1957 में, मेल्बा पेटिलो बील्स  “लिटिल रॉक नाइन(Little Rock Nine),”  के एक सदस्य के रूप में चुनी गयी, जो नौ अफ्रीकन अमेरिकन विद्यार्थियों का एक समूह था जिन्होनें अरकंसास, लिटिल रॉक के सेंट्रल हाई स्कूल को सबसे पहले श्वेतों और अश्वेतों दोनों ही के लिए अनिवार्य कर दिया और जो पूर्व में केवल श्वेत लोगों के लिए था l अपने 2018 के वृतांत, आई विल नॉट फियर : माई स्टोरी ऑफ़ ए लाइफटाइम ऑफ़ बिल्डिंग फैथ अंडर फायर (I Will Not Fear: My Story of a Lifetime of Building Faith under Fire), में बील्स उस अन्याय और उत्पीड़न का एक मर्मस्पर्शी वर्णन करती है जिसका सामना वह पंद्रह वर्ष की छात्रा के रूप में प्रतिदिन संघर्ष करते हुए साहस के साथ करती थी l

परन्तु उसने परमेश्वर में अपने गहरे विश्वास के विषय भी लिखा l अपने सबसे अंधकारपूर्ण पलों में, जब भय ने उसे पूर्ण रूप से पराजित करना चाहा, बील्स ने बाइबल के लोकप्रिय पदों को दोहराया जो उसने बचपन में अपनी दादी से सीखे थे l उनको दोहराते समय, उसे अपने साथ परमेश्वर की उपस्थिति याद आई, और वचन ने उसे दृढ़ रहने के लिए साहस दिया l

बील्स अक्सर भजन 23 को दोहराती थी, “चाहे मैं घोर अन्धकार से भरी हुयी तराई में होकर चलूँ, तौभी हानि से न [डरूंगी]; क्योंकि तू मेरे साथ रहता है” (पद.4) और इसे अंगीकार करके आराम पाती थी l उसकी दादी का प्रोत्साहन उसके कानों में गूंजता था और उसे आश्वासन देता था कि परमेश्वर “अति निकट है, और तुम केवल उससे ही सहायता मांग सकती हो l”

यद्यपि हमारी ख़ास स्थितियाँ भिन्न हो सकती हैं, कदाचित हम सब कठिन संघर्षों एवं अभिभूत करनेवाली स्थितियों को सहन करेंगे जो हमें भयभीत करके आसानी से हार मानने के लिए उत्प्रेरित करेंगी l आपका हृदय इस सच्चाई में उत्साहित हो कि परमेश्वर की सामर्थी उपस्थिति हमेशा हमारे साथ है l