विषय लैव्यव्यवस्था था, और मुझे एक स्वीकारोक्ति करनी थी l मैंने अपने बाइबल अध्ययन समूह को बताया, “मैंने बहुत से हिस्सों को छोड़ दी l” “मैं त्वचा रोगों के बारे में दुबारा नहीं पढ़ रहा हूँ l” 

तभी मेरे मित्र डेव ने बात की l उन्होंने कहा, “मैं एक ऐसे व्यक्ति को जनता हूँ जो उस परिच्छेद के कारण यीशु में विश्वास किया l” डेव ने बताया कि उसका डॉक्टर दोस्त नास्तिक था l उसने निर्णय लिया कि बाइबल को पूरी तरह से अस्वीकार करने से पहले, वह उसे पढ़ेगा l लैव्यव्यवस्था में त्वचा रोगों वाला भाग उन्हें आकर्षित किया l इसमें संक्रामक और गैर-संक्रामक घावों (13:1-46) और उनके इलाज के तरीके (14:8-9) के विषय में आश्चर्यजनक विवरण शामिल थे l वह जानता था कि यह तत्कालीन चिकित्सा ज्ञान से कहीं अधिक था—फिर भी यह लैव्यव्यवस्था में था l उसने सोचा, ऐसा कोई तरीका नहीं है जिससे मूसा यह सब जान सका l डॉक्टर ने विचार किया कि मूसा को वास्तव में उसकी जानकारी परमेश्वर से प्राप्त हुयी थी l आखिरकार उसने यीशु पर विश्वास किया l  

यदि बाइबल के कुछ भाग आपको उबा देते हैं, तो ठीक है, मैं आपके साथ हूँ l लेकिन इसमें जो कुछ भी कहा गया है वह किसी कारण से हैं l लैव्यव्यवस्था इसलिए लिखी गयी थी ताकि इस्राएल जान सके कि परमेश्वर के लिए और उसके साथ कैसे रहना है l जैसे-जैसे हम परमेश्वर और उसके लोगों के बीच इस रिश्ते के बारे में और अधिक सीखते हैं, हम स्वयं परमेश्वर के बारे में सीखते हैं l 

प्रेरित पौलुस (2 तीमुथियुस 3:16)) ने लिखा, “सम्पूर्ण पवित्रशास्त्र परमेश्वर की प्रेरणा से रचा गया है और उपदेश, और समझाने, और सुधारने, और धर्म की शिक्षा के लिए लाभदायक है l” आइए आगे पढ़ें l यहाँ तक कि लैव्यव्यवस्था भी l