नया जन्म?
“नया जन्म? इसका क्या अर्थ है?” अंतिम संस्कार निदेशक(funeral director) ने पूछा l “मैंने इन शब्दों को पहले कभी नहीं सुना है l” अवसर का लाभ उठाते हुए, मृत पिता के पुत्र ने यूहन्ना अध्याय 3 के शब्दों के द्वारा इसका अर्थ समझाया l
उसने कहा, “यह इस तथ्य पर आधारित है कि हम सभी इस संसार में एक बार जन्म लिए है l” “परमेश्वर के पास कोई जादुई तराजू नहीं है जहां वह हमारे अच्छे कामों को बुरे कामों से तौलता है l परमेश्वर चाहता है कि हम आत्मा से जन्म लें,” उसने आगे कहा l “इसलिए यीशु क्रूस पर मरा—उसने हमारे पापों के लिए कीमत चुकायी और हमारे लिए उसके साथ अनंत जीवन पाना संभव बनाया l हम इसे अपनी ताकत से नहीं कर सकते l”
यूहन्ना 3 में, नीकुदेमुस को संदेह होने लगा कि क्या उसने सचमुच में यह सब पता लगा लिया है l धर्मग्रंथों में एक प्रशिक्षित शिक्षक(पद.1), उसने पहचाना कि यीशु अलग था और उसकी शिक्षा में अधिकार था(पद.2) l वह स्वयं इसका पता लगाना चाहता था, इसलिए मामले को सुलझाने के लिए वह एक रात यीशु मसीह के पास पहुँचा l नीकुदेमुस ने यीशु के कथन “तुम्हें नए सिरे से जन्म लेना अवश्य है”(पद.7) को स्वीकार और विश्वास किया होगा, क्योंकि उसने क्रूस पर चढ़ाए जाने के बाद उद्धारकर्ता के शरीर को दफनाने के लिए तैयारी में मदद की थी(19:39) l
अंतिम संस्कार निदेशक यूहन्ना के सुसमाचार का तीसरा अध्याय पढ़ने के लिए सहमत हो गया l निदेशक के साथ बात करने वाले बेटे की तरह, आइये यीशु के शब्दों को दिल से लें और उन्हें दूसरों के साथ साझा करें क्योंकि वह हमारी मदद करता है l
परमेश्वर में आशा
जेरेमी को इस बात का एहसास नहीं था कि जब वह अपने तीन साल के पाठ्यक्रम के लिए विश्वविद्यालय पहुँचा और सबसे सस्ते छात्रावास के कमरे के लिए कहा तो वह क्या कर रहा था l “वह बहुत खराब था,” उसने याद किया l कमरा और उसका बाथरूम भयानक थे l” लेकिन उसके पास बहुत कम पैसे और बहुत कम विकल्प थे l “मैं बस यही सोच सकता था,” उसने कहा, कि “मेरे पास तीन साल बाद वापस जाने के लिए एक अच्छा घर है, इसलिए मैं इसी में पर कायम रहूँगा और यहाँ अपने समय का अधिकतम लाभ उठाऊँगा l”
जेरेमी की कहानी “पृथ्वी पर के तम्बू” में रहने की रोजमर्रा की चुनौतियों को प्रतिबिंबित करती है—एक मानव शरीर जो मर जाएगा(2 कुरिन्थियों 5:1), संसार में काम कर रहा है जो ख़त्म हो रहा है(1 यूहन्ना 2:17) l इस प्रकार हम “बोझ से दबे कराहते रहते हैं”(2 कुरिन्थियों 5:4) जब हम जीवन में आने वाली अनेक कठिनाइयों से निपटने के लिए संघर्ष करते हैं l
