कुछ नया
ताजे पानी की कमी वाले क्षेत्रों में खेती मुश्किल है l इस समस्या को हल करने में मदद करने के लिए सीवॉटर ग्रीनहाउस कंपनी ने सोमालीलैंड, अफ्रीका और इसी तरह के जलवायु वाले अन्य देशों में कुछ नया बनाया है : “कूलिंग हाउस l” कुलिंग हाउस नालीदार कार्डबोर्ड से बने दीवारों पर खारा पानी को टपकाने के लिए सौर पंप का उपयोग करते हैं l जैसे ही पानी प्रत्येक पैनल के नीचे जाता है, वह अपना नमक पीछे छोड़ देता है l शेष बचा हुआ ज्यादादर ताजा पानी संरचना के अंदर वाष्पित हो जाता है, जो नमी वाली जगह बन जाती है जहां फल और सब्जी विकसित हो सकती हैं l
यशायाह नबी के द्वारा, परमेश्वर ने “नई बात” करने की प्रतिज्ञा की जब उसने प्राचीन इस्राएल के लिए “निर्जल देश में नदियाँ” [बहायीं] (यशायाह 43:19) l इस नई चीज़ ने पुरानी चीज़ के साथ फर्क दिखाया जो उसने अपने लोगों को मिस्र की सेना से बचाने के लिए किया था l लाल समुद्र की घटना याद है? परमेश्वर चाहता था कि उसके लोग अतीत को याद करें लेकिन उनके जीवनों में उसके वर्तमान भागीदारी को फीका न होने दें (पद.18) l उसने कहा, “देखो, मैं एक नई बात करता हूँ; वह अभी प्रगट होगी, क्या तुम उससे अनजान रहोगे? मैं जंगल में एक मार्ग बनाऊँगा” (पद.19) l
जबकि अतीत को देखना परमेश्वर के प्रबंध में हमारे विश्वास को सहारा देता है, अतीत में रहना वर्तमान में ईश्वर की आत्मा के सभी नए कार्यों के प्रति हमें अंधा बना सकता है l हम परमेश्वर को यह दिखाने के लिए कह सकते हैं कि वह वर्तमान में कैसे बढ़ रहा है - अपने लोगों की मदद करके, फिर से बनाकर, और थामकर l यह जागरूकता हमें दूसरों के साथ निकट और दूर की जरूरतों को पूरा करने के लिए उसके साथ भागीदार बनाए l
कागज़ के मुकुट
मेरे घर पर जन्मदिन की पार्टी के बाद, सभी ने मिठाई, छोटे खिलौने और कंफेटी से भरे रिटर्न गिफ्ट(वापसी उपहार) खोले । लेकिन इन उपहारों में कुछ और भी था - हममें से प्रत्येक के लिए कागज़ का एक मुकुट l जैसे ही हम मेज के चारों ओर बैठे, हम उनको पहनने से खुद को रोक न सके, और हम एक दूसरे को देखकर मुस्कुराए l सिर्फ एक पल के लिए, हम राजा और रानी थे, यद्यपि हमारा राज्य एक भोजन कक्ष था जिसमें हमारे रात्री भोजन के अवशेष फैले हुए थे l
इससे बाइबल के एक वादे की याद आती है जिसके बारे में मैं अक्सर नहीं सोचती l अगले जीवन में, सभी विश्वासी यीशु के साथ राज्य करने का अधिकार प्राप्त करेंगे l पौलुस 1 कुरिन्थियों 6 में इसका उल्लेख करता है जहां वह पूछता है, “क्या तुम नहीं जानते कि पवित्र लोग जगत का न्याय करेंगे?” (पद.2) l पौलुस ने भविष्य के इस विशेषाधिकार का उल्लेख किया क्योंकि वह विश्वासियों को पृथ्वी पर शांति से विवादों को निपटाने के लिए प्रेरित करना चाहता था l वे एक-दूसरे पर मुकदमा कर रहे थे और परिणामस्वरूप अपने समुदाय में अन्य विश्वासियों की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा रहे थे l
