मेरा सुपरवाइजर किसी कॉलेज बास्केटबॉल टीम का बहुत बड़ा प्रशंसक है l इस वर्ष, उन्होंने राष्ट्रीय चैंपियनशिप जीत ली, इसलिए एक अन्य सहकर्मी ने उसे बधाई दी l केवल एक समस्या थी कि मेरे बॉस को अभी था फाइनल मैच देखने का अवसर नहीं मिला था! उन्होंने कहा कि वे पहले से ही परिणाम जानकार निराश थे l परन्तु, उन्होंने स्वीकार किया कि, कम से कम जब वे खेल देख रहे थे वे घबराए हुए नहीं थे जब अंक(score) अंत के करीब आया l उनको मालूम था कौन जीता!

कल क्या होगा हम वास्तव में कभी नहीं जानते हैं l कुछ दिन नीरस और थकाऊ महसूस होते हैं, जबकि दूसरे दिन आनंद से भरे हुए होते हैं l और भी अन्य समयों में, जीवन लम्बे समय के लिए दुष्कर, अत्यंत दुखदायी हो सकता है l

परन्तु जीवन के अप्रत्याशित उत्तार-चढ़ाव के बावजूद, हम परमेश्वर की शांति में मजबूती से जड़वत रह सकते हैं l क्योंकि, मेरे सुपरवाइजर के समान, हम कहानी का अंत जानते हैं l हम जानते हैं कौन “जीतता है l”

बाइबल की अंतिम पुस्तक, प्रकाशितवाक्य, इस भव्य समापन के विषय पर्दा उठाता है l मृत्यु और बुराई की अंतिम हार के बाद (20:10,14), युहन्ना एक खुबसूरत विजय दृश्य का वर्णन करता है (21:1-3) जहां परमेश्वर अपने लोगों के साथ निवास करता है (पद.3) और “उनकी आँखों से आँसू पोंछ [डालता है]” ऐसे संसार में जहां “मृत्यु न रहेगी, और न शोक, न विलाप, न पीड़ा रहेगी” (पद.4) l

कठिन दिनों में, हम इस प्रतिज्ञा से लिपटे रह सकते हैं l और कोई हानि या विलाप नहीं l क्या-होगा-यदि या टूटे हृदय अब और नहीं l इसके बदले, हम अपने उद्धारकर्ता के साथ अनंत बिताएँगे l वह कितना महिमामयी उत्सव होता!