Month: नवम्बर 2024

असीमित कृपा

दो मित्र एक इलेक्ट्रॉनिक स्टोर में लैपटॉप खरीद रहे थे, तब ही उनकी मुलाकात बास्केटबॉल के महान शक्युइल ओनील(Shaquelle O’Neal) से हुयी l यह जानते हुए कि ओ’नील ने हाल ही में अपनी बहन और एक पूर्व साथी को खोया था, उन्होंने सहानुभूतिपूर्वक अपनी संवेदना व्यक्त की l जब दोनों लोग अपनी खरीदारी करने लगे, तो शेक उनके पास आया और उनसे बोला कि जो सबसे अच्छा लैपटॉप उन्हें मिल सके, उसे चुन लें l फिर उसने इसे उनके लिए खरीद दिया, सिर्फ इसलिए क्योंकि उन्होंने उसे एक कठिन समय से गुज़र रहे व्यक्ति के रूप में देखा और उनकी दयालुता से प्रभावित हुआ l 

उस आकस्मिक भेंट से हज़ारों साल पहले, सुलैमान ने लिखा था, “कृपालु मनुष्य अपना ही भला करता है”(नीतिवचन 11:17) l जब हम दूसरों की ज़रूरतों पर विचार करते हैं और उनकी मदद करने और उन्हें प्रोत्साहित करने के लिए हर संभव प्रयास करते हैं, तो हम स्वयं पुरुस्कृत होते हैं l यह लैपटॉप या भौतिक चीज़ों के साथ शायद नहीं हो, लेकिन परमेश्वर के पास हमें आशीष देने के ऐसे तरीके हैं जिन्हें यह संसार माप नहीं सकता है l जैसा कि सुलैमान ने उसी अध्याय के पहले केवल एक पद में समझाया था, “दयालु स्त्री का सम्मान होता है, और कठोर परिश्रम करनेवाला पुरुष धन प्राप्त करता है”(पद.16 HINDICLBSI) l परमेश्वर की ओर से ऐसे उपहार हैं जिनका मूल्य पैसों से कहीं अधिक है, और वह उन्हें अपनी सम्पूर्ण बुद्धि और तरीके से उदारतापूर्वक मापता है l 

दयालुता और उदारता परमेश्वर के चरित्र का हिस्सा हैं, और वह उन्हें हमारे हृदय और जीवन में व्यक्त होते देखना पसंद करता है l सुलैमान ने इस मामले को अच्छी तरह से संक्षिप्त करता है : “जो दूसरों की खेती सींचता है, उसकी भी सिंची जाएगी”(पद.25) l 

मुट्ठी भर चावल

पूर्वोत्तर भारत का मिजोरम राज्य धीरे-धीरे गरीबी से बाहर निकल रहा है l उनकी आय की कमी के बाद भी, जब से सुसमाचार पहली बार इस क्षेत्र में आया, यीशु में विश्वासियों ने “मुट्ठी भर चावल” नामक एक स्थानीय परंपरा का पालन किया है l जो लोग प्रतिदिन भोजन तैयार करते हैं वे मुट्ठी भर कच्चे चावल अलग रख देते हैं और चर्च को दे देते हैं l संसार के मानक के हिसाब से गरीब मिजोरम कलीसियाओं ने मिशनों को लाखों रूपये दिए हैं और संसार भर में मिशनरी भेजे हैं l उनके गृह राज्य में बहुत से लोग मसीह के पास आए हैं l 

2 कुरिन्थियों 8 में, पौलुस एक समान रूप से चुनौतीपूर्ण चर्च का वर्णन करता है l मैसीडोनिया में विश्वासी गरीब थे, लेकिन इसने उन्हें ख़ुशी और बहुतायत से देने से नहीं रोका(पद.1-2) l उन्होंने अपने दान को एक विशेषाधिकार के रूप में देखा और पौलुस के साथ साझेदारी करने के लिए “सामर्थ्य से भी बाहर, मन से दिया”(पद.3) l वे समझ गए कि वे केवल परमेश्वर के संसाधनों के प्रबंधक/भंडारी थे l देना उस पर अपना भरोसा दिखाने का एक तरीका था, जो हमारी सभी ज़रूरतों को पूरा करता है l 

