विजय जुलूस
2016 में जब शिकागो कब्स बेसबॉल टीम ने एक शताब्दी से अधिक समय में पहली बार विषय सीरीज जीत ली, चैंपियनशिप का जश्न मानाने के लिए पचास लाख लोग शहर के मध्य जुलूस में शामिल हुए l
विजय जुलूस कोई आधुनिक अविष्कार नहीं हैं l रोमी की जीत एक लोकप्रिय प्राचीन जुलूस थी, जिसमें विजयी सेनापति भीड़ वाले मार्गों में अपनी सेना और युद्धबंदियों के जुलूस की अगुवाई करते थे l
कदाचित इस प्रकार की जुलूस का चित्र पौलुस के मन में था जब उसने कुरिन्थुस की कलीसिया को लिखते हुए परमेश्वर के विश्वासियों को “जय के उत्सव में लिए [फिरने]” के लिए धन्यवाद दिया (2 कुरिन्थियों 2:14) l यह मुझे चित्ताकर्षक लगता है कि इस चित्र में, मसीह के अनुयायी बंदी हैं l हालाँकि, विश्वासी के रूप में हम भागदारी करने के लिए विवश नहीं हैं, परन्तु इच्छुक “बंदी,” जो स्वेच्छापूर्वक विजयी, पुनरुत्थित मसीह की जुलूस का भाग हैं l मसीही के रूप में, हम जश्न मानते हैं कि मसीह की विजय द्वारा, वह अपना राज्य बना रहा है और अधोलोक की फाटकें उसपर प्रबल नहीं होंगी (मत्ती 16:18) l
जब हम क्रूस पर यीशु की विजय और स्वतंत्रता के विषय बात करते हैं जो वह विश्वासियों को देता है, हम “[उसके] ज्ञान की सुगन्ध” हर जगह फैलाते हैं (2 कुरिन्थियों 2:14) l और चाहे लोग सुगंध को उद्धार के आश्वासन के रूप में ग्रहण करें या अपनी हार की गंध माने, यह अदृश्य किन्तु शक्तिशाली सुगंध हर जगह उपस्थित है जहां हम जाते हैं l
जब हम मसीह का अनुसरण करते हैं, हम उसके पुनरुत्थान के विजय की घोषणा करते हैं, वह विजय जो संसार के लिए उद्धार को उपलब्ध करता है l
खूंटियों को गिराना
जब मैंने अपने मित्र इरिन के टखने पर टैटू देखा जिसमें बॉल फेंककर खूटियों का गिरना दर्शाया गया था तो मेरे मन में जिज्ञासा उत्पन्न हुयी l इरिन को इस अद्वितीय टैटू को प्राप्त करने की प्रेरणा सारा ग्रोव्स के गीत “सेटिंग अप द पिन्स” को सुनकर मिली थी l यह दक्ष गीतकाव्य श्रोताओं को अपने दोहराए जानेवाले, दिनचर्या में आनंद खोजने के लिए उत्साहित करता है जो कभी-कभी अपने हाथों से बार-बार उन खूंटियों को पुनः खड़ा करने की तरह व्यर्थ महसूस होता है, केवल फिर से किसी के द्वारा पुनः गिराए जाने के लिए l
कपड़े धोना, भोजन बनाना, मैदान साफ़ करना l जीवन कामों से भरा हुआ है जिन्हें, एक बार पूरा करने के बाद, पुनः दोहराया जाना है – बार-बार l यह कोई नया संघर्ष नहीं है परन्तु एक पुरानी निराशा, जिसके साथ पुराने नियम के सभोपदेशक पुस्तक में भी जूझा गया था l यह पुस्तक लेखक द्वारा शिकायत करते हुए आरम्भ होता है कि दैनिक मानव जीवन न ख़त्म होने वाले चक्र की भांति व्यर्थ है (1:2-3), अर्थहीन भी, क्योंकि “जो कुछ हुआ था, वही फिर होगा, और जो कुछ बन चुका है वही फिर बनाया जाएगा” (पद.9) l
फिर भी, मेरे मित्र की तरह, लेखक यह याद करके पुनः आनंद का भाव और अर्थ प्राप्त कर सका कि हमारी आखिरी तृप्ति “परमेश्वर का भय [मानना] और उसकी आज्ञाओं का पालन है” (12:13) l यह जानने से तसल्ली मिलती है कि परमेश्वर साधारण, कदाचित जीवन के नीरस पहलुओं को भी महत्त्व देता है और हमारी विश्वासयोग्यता को पुरुस्कृत करेगा (पद.14) l
