हमारे वेडिंग शॉवर (करीबी रिश्तेदारों और दोस्तों के लिए शादी से पहले मिलने और जश्न मनाने का अवसर) में, हमारा शर्मीला दोस्त डेव एक कोने में एक, टिशू से लिपटी हुई अंडाकार वस्तु को पकड़कर खड़ा था। जब उसकी उपहार देने की बारी आई तो वह उसे  लेकर आया। इवान और मैंने इसे खोला और लकड़ी का एक हाथ से नक्काशीदार लंबाकार टुकड़ा पाया जिसमें खोद कर लिखा हुआ था, “परमेश्वर के कुछ आश्चर्यकर्म छोटे भी होते हैं।” यह पट्टिका हमारे घर में पैंतालीस वर्षों से लटकी हुई है, जो हमें बार-बार याद दिलाती है कि परमेश्वर छोटी-छोटी चीजों में भी काम करते हैं। बिल का भुगतान करना हो, या भोजन उपलब्ध कराना हो, या सर्दी और खांसी ठीक करना हो । यह सब परमेश्वर के प्रावधान के प्रभावशाली  प्रमाण के सबूत है। 

भविष्यवक्ता जकर्याह के द्वारा, यहूदा के हाकिम, जरुब्बाबेल को यरूशलेम और मंदिर के पुनर्निर्माण के संबंध में परमेश्वर से इसी तरह का संदेश मिला था। बेबीलोन की बन्धुवाई से लौटने के बाद, एक धीमी प्रगति का समय चल रहा था, और इस्राएली हतोत्साहित हो गए। लेकिन परमेश्वर ने कहा, “इन छोटी शुरुआतों का तिरस्कार मत करो” (जकर्याह 4:10 )। वह अपनी इच्छाओं को हमारे द्वारा से और कभी-कभी हमारे बावजूद भी पूरा करता है। सर्वशक्तिमान यहोवा का यही वचन है, ”न तो बल से और न शक्ति से, परन्तु मेरे आत्मा के द्वारा” (पद 6)।

जब हमें ज़ाहिर रूप से परमेश्वर के काम बहुत बड़े पैमाने में नहीं दिखते तो हम थकने लगते है, पर हम याद रखें कि उसके कुछ आश्चर्यकर्म “छोटे” हो सकते हैं। वह अपने बड़े उद्देश्यों को पूरा करने के लिए छोटी चीज़ों का उपयोग करता है।