पौलुस ने कुरिन्थियों को देने के लिए समान दृष्टिकोण अपनाने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए मैसेडोनिया के लोगों का उपयोग किया l कुरिन्थियों ने “हर बात में अर्थात् विश्वास , वचन, ज्ञान और सब प्रकार के यत्न में, और उस प्रेम में बढ़ते [गए] l” अब उन्हें “दान के काम में भी बढ़ते [जाना था]”)पद.7) l 

मैसीडोनिया और मिजोरम के विश्वासियों की तरह, हम भी हमारे पास जो कुछ भी है उसमें से उदारतापूर्वक देकर अपने पिता की उदारता को प्रतिबिंबित कर सकते हैं l 

अपने शत्रु से प्रेम

द्वितीय विश्व युद्ध के समय, अमेरिकी नौसेना के मेडिकल कॉर्प्समैन/corpsman(सेना में चिकित्सीय अर्दली) लिन वेस्टन शत्रु के कब्जे वाले टापुओं पर धावा बोलने के दौरान नौसैनिकों के साथ तट पर गए l अनिवार्य रूप से, अत्यधिक हताहत हुए थे l उन्होंने घायल लड़ाकों को बाहर निकालने के लिए उनकी मरहम-पट्टी करने का पूरा प्रयास किया l एक समय, उनकी इकाई को एक शत्रु सैनिक मिला जिसके पेट में गंभीर घाव था l उस चोट में उस व्यक्ति को पानी नहीं दिया जा सकता था l उसे जीवित रखने के लिए, वेस्टन ने अंततःशिरा प्लाज्मा(intravenous plasma) दिया l 

“उस प्लाज्मा को हमारे मित्रों के लिए बचाकर रखो, नौसैनिक!” नौसैनिकों में से एक चिल्लाया l वेस्टन ने उसको अनदेखा किया l वह जानता था कि यीशु क्या करता : “अपने बैरियों से प्रेम रखो”(मत्ती 5:44) l 

यीशु ने उन चुनौतीपूर्ण शब्दों को बोलने से कहीं अधिक उन्हें जीता था l जब एक शत्रुतापूर्ण भीड़ ने उसे पकड़ कर महायाजक के पास ले गयी, “जो मनुष्य यीशु को पकड़े हुए थे, वे उसे ठठ्ठों में उड़ाकर पीटने लगे”(लूका 22:63) l उनके दिखावटी मुकदमों और अमल के दौरान दुर्व्यवहार जारी रहा l यीशु ने इसे केवल सहन नहीं किया l जब रोमी सैनिकों ने उसे क्रूस पर चढ़ाया, तो उसने उनकी क्षमा के लिए प्रार्थना की(23:34) l 

हो सकता है कि हमारा सामना किसी वास्तविक शत्रु से न हो जो हमें मारने का प्रयास कर रहा हो l लेकिन विदित है कि उपहास और तिरस्कार सहना कैसा होता है l हमारी स्वाभाविक प्रतिक्रिया क्रोध में प्रतिक्रिया देना होता है l यीशु ने मानक बताया : “अपने सतानेवालों के लिए प्रार्थना करो”(मत्ती 5:44) l 

परमेश्वर आपको देखता है

“नीचो उतरो!” मेरी सहेली ने अपने बेटे से दृढ़ता से कही जब वह चर्च के बेंच पर चढ़ गया और हाथ हिलाया l “मैं चाहता हूँ कि पास्टर मुझे देखें,” उसने मासूमियत से उत्तर दिया l “अगर मैं खड़ा नहीं होऊँगा, तो वह मुझे नहीं देख पाएंगे l” 

जबकि अधिकाँश चर्चों में संभवतः बेंच पर खड़े होने का बढ़ावा नहीं दिया जाता है, मेरी सहेली के बेटे की बात अच्छी थी l खड़ा होना और हाथ हिलाना निश्चित रूप से पास्टर को देखने और उनका ध्यान आकर्षित करने का एक तरीका था l 