आप निरंतर कौन सी “खुटियाँ” खड़ी कर रहे है? उन दिनों में जब दोहराए जानेवाले कार्य थकानेवाले महसूस हो, काश हम थोड़ा समय निकालकर हर एक कार्य को प्रेम के बलिदान के रूप में परमेश्वर को सौंपेंl
बाइबल का नुस्ख़ा
ग्रेग और एलिज़ाबेथ नियमित रूप से स्कूल जाने वाले अपने चार बच्चों के साथ “चुटकुलों की रात” रखते हैं l हर एक बच्चा अनेक चुटकुले लेकर खाने की मेज़ पर बताने के लिए आता है जो उसने सप्ताह के दौरान पढ़े हैं या सुने हैं (या खुद से बनाए है!) इस परंपरा ने मेज़ के आस-पास बांटे गए आमोद-प्रमोद के आनंददायक यादों को स्थापित किया है l ग्रेग और एलिज़ाबेथ ने अपने बच्चों के लिए हंसी को स्वास्थ्यवर्धक, कठिन दिनों में उनके मनोबल को ऊँचा करने वाला भी महसूस किया है l
भोजन की मेज़ के आस-पास आनंदायक बातचीत के लाभ को सी. एस. लेयुईस ने पहचाना था, जिसने लिखा, “सूर्य भोजन के समय एक हँसते हुए परिवार से अधिक किसी और पर इतना नहीं चमकता है l”
एक आनंदित हृदय को बुद्धि से पोषित करने का वर्णन नीतिवचन 17:22 में मिलता है, जहाँ हम पढ़ते हैं, “मन का आनंद अच्छी औषधि है, परन्तु मन के टूटने से हड्डियां सूख जाती हैं l” यह नीतिवचन स्वास्थ्य और चंगाई को प्रोत्साहित करने का एक “नुस्ख़ा” पेश करता है – हमारे हृदयों को आनंद से भरने की अनुमति देता है, एक औषधि जिसकी कीमत कम और परिणाम बहुत बड़ा है l
हम सब को बाइबल का यह नुस्ख़ा चाहिए l जब हम अपने बातचीत में आनंद को आने देते हैं, वह हमारे असहमति को सही परिपेक्ष्य में पहुंचता है l यह हमें स्कूल में एक तनावपूर्ण परीक्षा या एक कठिन दिन के कार्य के बावजूद भी शांति का अनुभव करने देता है l परिवार एवं मित्रों के बीच हँसी एक सुरक्षित स्थान बना सकता है जहां हम दोनों जानते एवं अनुभव करते हैं कि हम प्रेम किये गए हैं l
क्या आपको अपने जीवन में अपनी आत्मा के लिए और अधिक “अच्छी औषधि” को सम्मिलित करने की ज़रूरत है? स्मरण रखें, आपको बाइबल से एक आनंदित हृदय को विकसित करने का प्रोत्साहन मिलता है l
साफ़ धोए हुए
मैं विश्वास नहीं कर सकी l एक नीला जेल पेन मेरे सफ़ेद तौलिये में खुद को छिपा लिया था और केवल ड्रायर में तड़कने के लिए, वाशिंग मशीन में बच गया था l बदसूरत नीले दाग़ सभी जगह थे l मेरे सफ़ेद तौलिये ख़राब हो चुके थे l अत्यधिक ब्लीच(दाग़ हटाने का द्रव्य या पाउडर) भी उन गहरे दाग़ों को हटाने में असमर्थ थे l
जब मैं हिचकिचाते हुए उन तौलियों को फटे पुराने कपड़ों के ढेर में डाल रही थी, मैंने पुराने नियम में क्षति पहुंचाने वाले पाप के प्रभाव का वर्णन करने वाले यिर्मयाह नबी के विलाप को याद किया l परमेश्वर का तिरस्कार करने और मूरतों की ओर मुड़ने (यिर्मयाह 2:13) के द्वारा, यिर्मयाह ने घोषित किया कि इस्राएल के लोगों ने परमेश्वर के साथ अपने सम्बन्ध में एक स्थायी दाग़ बना लिया था : “चाहे तू अपने को सज्जी से धोए और बहुत सा साबुन भी प्रयोग करे, तौभी तेरे अधर्म का धब्बा मेरे सामने बना रहेगा, प्रभु यहोवा की यही वाणी है” (पद.22) l अपने द्वारा की गयी हानि को ठीक करने में वे असमर्थ थे l
