जब हम सर्वोत्तम व्यवसायिक अभ्यास  के बारे में सोचते हैं, तो सबसे पहले जो बात दिमाग में आती है वह शायद दया और उदारता जैसे गुण नहीं हैं। लेकिन उद्यमी जेम्स री के अनुसार यह होना चाहिए। वित्तीय तबाही के कगार पर एक कंपनी में सीईओ(ceo) के रूप में री के अनुभव में, जिसे वह “सद्भावना”—”दयालुता की संस्कृति” और “देने की भावना” को प्राथमिकता देता है—ने कंपनी को बचाया और उसके उत्कर्ष का नेतृत्व किया। इन गुणों को केंद्र में रखने से लोगों को आशा और प्रेरणा मिली जो उन्हें एकजुट, नया और समस्या-समाधान करने के लिए आवश्यक था। री बताते हैं कि “सद्भावना . . . एक वास्तविक संपत्ति है जो संयोजित कर सकती और बढ़ा सकती है।“

दैनिक जीवन में भी, हमारी अन्य प्राथमिकताओं के विचार के बाद,  दयालुता जैसे गुणों को अस्पष्ट और अदृश्‍य के रूप में सोचना आसान है। लेकिन, जैसे प्रेरित पौलुस ने सिखाया, ऐसे गुण सबसे अधिक मायने रखते हैं।

नए विश्वासियों को लिखते हुए, पौलुस ने बल दिया कि विश्वासियों के जीवन का उद्देश्य आत्मा के द्वारा मसीह के शरीर के परिपक्व सदस्यों में परिवर्तन करना है (इफिसियों 4:15)। उस सीमा तक, प्रत्येक शब्द और प्रत्येक कार्य का मूल्य केवल तभी होता है जब यह दूसरों को बनाता और लाभ पहुंचाता है (पद. 29)। यीशु में केवल दया, करुणा और क्षमा को दैनिक प्राथमिकता देने के द्वारा ही परिवर्तन हो सकता है (पद.32)।

जब पवित्र आत्मा हमें मसीह में अन्य विश्वासियों के पास खींचता है, तो हम एक दूसरे से सीखते हुए बढ़ते और परिपक्व होते हैं।