हम संघर्ष को सुलझाने में बेहतर हो जाते हैं जब पवित्र आत्मा हमारे भीतर आत्म-नियंत्रण, सौम्यता और धैर्य पैदा करता है l यीशु जिस समय पृथ्वी पर लौटेगा और हमारे जीवनों में आत्मा के कार्य को पूरा करेगा (1 यूहन्ना 3:2–3), हम “हमारे परमेश्वर के लिए एक राज्य और याजक . . . “और . . . पृथ्वी पर राज्य” करने के लिए अपनी अंतिम भूमिका के रूप में तैयार होंगे l (प्रकाशितवाक्य 5:10) l आइए इस प्रतिज्ञा को थामे रहें जो पवित्रशास्त्र में सोने के मुकुट में हीरे की तरह चमकता है l
सुबह की धुंध
एक सुबह मैं अपने घर के पास एक तालाब पर गयी l मैं एक पलटी हुई नाव पर बैठ गयी, सोचती हुई और एक कोमल पश्चिम हवा को पानी की सतह पर धुंध की एक परत का पीछा करते हुए देख रही थी । कोहरे की लड़ी चक्कर मार रहे थे और भँवर में घूम रहे थे l छोटे-छोटे "बवंडर" उठे और फिर खुद ही शांत हो गए l जल्द ही, बादलों के बीच से सूरज की रोशनी दिखाई दी और धुंध गायब हो गई ।
इस दृश्य ने मुझे सुकून दिया क्योंकि मैंने इसे एक पद के साथ जोड़ा जिसे मैंने अभी पढ़ा था : "मैंने तेरे अपराधों को काली घटा के समान और तेरे पापों को बादल के समान मिटा दिया है” (यशायाह 44:22) । मैं उन पापपूर्ण विचारों की एक श्रृंखला से खुद का ध्यान हटाने के लिए जिसमें मैं कई दिनों से फंसी हुई थी, उस स्थान पर गयी थी l हालाँकि मैं उन्हें कबूल कर रही थी, लेकिन मुझे आश्चर्य होने लगा कि क्या परमेश्वर मुझे माफ कर देगा जब मैंने उसी पाप को दोहराउंगी l
उस सुबह, मुझे पता था कि जवाब हां था । अपने भविष्यवक्ता यशायाह के माध्यम से, परमेश्वर ने इस्राएलियों पर अनुग्रह दिखाया जब वे मूर्ति पूजा की अविरत समस्या से जूझ रहे थे । यद्यपि उसने झूठे देवताओं का पीछा करना बंद करने के लिए कहा था, परमेश्वर ने खुद ही उन्हें वापस भी आमंत्रित किया, और कहा, “तू मेरा दास है, मैं ने तुझे रचा है . . . मैं तुझ को न भूलूंगा” (पद.21) l
मैं इस तरह क्षमा को पूरी तरह समझ नहीं सकती, लेकिन मैं समझती हूँ कि परमेश्वर का अनुग्रह ही एकमात्र ऐसी चीज है जो हमारे पाप को पूरी तरह से ख़त्म कर सकता है हमें उससे चंगा कर सकता है l मैं आभारी हूं कि उसका अनुग्रह उसी के समान अनंत और दिव्य है, जब भी हमें इसकी आवश्यकता होती है वह उपलब्ध है ।
कोई भी और हर कोई
अल सल्वाडोर के देश ने अपनी राजधानी शहर के केंद्र में यीशु की एक मूर्ति रखकर उसे सम्मानित किया है । हालाँकि यह स्मारक व्यस्त यातायात परिपथ के बीच में है, लेकिन इसकी ऊँचाई इसे देखना आसान कर देता है, और इसका नाम- द डिवाइन सेवियर ऑफ द वर्ल्ड(The Divine Saviour of the World) - उसकी अलौकिक स्थिति के प्रति सम्मान का संचार करता है ।
स्मारक का नाम पुष्टि करता है कि बाइबिल यीशु के बारे में क्या कहती है (1 यूहन्ना 4:14) । वह ही है जो सभी को उद्धार देता है । यीशु सांस्कृतिक सीमाओं को पार करता है और किसी भी ईमानदार व्यक्ति को स्वीकार करता है जो उसे जानना चाहता है, उम्र, शिक्षा, जातीयता, पिछले पाप या सामाजिक स्थिति की परवाह किए बिना ।
