार उसे पत्थरवाह किया जाना चाहिए, लेकिन मसीह ने इस पर कोई विचार नहीं किया कि व्यवस्था क्या कहती है और क्या नहीं। उसने बस उन्हें याद दिलाया कि सभी ने पाप किया है (रोमियों 3:23)। और “जिसने पाप नहीं किया वही उस महिला को पहला पत्थर मारे” (यूहन्ना 8:7) ; यीशु की यह बात सुनकर किसी ने भी पत्थर नहीं मारा।

यीशु ने उसे एक नई शुरुआत की सलाह दी। उसने कहा कि “मैं भी तुझ पर दंड की आज्ञा नहीं देता, जा और फिर पाप न करना।” (यूहन्ना 8:11) । मसीह ने उसे उसके पापों को माफ करने और उसके अतीत पर जीने का एक नया तरीका “टाइप” करने का समाधान दिया। उसके अनुग्रह से यही प्रस्ताव आज हमें भी उपलब्ध है।