2021 में एक इंजीनियर की इच्छा थी  कि  वह इतिहास में किसी से भी अधिक दूर तक तीर चलाये ओर एक नया रिकार्ड़ बनाये।  इसलिये उसने 2028 फीट के रिकॉर्ड पर निशाना साधा। नमक के समतल पर अपनी पीठ के बल लेटे हुए, उसने अपने आप बनाये, पैर से चलाये जाने वाले धनुष की ड़ोरी को पीछे खींच लिया, और निशाना लगाने के लिए तैयार हो गया। उसे उम्मीद थी कि यह एक मील (5280 फीट) से अधिक की दूरी का एक नया रिकॉर्ड होगा। गहरी साँस लेकर उसने तीर छोड़ दिया। पर एक मील तो क्या वास्तव में वह एक फुट से भी कम दूरी तक ही गया – और उसके पैर में जा लगा —और ओह! उसने  काफी नुकसान पहुँचाया। 

कभी–कभी हम गलत महत्वकांक्षा के साथ लाक्षणिक (प्रतीकात्मक) रूप से अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मार सकते हैं (अपना नुकसान कर सकते हैं)। याकूब और यूहन्ना जानते थे कि महत्वाकांक्षी रूप से कुछ अच्छा चाहने का क्या मतलब होता है,लेकिन गलत कारणों (उद्देश्य) के लिए। उन्होंने यीशु से माँगा, कि “तेरी महिमा में हम में से एक तेरे दहिने और दूसरा तेरे बांए बैठे।” (मरकुस 10:37)। यीशु ने शिष्यों से कहा था कि वे “बारह सिंहासनों पर बैठकर इस्राएल के बारह गोत्रों का न्याय करेंगे।” (मत्ती 19:28)  इसलिए यह देखना आसान है कि उन्होंने यह अनुरोध क्यों किया। समस्या ? वे स्वार्थी रूप से मसीह की महिमा में अपना ऊंचा दर्जा और शक्ति की तलाश कर रहे थे। यीशु ने उनसे कहा कि उनकी महत्वाकांक्षा गलत है (मरकुस 10:38) बरन “जो कोई तुम में बड़ा होना चाहे वह तुम्हारा सेवक बने।” (पद 43)।

जब हम मसीह के लिए अच्छे और महान कार्य करने का लक्ष्य रखते हैं, तो क्या हम उसकी बुद्धि और मार्गदर्शन की तलाश कर सकते हैं — विनम्रतापूर्वक दूसरों की सेवा करें जिस प्रकार मसीह ने बहुत ही अच्छी तरह से किया (पद 45)।