Month: जनवरी 2025

भीड़

दार्शनिक और लेखक हन्ना अरेंड्ट (1906–75) ने कहा, “पुरुषों को सबसे शक्तिशाली सम्राटों का विरोध करने और उनके सामने झुकने से इनकार करने के लिए पाया गया है।” उसने आगे कहा, “लेकिन वास्तव में भीड़ का विरोध करने के लिएए गुमराह जनता के सामने अकेले खड़े होने के लिएए हथियारों के बिना उनके उग्र उन्माद का सामना करने के लिए कुछ ही पाए गए हैं।” एक यहूदी के रूप में,अरेंड्ट ने इस सीधी खबर को अपने मूल जर्मनी में  देखा। समूह द्वारा अस्वीकार किए जाने के बारे में  कुछ भयानक बात होती है।

प्रेरित पौलुस ने ऐसी अस्वीकृति का अनुभव किया। एक फरीसी और रब्बी के रूप में प्रशिक्षित, उसका जीवन उल्टा हो गया जब उसने पुनर्जीवित यीशु का सामना किया। पौलुस उन लोगों को सताने के लिए दमिश्क की यात्रा कर रहा था जो मसीह में विश्वास करते थे (प्रेरितों के काम 9)। अपने बदलाव के बाद, प्रेरित ने स्वयं को अपने ही लोगों द्वारा अस्वीकार किया हुआ पाया। अपने पत्र, जिसे हम 2 कुरिन्थियों के रूप में जानते हैं, पौलूस ने उन कुछ परेशानियों की समीक्षा की जिनका उसने उनके हाथों सामना किया, उनमें से  “मारपीट”  और  “कैद”  था  (6:5) । 

इस तरह की अस्वीकृति का क्रोध या कटुता के साथ जवाब देने के बजाय, पौलुस ने चाहा कि वे भी यीशु को जानें। उन्होंने लिखा, “मुझे बड़ा शोक है, और मेरा मन सदा दुखता रहता है, क्योंकि मैं यहाँ तक चाहता था कि अपने भाइयों के लिये जो शरीर के भाव से मेरे कुटुम्बी हैं, स्वयं ही मसीह से शापित हो जाता।”(रोमियों 9:2–3)। जैसे परमेश्वर ने अपने परिवार में हमारा स्वागत किया हैए वैसे ही वह हमें अपने विरोधियों को भी अपने साथ संबंध बनाने के लिए आमंत्रित करने में सक्षम करे।

हमारी बाकी कहानी

छह दशकों से अधिक समय तक, समाचार पत्रकार पौलूस हार्वे अमेरिकी रेडियो पर एक जानी–पहचानी आवाज थे। सप्ताह में छह दिन वह रंगीन लहजे़ के साथ कहते, “आप जानते हैं कि खबर क्या है, एक मिनट में आप बाकी की कहानी सुनने जा रहे हैं”। एक संक्षिप्त विज्ञापन के बाद, वह एक प्रसिद्ध व्यक्ति की एक कम जानी  कहानी सुनाते थे। लेकिन अंत तक उस व्यक्ति के नाम या किसी अन्य प्रमुख बात को न बताकर, वह  नाटकीय तरीके से रुक रुक कर और  खास वाक्य (टैगलाइन) बोलकर  श्रोताओं को प्रसन्न करते थे — “और अब आप जानते हैं — — बाकी की कहानी।”

अतीत और भविष्य की चीजों के बारे में प्रेरित यूहन्ना का दर्शन एक समान प्रतिज्ञा के साथ प्रकट होता है। हालाँकि, उनकी कहानी की शुरूआत दुखभरी होती है। वह रोना बंद नहीं कर सका जब उसने देखा कि स्वर्ग में या पृथ्वी पर कोई भी  इस योग्य नहीं जो  यह  बता सकै  कि इतिहास किस ओर जा रहा है (प्रकाशितवाक्य 4:1; 5:1–4)। तब उस ने यहूदा के गोत्र के सिंह में आशा व्यक्त करने  का शब्द सुना (पद 5)। परन्तु जब यूहन्ना ने दृष्टि की, तो विजयी सिंह को देखने के स्थान पर उसने एक मेम्ने को देखा, जो ऐसा लग रहा था मानो उसका वध किया हुआ हो  (पद 5–6)। परमेश्वर के सिंहासन के चारों ओर उत्सव की लहरों का अविश्वसनीय दृश्य दिखाई पड़ा। चौबीस प्राचीनों के साथ  अनगिनत स्वर्गदूत  और फिर पूरे स्वर्ग और  पृथ्वी की सब सृजी हुई वस्तु  जुड़े थे (पद 8–14) ।

कौन कल्पना कर सकता था कि एक क्रूस पर चढ़ाया हुआ उद्धारकर्ता सारी सृष्टि की आशा, हमारे परमेश्वर की महिमा, और हमारी बाकी कहानी होगी।