जब हम परमेश्वर का ध्यान आकर्षित करने का प्रयास कर रहे हैं, तो हमें उसके द्वारा देखे जाने के बारे में चिंता करने की ज़रूरत नहीं है l परमेश्वर हममें से हर एक को हर समय देखता है l वह वही है जिसने हाजिरा को तब अपने बारे में बताया था जब वह शायद अपने जीवन के सबसे निचले, सबसे अकेले, सबसे निराशाजनक समय में थी l उसे मोहरे के रूप में उपयोग किया गया था और अब्राम को उसकी पत्नी सारै ने बेटा पैदा करने के लिए दिया था (उत्पत्ति 16:3) l और जब वह गर्भवती हुयी, तो अब्राम ने अपनी पत्नी को हाजिरा के साथ दुर्व्यवहार करने की अनुमति दी : “सारै उसको दुःख देने लगी, और वह उसके सामने से भाग गयी”(पद.6) l 

भागी हुयी दासी ने स्वयं को अकेला, गर्भवती और दुखी पाया l फिर भी निर्जन स्थान में उसकी निराशा के बीच, परमेश्वर ने दयालुतापुर्वक उससे बात करने के लिए एक दूत को भेजा l स्वर्गदूत ने उसे बताया कि परमेश्वर ने “[उसके] दुःख का हाल सुन लिया है”(पद.11) l उसने यह कहकर उत्तर दिया, “क्या मैं यहाँ भी उसको जाते हुए देखने पाई”(पद.13) l 

क्या एहसास है—खासकर जंगल के बीच में l परमेश्वर ने हाजिरा को देखा और उस पर दया की l और चाहे परिस्थितियाँ कितनी भी कठिन क्यों न हों, वह आपको देखता है l 

प्रेम के साथ सेवा

जब क्रिस्टल ने पहली बार वर्जिनिया कॉफ़ी शॉप में काम करना आरम्भ किया, तो उसने इब्बी नाम के एक ग्राहक को सेवा दी l चूँकि इब्बी सुनने में अक्षम है, इसलिए उसने अपने फोन पर टाइप किये हुए नोट का उपयोग करके अपना आर्डर दिया l जब क्रिस्टल को पता चला कि इब्बी एक नियमित ग्राहक है, तो उसने पर्याप्त अमेरिकी सांकेतिक भाषा(sign Language) सीखकर उसे बेहतर सेवा देने का निश्चय किया ताकि वह बिना लिखे अपना आर्डर दे सके l 

एक छोटे से तरीके से, क्रिस्टल ने इब्बी को दिखया कि पतरस हम सभी को एक-दूसरे के लिए किस तरह का प्रेम और सेवा प्रोत्साहित करता है l यीशु के उन विश्वासियों को लिखे अपने पत्र में, जो तितर-बितर और निर्वासित हो गए थे, प्रेरित ने संकेत दिया कि उनसे “अधिक प्रेम रखो” और अपने वरदानों का उपयोग “दूसरे की सेवा [के लिए करो]”(1 पतरस 4:8, 10) l उसने हमें जो भी गुण और योग्यताएँ प्रदान की हैं वे उपहार हैं जिनका उपयोग हम दूसरों की भलाई के लिए कर सकते हैं l जैसा कि हम करते हैं, हमारे शब्द और कार्य परमेश्वर को आदर दे सकते हैं l 

पतरस के शब्द उन लोगों के लिए ख़ास तौर से विशेष थे जिन्हें उसने लिखा था, क्योंकि वे पीड़ा और अलगाव के समय का अनुभव कर रहे थे l उन्होंने उन्हें संकट के समय एक-दूसरे की सेवा करने के लिए उत्साहित किया ताकि उन्हें अपनी आजमाइशों में सहन करने में मदद मिल सके l यद्यपि हम किसी अन्य व्यक्ति द्वारा अनुभव किए गए ख़ास दर्द को नहीं जानते हैं, परमेश्वर हमें सहानुभूति दिखाने के साथ-साथ दयालुता और ख़ुशी से अपने शब्दों, संसाधनों और क्षमताओं के साथ परस्पर सेवा करने में मदद कर सकता है l परमेश्वर हमें अपने प्रेम के प्रतिबिम्ब के रूप में दूसरों की सेवा करने में मदद करें l