खुद से, अपने पाप का दाग़ हटाना संभव नहीं है l किन्तु यीशु ने वह कर दिया जो हम करने में असमर्थ थे l अपनी मृत्यु और पुनरुत्थान की सामर्थ्य के द्वारा, वह “[विश्वासियों के] पापों को क्षमा” करता है (1 यूहन्ना 1:7) l
जब विश्वास करना कठिन हो, इस खुबसूरत सच्चाई को थामें रहें : यीशु पाप के हर एक हानि को पूरी रीति से हटा सकता है l परमेश्वर उसकी ओर लौटनेवाले हर इच्छित व्यक्ति के पाप के प्रभाव को धो देने के लिए तैयार है (पद.9) l हम मसीह के द्वारा, हर दिन को आज़ादी और आशा में जी सकते हैं l
सृष्टिकर्ता और सम्भालने वाला
आवर्धक लैंस और चिमटी के साथ काम करते हुए, स्विस घड़ीसाज फिलिप्प ने सतर्कतापूर्वक मुझे बताया कि वह विशेष घड़ियों के छोटे-छोटे कलपुर्ज़ों को किस प्रकार निकालता, साफ़ करता और फिर से जोड़ता है। जटिल पुर्जों को देखते हुए फिलिप्प ने मुझे घड़ी के मुख्य पुर्जे, मुख्य स्प्रिंग, को दिखाया। मुख्य स्प्रिंग वह कलपुर्जा है, जो घड़ी को समय दिखाने के लिए सभी गरारियों को चलाता है और घड़ी को समय बताने में सहायता करता है। इसके बिना, अत्यधिक कुशलता से बनाई गई घड़ियाँ भी काम नहीं करेंगी।
नया नियम के एक सुन्दर पद्यांश में, जो इब्रानियों की पुस्तक में पाया जाता है, लेखक बहुत ही उत्तम रीति से यीशु की वह व्यक्ति होने के लिए प्रशंसा करता है जिसके द्वारा परमेश्वर ने आकाशमण्डल और पृथ्वी को बनाया था। एक विशेष घड़ी की जटिलता के समान हमारे आकाशमण्डल को यीशु ने बनाया है (इब्रानियों 1:2)। हमारे सौरमण्डल से लेकर हमारे ऊँगलियों के निशान तक, सभी वस्तुएँ उनके द्वारा ही बनाई गई हैं।
परन्तु एक सृष्टिकर्ता से अधिक, यीशु, एक घड़ी के एक मुख्य स्प्रिंग के समान सृष्टि के कार्य करने और फलने-फूलने के लिए जरूरी हैं। उनकी उपस्थिति “सब वस्तुओं को अपनी सामर्थ्य के वचन से” संभालती है (पद 3) और जो कुछ उसने बनाया है, उसे इसकी अद्भुत जटिलता में काम करते रहने के लिए बनाए रखता है।
आज जब आप सृष्टि की सुन्दरता का अनुभव करने का अवसर पाते हैं, तो याद रखें कि “सब वस्तुएँ उसी में स्थिर रहती हैं” (कुलुस्सियों 1:17)। प्रभु करे कि आकाशमण्डल को बनाने और सम्भालने में यीशु की मुख्य भूमिका का परिणाम एक आनन्द से भरा हुआ हृदय और एक प्रशंसा की एक प्रतिक्रिया हो, जब हम हमारे लिए उनकी लगातार उपलब्धता को पहचानते हैं।
राष्ट्रों में धर्मी
इस्राएल के याद वाशेम के हौलोकास्ट म्यूजियम में मैं और मेरे पति राष्ट्रों में धार्मिक बगीचे में गए, जो उन पुरुष और महिलाओं के सम्मान में है जिन्होंने यहूदियों के सर्वनाश के समय यहूदी लोगों को बचाने के अपने प्राणों की आहूति दी थी । मेमोरियल को देखते हुए हमारी भेंट नीदरलैंड से आए एक समूह से हुई। एक महिला उस बड़े पत्थरों पर अपने दादा-दादी का नाम खोजने के लिए आई थी। युक्ति के साथ हम ने उसके परिवार की कहानी के बारे में पूछा।
रेजिस्टेंस नेटवर्क के सदस्य, उस महिला के दादा-दादी रेव. पीटर और आद्रिआना ने एक यहूदी लड़के को अपने घर में आने दिया और उसे 1943-1945 तक अपने आठ बच्चों में सबसे छोटे बच्चे के रूप में रखे रखा।
उस कहानी से भावुक हो कर हम ने पूछा, “क्या वह लड़का जीवित बचा?” उस समूह से एक वृद्ध भद्रपुरुष आगे आया और बोला, “मैं वह छोटा लड़का हूँ!”