जो चीज़ हमें आगे बढ़ाती है वह निश्चित आशा है कि एक दिन हमारे पास एक अमर, पुनरुत्थित शरीर होगा—एक “स्वर्गिक निवास”(पद.4)—और हम वर्तमान कराह और हताशा से मुक्त संसार में रह रहे होंगे(रोमियों 8:19-20) l यह आशा हमें परमेश्वर द्वारा प्रेमपूर्वक प्रदान किये गए इस वर्तमान जीवन का अधिकतम लाभ उठाने में सक्षम बनाती है l वह हमें उन संसाधनों और प्रतिभाओं का उपयोग करने में भी सहायता करेगा जो उसने हमें दिए हैं, ताकि हम उसकी और दूसरों की सेवा कर सकें l और इसलिए “हमारे मन की उमंग यह है कि चाहे साथ रहें चाहे अलग रहें, पर हम उसे भाते रहें”(पद.9) l
परमेश्वर से भागना
जूली और लिज़ हंपबैक व्हेल(humpback whale) की खोज में कैलिफ़ोर्निया के तट से दूर चली गयीं l हम्पबैक व्हेल सतह के निकट सक्रीय रहने के लिए जाने जाते हैं, जिससे उन्हें पहचानना आसान हो जाता है l दोनों महिलाओं को अपने जीवन का सबसे बड़ा आश्चर्य तब हुआ जब एक महिला सीधे उनके नीचे आ गयी l एक दर्शक ने उनके मुठभेड़ की फुटेज(footage) कैद कर लिए जिसमें व्हेल का बड़ा मुँह महिलाओं और उनकी कश्ती को बौना दिखाता हुआ दिख रहा था l थोड़ी देर पानी के अन्दर जाने के बाद, महिलाएं सुरक्षित बच गयीं l
उनका अनुभव नबी योना को एक “विशाल मच्छ” द्वारा निगल लिए जाने के बाइबल वर्णन पर दृष्टि प्रदान करता है(योना 1:17) l परमेश्वर ने उसे नीनवे के लोगों को उपदेश देने की आज्ञा दी थी, लेकिन इसलिए कि उन्होंने परमेश्वर को अस्वीकार कर दिया था, योना को नहीं लगा कि वे परमेश्वर की क्षमा के योग्य हैं l आज्ञा मानने के बजाय, वह भाग गया और एक जहाज पर यात्रा पर निकल पड़ा l परमेश्वर ने एक भयंकर आंधी भेजी, और वह पानी में फेंक दिया गया l
परमेश्वर ने योना को गहरे समुद्र में निश्चित मृत्यु से बचाने का एक मार्ग निकाला, और उसे उसके कार्यों के सबसे बुरे परिणामों से बचाया l योना ने “यहोवा को पुकारा” और परमेश्वर ने सुन ली(2:2) l जब योना ने अपने गलत काम को स्वीकार किया और परमेश्वर की भलाई के लिए अपनी प्रशंसा और स्वीकृति व्यक्त की, तो उसे—उसकी आज्ञा पर—मच्छ से “स्थल पर उगल दिया”(पद.10) l
परमेश्वर की कृपा से, जब हम अपने गलत कामों को स्वीकार करते हैं और यीशु के बलिदान में विश्वास व्यक्त करते हैं, तो हम उस आत्मिक मृत्यु से बच जाते हैं जिसके हम हकदार हैं और उसके द्वारा नए जीवन का अनुभव करते हैं l
भूखों के लिए भोजन
वर्षों से, हॉर्न ऑफ़ अफ्रीका(Horn of Africa-Somalia, Djibouti, Ethiopia, Eritrea, Somaliland) भयंकर सूखे से पीड़ित है, जिसने फसलों को नष्ट कर दिया है, पधुधन को मार डाला है और लाखों लोगों को संकट में डाल दिया है l सबसे कमजोर लोगों में—जैसे कि केन्या के कहुमा शरणार्थी शिविर के लोग, जो युद्धों और उत्पीड़न से भागे हैं—यह और भी गम्भीर है l एक हालिया रिपोर्ट में एक युवा माँ अपने बच्चे को शिविर अधिकारियों के पास लाती है l शिशु गंभीर कुपोषण से पीड़ित था, जिससे उसके बाल और त्वचा निकल गए . . सूखा और नाज़ुक l” वह मुकुराती नहीं थी और खाना नहीं खाती थी l उसका अत्यंत छोटा शरीर काम करना बन्द कर रहा था l विशेषज्ञों ने तुरंत हस्तक्षेप किया l शुक्र है, भले ही ज़रूरतें अभी भी बहुत अधिक हैं, तत्काल, जीवन-या-मृत्यु सम्बन्धी आवश्यकताएं प्रदान करने के लिए एक बुनियादी ढांचा बनाया गया है l
