वर्षों पहले, हमारे परिवार ने फोर कॉर्नर(Four Corners) का दौरा किया, अमेरिका में एकमात्र जगह जहां चार राज्य एक स्थान पर मिलते हैं। मेरे पति चिह्नित खंड एरिजोना में खड़े थे। हमारा सबसे बड़ा बेटा, ए.जे., यूटा में कूदा। जब हमने कोलोराडो में कदम रखा तो हमारा सबसे छोटा बेटा, ज़ेवियर, ने मेरे हाथों को पकड़ लिया। जब मैं न्यू मैक्सिको में दौड़ कर गयी, ज़ेवियर ने कहा, “माँ, मैं विश्वास नहीं कर सकता कि आपने मुझे कोलोराडो में छोड़ दिया!” हम एक साथ थे और अलग थे क्योंकि हमारी हँसी चार अलग-अलग राज्यों में सुनाई दे रही थी। अब जबकि हमारे बड़े बेटे घर छोड़ चुके हैं, मैं ईश्वर के इस वादे की गहरी सराहना करती हूं कि उसके सभी लोग जहां भी जाएं, वह उनके करीब रहेगा।

मूसा की मृत्यु के बाद, परमेश्वर ने जब इस्राएलियों के क्षेत्र का विस्तार किया तब यहोशू को नेतृत्व के लिए बुलाया और अपनी उपस्थिति का आश्वासन दिया (यहोशू 1:1-4)। परमेश्वर ने कहा, “जैसे मैं मूसा के संग रहा वैसे ही तेरे संग भी रहूंगा; और न तो मैं तुझे धोखा दूँगा, और न तुझको छोड़ूँगा। (पद. 5)। यह जानते हुए कि यहोशू अपने लोगों के नए अगुवे के रूप में सन्देह और भय से संघर्ष करेगा, परमेश्वर ने इन वचनों पर आशा की एक नींव डाली : “क्या मैंने तुझे आज्ञा नहीं दी? हियाव बाँधकर दृढ़ हो जा; भय न खा, और तेरा मन कच्चा न हो; क्योंकि जहाँ जहाँ तू जाएगा वहाँ वहाँ तेरा परमेश्‍वर यहोवा तेरे संग रहेगा “(पद.9) ।

परमेश्वर भले ही हमें या हमारे प्रियजनों को कहीं भी ले जाए, कठिन समय में भी, उसका सबसे सांत्वनादायक वायदा हमें आश्वस्त करता है कि वह हमेशा मौजूद हैं।