प्रेरित पौलुस ने प्राचीन दुनिया की यात्रा करते हुए लोगों को यीशु के जीवन, मृत्यु और पुनरुत्थान के बारे में बताया । उसने इस अच्छी खबर को राजनीतिक और धार्मिक अधिकारियों, सैनिकों, यहूदियों, गैरयहूदियों, पुरुषों, महिलाओं और बच्चों के साथ साझा किया । पौलुस ने समझाया कि कोई भी व्यक्ति “यीशु प्रभु है” की घोषणा करके मसीह के साथ एक सम्बन्ध स्थापित कर सकता है और यह विश्वास करते हुए कि परमेश्वर ने वास्तव में उसे मृतकों से जिलाया है (रोमियों 10: 9) । उसने कहा, ”जो कोई उस पर विश्वास करेगा वह लज्जित न होगा . . . [और] जो कोई प्रभु का नाम लेगा, वह उद्धार पाएगा” (पद.11,13) l
यीशु आदर पाने के लिए दूर की छवि नहीं है; हमारे पास विश्वास के द्वारा व्यक्ति-से-व्यक्ति का संबंध होना चाहिए । हम उसके द्वारा प्रदान किए गए उद्धार के मूल्य को देख सकते हैं और आज उसके साथ एक आध्यात्मिक रिश्ते में आगे बढ़ सकते हैं ।
आग में
स्पेन में एक जंगल की आग ने, लगभग 50,000 एकड़ वनप्रदेश को झुलसा दिया । हालांकि, तबाही के बीच, लगभग 1,000 उज्ज्वल हरे सरू के पेड़ों(cypress trees) का एक समूह खड़ा रहा । पानी को धारण करने की पेड़ों की क्षमता ने उन्हें सुरक्षित रूप से आग को सहन करने दी थी ।
बाबुल/बेबीलोन में राजा नबूकदनेस्सर के शासनकाल के दौरान, दोस्तों का एक छोटा समूह राजा के क्रोध की ज्वाला से बच गया । शद्रक, मेशक और अबेदनगो ने नबूकदनेस्सर द्वारा बनाई गई एक मूर्ति की पूजा करने से इनकार कर दिया, और उससे कहा, “हमारा परमेश्वर, जिसकी हम उपासना करते हैं वह हम को उस धधकते हुए भट्ठे की आग से बचाने की शक्ति रखता है” (दानिय्येल 3:17) । क्रोध से भरकर, राजा ने भट्ठे को सातगुणा अधिक धधका दिया (पद.19) l
राजा के आदेशों को मानने वाले और मित्रों को आग में झोंकने वाले सैनिक सब जल गए, फिर भी दर्शकों ने शद्रक, मेशक और एबेदनगो को आग की लपटों के बीच “खुले हुए [टहलते] देखा l” कोई और भी भट्ठे में था - एक चौथा आदमी जो "ईश्वर पुत्र के सदृश” था (पद.25) l अनेक विद्वानों का यह मानना है कि वह यीशु का देहधारण से पूर्व का एक प्रगटन था ।
जब हम भय और आजमाईशों का सामना करते हैं तो यीशु हमारे साथ है । जिन क्षणों में हम दबाव में आकर हार मानने लगते हैं, हमें डरने की ज़रूरत नहीं है । हम हमेशा यह नहीं जान सकते कि परमेश्वर हमारी सहायता कैसे या कब करेगा, लेकिन हम जानते हैं कि वह हमारे साथ है । वह हमें हर उस "आग" के द्वारा जिसमें होकर हम जाते हैं हमें अपने प्रति वफादार रहने की शक्ति देता है ।
आप उसे पुनः देखेंगे
जब मैंने जैकी के बिस्तर के पास एक कुर्सी खींची, कमरे में कम रौशनी थी और कमरा शांत था l कैंसर के साथ तीन साल की लड़ाई से पहले, मेरी सहेली एक फुरतीली व्यक्ति थी l मैं अब भी उसे हंसती हुई देख सकती हूँ – जीवन से भरी आँखें, मुस्कराहट से चमकता हुआ उसका चेहरा l अब वह निःशब्द और शांत थी, और मैं एक विशेष देखभाल सुविधा केंद्र में उससे मिलने आई थी l
