“कल चिड़िया के बच्चे उड़ निकलेंगे!” हमारे आंगन में टांगी गई एक टोकरी में चिड़िया के परिवार के प्रगति को देख मेरी पत्नी केरी, बहुत ही उत्सुक थी।  जब चिड़िया अपने बच्चों के लिए भोजन लेकर आती है तो मेरी पत्नी प्रत्येक दिन उसकी तस्वीरें खींचती है।

अगली सुबह मेरी पत्नी चिड़िया के परिवार को देखने के लिए जल्दी उठी। जब उसने चिड़िया के बच्चों को देखने के लिए घोंसले पर से हरियाली हटाया तो चिड़िया के बच्चों की आंखों की बजाए उसे साँप की आंखें दिखाई पड़ी। सांप दीवार पर से होता हुआ घोंसले में गया और चिड़िया के सब बच्चे खा गया।

यह देख केरी का हृदय टूट गया। मैं शहर से बाहर था तो उसने एक मित्र को बुलाकर सांप को बाहर निकलवाया। परंतु क्षति हो चुकी थी। 

वचन एक और साँप के बारे में बताता है जिसने अपने मार्ग में विनाश छोड़ दिया। अदन की वाटिका में साँप ने उस पेड़ के बारे में हव्वा को धोखा दिया जिसके फल खाने के प्रति परमेश्वर ने उसे चेतावनी दी थी। “तुम निश्‍चय न मरोगे!” उसने झूठ बोला “वरन् परमेश्वर आप जानता है कि जिस दिन तुम उसका फल खाओगे उसी दिन तुम्हारी आँखें खुल जाएँगी और तुम भले बुरे का ज्ञान पाकर परमेश्वर के तुल्य हो जाओगे।”(उत्पत्ति 3:4-5)।

हव्वा और आदम की परमेश्वर के प्रति अवज्ञा के परिणामस्वरूप पाप और मृत्यु दुनिया में आया, और “पुराने साँप, जो शैतान है” द्वारा दिया गया धोखा आज भी जारी है (प्रकाशितवाक्य 20:2)। लेकिन यीशु “शैतान के कामों का नाश” करने के लिए आये (1 यूहन्ना 3:8), और उसके माध्यम से हमारे परमेश्वर के साथ रिश्ता पुनर्स्थापित होता है। एक दिन, वह “सब कुछ नया” कर देगा (प्रकाशितवाक्य 21:5)।