पैरों के लिए खुशखबरी
उस विज्ञापन ने मेरे चेहरे पर मुस्कराहट ला दिया : “पैरों के इतिहास में सबसे आरामदायक मोज़े l” फिर, आगे भी पैरों के लिए अच्छी खबर के अपने दावे का विस्तार करते हुए, विज्ञापनदाता ने कहा कि क्योंकि मोज़े बेघर आश्रयों में सबसे अधिक अनुरोध किये गए कपड़ों की वस्तु बने हुए हैं, इसलिए ख़रीदे गए प्रत्येक जोड़ी मोज़े के लिए कंपनी ज़रुरतमंद किसी व्यक्ति को एक जोड़ो दान करेगी l
उस मुस्कराहट की कल्पना कीजिए, जब यीशु ने एक ऐसे व्यक्ति के पैर ठीक किये, जो अड़तीस साल तक चलने में सक्षम नहीं था (युहन्ना 5:2-8) l अब मंदिर के अधिकारियों के चेहरों पर विपरीत नज़र देखें जो यीशु द्वारा किसी के पैरों या हृदय की चंगाई से जो इतने लम्बे समय तक बिना किसी मदद का था प्रभावित नहीं थे l उन्होंने उस व्यक्ति और यीशु पर एक धार्मिक कानून तोड़ने का आरोप लगाया जो सब्त के दिन काम करने की अनुमति नहीं देता था (पद.9-10, 16-17) l जहाँ यीशु ने करुणा की आवश्यकता देखी उन्होंने नियम को देखा l
इस बिंदु पर वह व्यक्ति भी नहीं जानता था कि किसने उसे नए पैर दिए थे l केवल बाद में वह बोलने में सक्षम होने वाला था कि वह यीशु ही था जिसने उसे चंगा किया था (पद.13-15) – वही यीशु जिसने उस व्यक्ति के लिए – और हम सब के लिए अपने पैरों को काठ पर ठोकने की अनुमति देता – टूटी देह, मन, और हृदयों के इतिहास में सर्वोत्तम खबर l
नामों में एक नाम
संगीत की दुनिया में अंटोनियो स्ट्राडीवरी(1644- 1737) का नाम प्रसिद्ध है l उसके वायलिन, सल्लोस(एक साज़), और वायोलास(संगीत साज़) अपनी शिल्पकारिता और ध्वनि की स्पष्टता के लिए संजोये जाते हैं कि बहुतों को उनके अपने नाम दिए गए हैं l उदहारण के लिए, उनमें से एक को मेसाया-सलाबू स्ट्राडीवरीयस के रूप में जाना जाता है l वायलिन वादक जोसफ जोआकिम (1831-1907) उसे बजाने के बाद बोले, “स्ट्राड की ध्वनि, वह अद्वितीय ‘मेस्सी,’ अपनी मिठास और भव्यता के साथ मेरे स्मरण में बार-बार आता है l”
हालाँकि, किसी स्ट्राडीवरीयस का नाम और ध्वनि की भी, तुलना किसी और महान मूल से नहीं की जा सकती है l मूसा से यीशु तक, ईश्वरों का परमेश्वर खुद का परिचय सब नामों से श्रेष्ठ नाम द्वारा देता है l हमारे लिए, वह चाहता है कि उसकी बुद्धिमत्ता और उसके हाथों के काम को मान्यता मिले, महत्त्व दिया जाए, संगीत की ध्वनि द्वारा उसका उत्सव मनाया जाए (निर्गमन 6:1; 15:1-2) l
फिर भी परेशान लोगों की पुकार के प्रतिउत्तर में इस छुटकारे की सामर्थ्य केवल एक शुरुआत थी l किसने इसे कभी देखा था कि क्रूसित हाथों की निर्बलता के द्वारा, वह एक दिन अनंत और असीम महत्त्व की विरासत छोड़ेगा? क्या कोई संगीत के परिणामी आश्चर्य और भव्यता उस व्यक्ति के नाम की प्रशंसा कर सकता था जिसने – हमारे पाप और तिरस्कार को लेकर – यह दिखाने के लिए मृत्यु सही कि वह हमसे कितना प्रेम करता है?