यहूदियों के लिए अनेक लोगों की वीरता मुझे रानी एस्तेर की याद दिलाती है। हो सकता है 350 ईस्वी में रानी ने सोचा कि वह राजा क्षयर्ष के यहूदियों को मार डालने के आदेश से बच सकती थी, क्योंकि उसने अपनी पहचान को छिपाए रखा था। परन्तु वह यह कार्य करने के ली कायल हो गई-यहाँ तक कि मृत्यु तक के जोखिम में-जब उसके चचेरे भाई ने उससे यहूदी विरासत के बारे में शांत न रहने की दोहाई दी क्योंकि उसे “ऐसे समयों के लिए ही” उस पद पर रखा गया था (एस्तेर 4:14)।
हो सकता है हमें कभी भी ऐसा नाटकीय निर्णय लेने के लिए कभी न कहा जाए। परन्तु सम्भव है हमें एक अन्याय के बारे में बोलने या शान्त रहने; मुसीबत में किसी की सहायता करने या छोड़ देने के चुनाव का सामना करना पड़े। परमेश्वर हमें साहस प्रदान करे।
ठन्डे मौसम की बर्फ
सर्दियों में, मैंने अक्सर संसार को प्रातःकाल के बर्फ में लिपटा हुआ और शांत पाकर उसकी खूबसूरती से चकित हूँ l बसंत की आंधी की तरह बड़ी आवाज़ के साथ नहीं जो रात में अपनी उपस्थिति दर्शाती है, किन्तु बर्फ शांति से गिरती है l
“सर्दियों के बर्फ गीत में” (Winter Snow Song), में ऑड्रे एस्साद गाते हैं कि यीशु आंधी की तरह शक्ति के साथ पृथ्वी पर आ सकता था, किन्तु इसके बदले वह सर्दियों के बर्फ की तरह शांत और धीरे से मेरी खिड़की के बाहर आया l
यीशु का आना बहुतों को आश्चर्यचकित कर दिया l एक महल में जन्म लेने के बदले, वह एक विपरीत स्थान में जन्म लिया, बैतलहम के बाहर एक दीन निवास l और वह एक चरनी में सोया, केवल वही उसके लिए था (लूका 2:7) l उच्च अधिकारी और सरकारी अधिकारी उससे मिलने नहीं आए, साधारण चरवाहों ने उसका स्वागत किया (पद.15-16) l धन की कमी के कारण, यीशु के माता-पिता दो पक्षियों के सस्ते बलिदान भी चढ़ाने में असमर्थ थे जब उन्होंने उसको मंदिर में प्रस्तुत किया (पद.24) l
यीशु का संसार में प्रवेश करने वाला सरल तरीका नबी यशायाह का पूर्वाभास है, जिसने आनेवाले उद्धारकर्ता की नबूवत की थी कि “न वह चिल्लाएगा (यशायाह 42:2) न ही वह सामर्थ्य में आकर एक नरकट को तोड़ेगा या एक टिमटिमाती बत्ती को बुझाएगा (पद.3) l इसके बदले परमेश्वर की शांति की पेशकश के साथ वह हमें कोमलता से अपनी ओर खींचेगा l ऐसी शांति जो चरनी में जन्मे उद्धारकर्ता की अनपेक्षित कहानी पर विश्वास करनेवाले के लिए अभी भी उपलब्ध है l
सुन्दरता की पच्चीकारी(Mosaic)
इस्राएल के, इन करेम में चर्च ऑफ़ द विज़ीटेशन के आँगन में बैठे हुए, मैं सड़सठ पच्चीकारियों की सुन्दरता देखकर अभिभूत हो गयी, जिनपर लूका 1:46-47 के शब्द अनेक भाषा में अंकित थे l पारंपरिक रूप से इसे मरियम का भजन (Magnificat) कहा जाता है जिसका लतिनी में अर्थ है “महिमा करना l” यह उस घोषणा के प्रति मरियम का आनंददायी प्रतिउत्तर है कि वह उद्धारकर्ता की माँ होगी l