ये निराशाजनक स्थान बिलकुल वही हैं जहां परमेश्वर के लोगों को उसके प्रकाश और प्रेम को चमकाने के लिए बुलाया जाता है(यशायाह 58:8) l जब लोग भूख से मर रहे हैं, बीमार हैं, या खतरे में हैं, तो परमेश्वर अपने लोगों को भोजन, दवा और सुरक्षा प्रदान करने के लिए सबसे पहले बुलाता है—सब यीश के नाम पर l यशायाह ने प्राचीन इस्राएल को यह सोचने के लिए फटकारा कि वे अपने उपवास और प्रार्थनाओं के प्रति विश्वासयोग्य थे, जबकि संकट के समय आवश्यक वास्तविक दयालु कार्य की अनदेखी कर रहे थे : “अपनी रोटी भूखों को बाँट देना,” “मारे-मारे फिरते हुओं को अपने घर ले आना” और “किसी को नंगा देखकर वस्त्र पहिनाना”(पद.7) l
परमेश्वर की इच्छा है कि भूखों को शारीरिक और आत्मिक दोनों तरह से भोजन मिले l और ज़रूरत को पूरा करते हुए वह हमारे अन्दर और हमारे द्वारा कार्य करता है l
पवित्र आत्मा उपस्थित है
एक घरेलू उड़ान के लिए उड़ान से पहले जांच करते समय, एक फ्लाइट अटेंडेंट ने देखा कि एक महिला यात्री उड़ान के बारे में बहुत ही व्याकुल और चिंतित दिख रही थी l अटेंडेंट गलियारे वाली सीट पर बैठ गया, और उसका हाथ पकड़ लिया, उड़ान प्रक्रिया के प्रत्येक चरण को समझाया, और उसे निश्चित किया कि वह अच्छी रहेगी l उसने कहा, “जब आप विमान पर चढ़ते हैं, तो यह हमारे बारे में नहीं है, यह आपके बारे में है l” “और यदि आप अच्छा महसूस नहीं कर रही हैं, तो मैं यह कहने के लिए वहाँ रहना चाहता हूँ, ‘अरे, क्या परेशानी है? क्या ऐसा कुछ है जो मैं कर सकता हूँ?” उनकी देखभाल करने वाली उपस्थिति इस बात की एक तस्वीर हो सकती है कि यीशु ने क्या कहा था कि पवित्र आत्मा उसके विश्वासियों के लिए क्या करेगा l
मसीह की मृत्यु और पुनरुत्थान और स्वर्गारोहण लोगों को उनके पापों से बचाने के लिए आवश्यक और लाभदायक था, लेकिन यह शिष्यों के हृदयों में भावनात्मक अशांति और गहरा दुःख भी पैदा करने वाला था(यूहन्ना 14:1) l इसलिए उसने उन्हें निश्चित किया कि संसार में उसके मिशन/उद्देश्य को पूरा करने के लिए उन्हें अकेला नहीं छोड़ा जाएगा l वह पवित्र आत्मा को उनके साथ रहने के लिए भेजने वाला था—“एक सलाहकार/पक्ष-समर्थक/advocate[उनकी] सहायता करने के लिए और हमेशा के लिए [उनके] साथ रहने के लिए एक वकील”(पद.16) l आत्मा यीशु के बारे में साक्षी देगा और उन्हें मसीह द्वारा किये और कहे गए सभी कार्यों की याद दिलाएगा(पद.26) l कठिन समय में उसके द्वारा उनकी “उन्नति” होगी(प्रेरितों 9:31) l
इस जीवन में, हर कोई—मसीह में विश्वासियों सहित—चिंता, भय और दुःख की अशांति का अनुभव करेगा l लेकिन उसने वादा किया है कि उसकी अनुपस्थिति में, पवित्र आत्मा हमें सांत्वना देने के लिए मौजूद है l