सिंहों की माँद से बाहर

जब  ताहिर और उसकी पत्नी डोन्या, यीशु में विश्वासी बन गये, तो वे जानते थे कि उन्होंने अपने देश में उत्पीड़न का जोखिम उठाया है। दरअसल, एक दिन ताहिर की आंखों पर पट्टी बांधी गई, हथकड़ी लगाई गई, कैद किया गया और अपने धर्म का त्याग करने का आरोप लगाया गया। मुकदमे में पेश होने से पहले वह और डोन्या सहमत थे कि वे यीशु को धोखा नहीं देंगे।

जब सजा सुनाई गई तो वह  हैरान हो गया। जज ने कहा, “पता नहीं क्यों, लेकिन मैं तुम्हें व्हेल और शेर के मुंह से निकालना चाहता हूं।” तब तहेर “जान गया  कि  ईश्वर कार्य कर रहा है”;  अन्यथा बाइबल में दो पदों का संदर्भ देने वाले न्यायाधीश की वह व्याख्या नहीं कर सकता था (देखें योना 2, दानिय्येल 6) । ताहिर को जेल से रिहा कर दिया गया और परिवार को बाद में कहीं और निर्वासन (किसी दूसरे देश में जाकर रहना) मिला।

ताहिर की आश्चर्यजनक रिहाई  में डेनियल की कहानी की प्रतिघ्वनि है। एक कुशल प्रशासक, उसे पदोन्नत किया जाने वाला था, जिससे उसके सहयोगियों को जलन हुई (दानिय्येल 6:3–5)। उसके पतन की साजिश रचते हुए, उन्होंने राजा दारा को, राजा के अलावा किसी और से प्रार्थना करने के खिलाफ एक कानून पारित करने के लिए मना लिया, जिसे दानिय्येल ने नजरअंदाज कर दिया। राजा दारा के पास उसे सिंहों की माँद में डालने के अलावा कोई चारा नहीं था (पद 16)। परन्तु परमेश्वर ने “दानिय्येल को बचाया”, उसे मृत्यु से बचाया (पद 27), जैसे उसने न्यायाधीश की आश्चर्यजनक रिहाई के द्वारा ताहिर को बचाया।

बहुत से विश्वासी आज यीशु का अनुसरण करने के लिए दुख उठाते  हैं, और कभी कभी उन्हें मार भी दिया जाता है। जब हम उत्पीड़न का सामना करते हैं तो हम अपने विश्वास को गहरा कर सकते हैं जब हम समझते हैं कि परमेश्वर के पास ऐसे तरीके हैं जिनकी हम कल्पना भी नहीं कर सकते। जान लें कि आप जिस भी लड़ाई का सामना करते हैं उसमें वह आपके साथ है।

छुड़ाने वाला परमेश्वर

एक प्रवचन चित्रण के हिस्से के रूप में, मैं उस खूबसूरत पेंटिंग की ओर चल पड़ा जिसे एक कलाकार मंच पर बना रहा था।और मैंने उसके बीच में एक काली लकीर बना दी। पूरी कलीसिया  डर से हैरान हो गई। कलाकार बस खड़ी रही और देखती रही कि मैंने उसके द्वारा बनाई गई चीज़ों को बिगाड़ दिया है। फिर, उसने एक नए ब्रश को चुना और  प्यार से खराब हुई पेंटिंग को कला के उत्कृष्ट काम में बदल दिया।

उसका पुनर्स्थापना (पहले जैसे बना देने) का कार्य मुझे उस कार्य की याद दिलाता है जिसे परमेश्वर हमारे जीवन में कर सकता है जब हम गडबडी करते हैं। भविष्यद्वक्ता यशायाह ने इस्राएल के लोगों को उनके आत्मिक अंधेपन और बहरेपन के लिए फटकार लगाई (यशायाह 42:18–19); लेकिन फिर  उसने परमेश्वर के छुटकारे और पाप से मुक्ति की आशा की घोषणा की, “मत डर, क्योंकि मैं ने तुझे छुड़ा लिया है” (43:1)|  वह हमारे लिए भी ऐसा ही कर सकता है  हमारे पाप करने के बाद भी यदि हम अपने पापों को अंगीकार करते हैं और परमेश्वर की ओर फिरते हैं, तो वह हमें क्षमा करता है और पुनर्स्थापित करता है (5–7; 1 यूहन्ना 1:9 देखें)। हम गंदगी से सुंदरता को बाहर नहीं ला सकते, लेकिन यीशु कर सकते हैं। सुसमाचार का शुभ समाचार यह है कि उसने अपने लहू के द्वारा हमें छुड़ाया है। प्रकाशितवाक्य की पुस्तक हमें आश्वासन देती है कि अंत में, मसीह हमारे आँसू पोंछ डालेगा, पहली बातें मिटा देगा, और सब कुछ नया बना देगा  (प्रकाशितवाक्य 21:4–5)।

हमारे पास अपनी कहानी के बारे में एक सीमित दृष्टि है। परन्तु परमेश्वर जो हमें “नाम से” जानता है (यशायाह 43:1), हमारे जीवन को हमारी कल्पना से भी अधिक सुंदर बना देगा। यदि आपको यीशु में विश्वास के द्वारा छुड़ाया गया है, तो आपकी कहानी का उस  चित्र की तरह एक शानदार अंत है।