नहीं जानते हुए कि बोलना है, मैंने पवित्रशास्त्र के कुछ भाग पढ़ने का फैसला किया l मैंने अपने पर्स से अपनी बाइबल निकाली और 1 कुरिन्थियों से एक संदर्भ निकालकर पढ़ने लगी l
उससे मुलाकात के बाद अपनी खड़ी कार में अकेले में, मेरे मन में एक विचार आया जिसने मेरी आँखों के आँसू कम कर दिए : तुम उसे फिर देखोगी l अपने दुःख के बीच, मैं भूल गयी थी कि विश्वासियों के लिए मृत्यु केवल अस्थायी है (1 कुरिन्थियों 15:21-22) l मुझे पता था कि मैं फिर से जैकी को देखूँगी क्योंकि हम दोनों ने हमारे पापों की क्षमा के लिए यीशु की मृत्यु और पुनरुत्थान पर भरोसा किया था (पद.3-4) l जब यीशु अपने क्रूसीकरण के बाद जीवित हुआ, तो मृत्यु ने विश्वासियों को एक दूसरे से और परमेश्वर से अलग करने की अपनी अंतिम शक्ति खो दी l हमारे मरने के बाद, हम परमेश्वर के साथ पुनः स्वर्ग में रहेंगे और हमारे सभी आत्मिक भाई और बहन भी - हमेशा के लिए l
क्योंकि यीशु आज जीवित है, उसके विश्वासियों के पास नुक्सान और दुःख के समय में आशा है l जय ने मृत्यु को निगल लिया (पद.54) l
काम पर करुणा
मेरी दोस्त अनीता एक लेखा फर्म के लिए कुल वेतन भुगतान(payroll) की गणना करती है l यह एक सीधी नौकरी की तरह लग सकता है, लेकिन ऐसे समय होते हैं जब नियोक्ता अनुरोध के बाद देर से अपनी जानकारी जमा करते हैं l अनीता अक्सर इसकी पूर्ति के लिए लम्बे समय तक काम करती हैं ताकि कर्मचारी समय से अपना पैसा प्राप्त कर सकें l वह उन परिवारों के कारण विचार करती है जो किराने का सामान खरीदने, दवा खरीदने और आवास के लिए भुगतान करने के लिए उन आय श्रोतों(fund) पर निर्भर हैं l
अनीता का अपनी नौकरी के प्रति दयालु रवैया मुझे यीशु की ओर इशारा करता है l संसार में, उसने कभी-कभी लोगों की सेवा की जब वह उसके लिए असुविधाजनक था l उदाहरण के लिए, यूहन्ना बप्तिस्मा दाता के मारे जाने के बारे में सुनने के बाद मसीह कुछ समय अकेले रहना चाहता था, इसलिए वह एक अलग जगह की तलाश में एक नाव पर सवार हो गए (मत्ती 14:13) l शायद वह अपने रिश्तेदार के लिए शोक मनाना चाहता था और दुःख में होकर प्रार्थना करना चाहता था l
सिर्फ एक ही समस्या थी l उसके पीछे लोगों की भीड़ लगी l इस समूह की विभिन्न भौतिक ज़रूरतें थीं l लोगों को भेजना बहुत आसान होता, लेकिन “उसने निकलकर एक बड़ी भीड़ देखी और उन पर तरस खाया, और उनके बीमारों को चंगा किया” (पद.14) l
हालाँकि यह लोगों को सिखाने और उनकी बीमारियों को ठीक करने के लिए यीशु की बुलाहट का हिस्सा था, उसकी सहानुभूति ने उसके काम करने के तरीके को प्रभावित किया जिसमें उसने अपनी जिम्मेदारियों को पूरा किया l परमेश्वर हमें अपने जीवन में उसकी करुणा को पहचानने में मदद करें और हमें उसे दूसरों तक पहुंचाने की शक्ति दें l
एक दिव्य युगल गीत