प्रकाश को देखना
लोस एंजेल्स की सड़कों पर, बुरी आदत से संघर्षरत एक बेघर व्यक्ति द मिडनाइट मिशन (मानव सेवा संस्था) मे आकर सहायता मांगी l वहीँ से ब्रायन के आरोग्यता की लम्बी यात्रा आरम्भ हुयी l
आरोग्यता की प्रक्रिया के दौरान ब्रायन ने संगीत के प्रति अपने प्रेम को पुनः ढूढ़ लिया l आखिर में वह स्ट्रीट सिम्फनी (बेघर लोगों के लिए मोह रखनेवाले संगीत पेशेवर) से जुड़ गया l उन्होंनें उससे हैंडल के मसाया से ”द पीपल दैट वाक्ड इन डार्कनेस[The People That Walked in Darkness]”(संकीर्तन) का एकल प्रदर्शन करने को कहा l इस्राएल के इतिहास के तमोयुग के दौरान यशायाह नबी द्वारा लिखित शब्दों में, वह गाया, “जो लोग अंधियारे में चल रहे थे उन्होंने बड़ा उजियाला देखा : और जो लोग घोर अन्धकार से भरे हुए मृत्यु के देश में रहते थे, उन पर ज्योति चमकी” (यशायाह 9:2) l न्यू यॉर्क पत्रिका के लिए एक संगीत आलोचक ने लिखा कि ब्रायन ने “शब्दों को इस प्रकार गाया मानो वे उसके अपने जीवन से लिए गए थे l”
सुसमाचार लेखक मत्ती ने उसी परिच्छेद को उद्धृत किया l अपने ही सह इस्राएलियों को लूटने वाले जीवन से यीशु द्वारा बुलाया गया, मत्ती वर्णन करता है कि किस प्रकार यीशु ने अपने उद्धार को “यर्दन के पार” से “अन्यजातियों[गैर यहूदियों] के गलील” (मत्ती 4:13-15) तक ले जाकर यशायाह की भविष्यवाणी को पूरा किया l
कैसर का कर लेनेवाला एक ठग (देखें मत्ती 9:9), सड़क पर बुरी लत में फिरनेवाला बेघर ब्रायन, अथवा हमारे समान लोगों पर कौन भरोसा कर सकता था कि हमें हमारे अपने ही जीवन में प्रकाश और अंधकार के बीच अंतर दर्शाने का एक मौका मिलेगा?
आत्मा में गाना
आरम्भिक बीसवीं शताब्दी के वेल्श पुनर्जागरण के दौरान बाइबल के शिक्षक और लेखक जी. कैम्पबैल मॉर्गन ने उसका उल्लेख किया जो उन्होंने देखा था। उन्होंने विश्वास किया कि “पवित्र भजनों की लहरों” पर परमेश्वर के पवित्र आत्मा की उपस्थिति थी। मॉर्गन ने लिखा कि उन्होंने सभाओं में संगीत के एकत्र करने वाले प्रभाव को देखा है, जिसने स्वेच्छा से प्रार्थना करने, अंगीकार करने और स्वैच्छिक गायन करने के लिए प्रोत्साहित करता है। यदि कोई भावनाओं में बह गया और बहुत देर तक प्रार्थना की या उस तरह से बात की जो दूसरों की समझ में नहीं आती है, तो कोई धीमे से गाना शुरू कर देता था। दूसरे लोग धीमे से उसके साथ शामिल हो जाते थे, उस गीत के स्वर तब तक बढ़ते जाते थे, जब तक वे दूसरी अन्य समस्त आवाजों को दबा न दें।
जिस गीत के नया किए जाने का उल्लेख मॉर्गन करते हैं, उसकी पवित्रशास्त्र में एक कहानी है, जिसमें संगीत एक मुख्य भूमिका निभाता है। संगीत का प्रयोग विजय का आनन्द मनाने (निर्गमन 15:1–21); मन्दिर के आराधनामय समर्पण में (2 इतिहास 5:12–14); और सैन्य रणनीति बनाने के एक हिस्से के लिए किया जाता था (20:21–23)। बाइबल के मध्य में हम एक पुस्तक को पाते हैं (भजन संहिता 1–150)। और पौलुस के इफिसियों के लिए नया नियम के पत्र में हम आत्मा में जीवन के उल्लेख को पढ़ते हैं : “और आपस में भजन और स्तुतिगान और आत्मिक गीत गाया करो” (इफिसियों 5:19)।