हर एक फलक(plaque) में मरियम के शब्द हैं : मेरा प्राण प्रभु की बड़ाई करता है और मेरी आत्मा मेरे उद्धार करनेवाले परमेश्वर से आनंदित हई . . . . क्योंकि उस शक्तिमान ने मेरे लिए बड़े-बड़े काम किए हैं” (पद.46-49) l टाइल्स पर उकेरा गया बाइबल का गीत प्रशंसा का गीत है जब मरियम खुद के लिए और इस्राएल राष्ट्र के लिए परमेश्वर की विश्वासयोग्यता को याद करती है l
परमेश्वर के अनुग्रह का कृतज्ञ प्राप्तकर्ता l मरियम अपने उद्धार में आनंदित होती है (पद.47) l वह मानती है कि परमेश्वर की करुणा इस्राएल के प्रति पीढ़ी से पीढ़ी तक रही है (पद.50) l इस्राएल के लिए परमेश्वर की देखभाल को स्मरण करके, मरियम अपने लिए और परमेश्वर के लोगों के लिए परमेश्वर के शक्तिशाली कार्यों की प्रशंसा करती है (पद.51) l वह परमेश्वर को उसके दैनिक प्रावधान के लिए भी धन्यवाद देती है (पद.53) l
मरियम हमें यह दिखाती है कि हमारे लिए परमेश्वर के महान कार्य प्रशंसा करने और आनंदित होने के लिए है l इस क्रिसमस के मौसम में, पूरे वर्ष की परमेश्वर की भलाइयों को याद करें l ऐसा करके, आप भी अपनी प्रशंसा के शब्दों द्वारा एक खूबसूरत स्मारिका बना सकते हैं l
परमेश्वर यहाँ है
हमारे घर में एक स्मृति-पट्टिका पर "पुकारे या न पुकारे, परमेश्वर उपस्थित है," अंकित है l उसका आधुनिक संस्करण कुछ इस प्रकार हो सकता है, "स्वीकारें या न स्वीकारें, परमेश्वर यहाँ है l"
ई.पु. आठवीं शताब्दी के आखरी भाग(755-715) में रहनेवाला पुराना नियम का नबी होशे ने, इब्री राष्ट्र को समरूप शब्दों में संबोधित किया l वह इस्राएलियों से परमेश्वर को स्वीकारने हेतु "यत्न"(होशे 6:3) करने को उत्साहित करता है क्योंकि वे उसे भूल गए थे (4:1) l जैसे-जैसे लोग परमेश्वर की उपस्थिति भूल गए, वे उससे दूर होते गए (पद.12) और जल्द ही उनके विचारों में परमेश्वर नहीं रह गया (देखें भजन 10:4) l
परमेश्वर को स्वीकारने के लिए होशे की सरल लेकिन गहन अंतर्दृष्टि हमें याद दिलाती है कि वह आनंद और संघर्ष दोनों में, हमारे जीवन में निकट है और काम करता है l
परमेश्वर को स्वीकार करने का अर्थ हो सकता है कि जब हम काम में पदोन्नति प्राप्त करते हैं, तो हम मानते हैं कि परमेश्वर ने हमें समय पर और बजट के भीतर अपना काम पूरा करने की अंतर्दृष्टि दी l अगर हमारा आवास आवेदन ख़ारिज हो जाता है, तो परमेश्वर को स्वीकारने से हमें सहायता मिलती है जब हम उसे हमारी भलाई के लिए काम करने के लिए भरोसा करते हैं l
यदि हमें हमारे मन का कॉलेज नहीं मिलता है, हम परमेश्वर को स्वीकार करें वह हमारे साथ है और अपनी निराशा में भी उसकी उपस्थिति में सुख प्राप्त करें l रात्रि भोजन खाते समय, परमेश्वर को स्वीकारना उसके द्वारा भोजन की सामग्रियों का प्रबंधन और भोजन तैयार करने के लिए रसोई की याद दिलाता है l
जब हम परमेश्वर को स्वीकार करते हैं, हम अपने जीवनों में बड़ी या छोटी सफलता और उदासी दोनों में ही उसकी उपस्थिति को याद करते हैं l