बच्चों के एक संगीत प्रस्तुति पर, मैंने एक शिक्षक और एक छात्र को एक पियानों के सामने बैठते देखा l उनका युगल गीत शुरू होने से पहले, शिक्षक झुक कर कुछ अंतिम मिनटों के निर्देशों को फुसफुसाया l जैसे ही संगीत वाद्ययंत्र से प्रवाहित हुआ, मैंने देखा कि छात्र ने एक सरल धुन बजाया, जबकि शिक्षक की संगत ने गीत में गहराई और अतिशोभा जोड़ दी l रचना के अंत के निकट, शिक्षक ने अपनी सहमति का इशारा किया l
यीशु में हमारा जीवन एक एकल प्रदर्शन की तुलना में ज़्यादातर युगल गीत की तरह है l कभी-कभी, हालाँकि, मैं भूल जाता हूँ कि वह “मेरे बगल में बैठा है,” और यह केवल उसकी सामर्थ्य और मार्गदर्शन से है कि मैं “बजा सकता हूँ l मैं अपने दम पर सभी सही तानों’ को बजाने की कोशिश करता हूँ – अपनी ताकत में परमेश्वर की आज्ञापालन करना चाहता हूँ, लेकिन इसका अंत आमतौर पर नकली और खोखला लगता है l मैं अपनी सीमित क्षमता के साथ समस्याओं को सँभालने की कोशिश करता हूँ लेकिन इसका परिणाम अक्सर दूसरों के साथ मतभेद होता है l
मेरे शिक्षक की उपस्स्थिति सम्पूर्ण फर्क डालती है l जब मैं अपनी सहायता के लिए यीशु पर भरोसा करता हूँ, तो मैं अपने जीवन को ईश्वर के प्रति अधिक सम्मानजनक पाता हूँ l मैं ख़ुशी से सेवा करता हूँ, स्वतंत्र रूप से प्यार करता हूँ, और आश्चर्यचकित हूँ जब परमेश्वर मेरे रिश्तों को आशीष देता हैं l यह उसी प्रकार है जैसे यीशु ने अपने पहले शिष्यों से कहा था, “जो मुझ में बना रहता है और मैं उसमें, वह बहुत फल फलता है” (यूहन्ना 15:5) l
हर दिन हम अपने अच्छे शिक्षक के साथ एक युगल गीत गाते हैं – यह उसकी कृपा और सामर्थ्य है जो हमारे आध्यात्मिक जीवन का माधुर्य है l
बोलनेवाले केले
कभी हार न मानें l किसी के मुस्कुराने का कारण बनें l आप कमाल के हैं l यह नहीं कि आप कहाँ से हैं – आप जहां जा रहे हैं महत्वपूर्ण है l अमेरिका के एक स्कूल में कुछ स्कूली बच्चों ने अपने भोजनालय में इन संदेशों के साथ और संदेशों को केलों पर लिखा हुआ पाया l कैंटीन का प्रबंधक जिसका नाम स्टेसी था, ने फल पर इन उत्साहजनक नोट्स लिखने के लिए समय लिया, जिसे बच्चों ने “बोलनेवाले केले” करार दिया l
यह परवाह करने वाली पहुँच प्राचीन शहर अन्ताकिया में “आध्यात्मिक युवाओं” के लिए बरनबास का हृदय याद दिलाता है (प्रेरितों 11:22-24) l बरनबास लोगों को प्रेरित करने की अपनी क्षमता के लिए प्रसिद्ध था l एक अच्छे इंसान के रूप में जाना जाने वाला, विश्वास और पवित्र आत्मा से भरा हुआ, उसने नए विश्वासियों को “तन मन लगाकर प्रभु से लिपटे” रहने के लिए प्रेरित किया” (पद.23) l मुझे लगता है कि वह उन लोगों के साथ समय बिताया जिनकी वह मदद करना चाहता था, इस तरह के शब्द कहते हुए कि : निरंतर प्रार्थना करते रहें l प्रभु पर भरोसा रखें l जब जीवन कठिन हो तो परमेश्वर के निकट रहें l
हममें से जो कुछ समय तक यीशु के साथ चले हैं समझते हैं कि यीशु के साथ जीना कितना कठिन हो सकता है l हम सभी को प्रोत्साहन देने और प्राप्त करने में सक्षम हों, जब परमेश्वर का आत्मा हमारा मार्गदर्शन करता है और हमें आध्यात्मिक सत्य की याद दिलाता है l