इसके विपरीत, आराधना में, सम्पूर्ण जीवन में, हमारे विश्वास का संगीत हमारी आवाज़ को खोजने में सहायता कर सकता है। पुरानी और नई धुनों से हम बार-बार नए किए जाते हैं, न तो बल से और न ही शक्ति से परन्तु हमारे परमेश्वर के आत्मा और गीतों के द्वारा।
हृदय के बदलाव
यूएस के जनगणना विभाग के अनुसार अपने सम्पूर्ण जीवनकाल के दौरान अमेरीकी औसतन ग्यारह से बारह बार एक पते से दूसरे पते पर चले जाते हैं। हालही के वर्ष में 28 लाख लोगों ने एक स्थान से अपना सामान बाँध कर एक दूसरी छत के नीचे उसे खोला।
बीहणों में इस्राएल के चालीस वर्षों के दौरान परमेश्वर की उपस्थिति के बादल ने सम्पूर्ण राष्ट्र का एक नए गृहनगर की आशा में एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने में मार्गदर्शन किया। यह लेख इतनी बार दोहराया गया है कि यह लगभग एक मजाक जैसा लगने लगता है। इस विशाल परिवार ने बार-बार अ केवल अपनी चीज़ों को खोला और बांधा बल्कि परमेश्वर के मिलाप के तम्बू, जहाँ बादल के परमेश्वर की मूसा से भेंट हुई थी, और उसकी चीज़ों को भी खोला और बांधा (देखें निर्गमन 25:22)।
अनेक वर्षों के पश्चात, यीशु इस्राएल की स्थानान्तरण की कहानी को एक सम्मपूर्ण अर्थ प्रदान करेगा। बादल से मार्गदर्शन करने के स्थान पर वह एक व्यक्ति के रूप में ही आ गया। जब उसने कहा, “मेरे पीछे हो लो (मत्ती 4:19), उसने यह दर्शाना आरम्भ कर दिया कि पते के बदलने के महत्वपूर्ण बदलाव हृदय रूपी मार्ग पर होते हैं। शत्रु और मित्रों, दोनों को रोमी क्रूस तले ले जाते हुए उसने यह दर्शाया कि बादल का परमेश्वर और मिलाप का तम्बू हमें बचाने के लिए किस हद तक जा सकते हैं।
पते को बदलने के समान हृदय के बदलाव भी बेचैन कर देने वाले होते हैं। परन्तु एक दिन पिता के घर की खिड़की से हम देखेंगे कि इन सब में यीशु ने सम्पूर्ण मार्ग में हमारा मार्गदर्शन किया।
महानतम महिमा
कैसर अगस्तुस को रोमी सम्राटों के पहले और महान सम्राट के रूप में याद किया जाता हैl राजनीतिक दक्षता और सैन्य शक्ति के द्वारा उसने अपने शत्रुओं को मार डाला, अपने साम्राज्य को फैलाया और रोम को अपने ठहरे हुए पड़ोसियों के कौलाहल से संगमरमर की मूर्तियों और मन्दिरों के एक नगर में बदल दियाl रोमी नागरिकों के अगस्तुस को मानवजाति के दिव्य पिता और रक्षक के रूप में श्रद्धा रखने के रूप में जाना जाता हैl जब उसके चालीस वर्ष के राज्य का अन्त हुआ, उसके औपचारिक शब्द थे, “मुझे रोम एक मिट्टी के नगर के रूप में मिला, परन्तु मैंने इसे एक संगमरमर का नगर बना दियाl” परन्तु उसकी पत्नी के अनुसार उसके अन्तिम शब्द ये थे, “क्या मैंने सही कार्य किए? तो अब जब मैं जा रहा हूँ, तो तब ही सराहना करनाl”
जो अगस्तुस को पता नहीं था वह बात यह थी कि उसे एक बड़ी कहानी में एक सहयोग की भूमिका अदा करने के लिए दी गई थीl उसके राज्य में रोमी सेना की विजय, मन्दिर, स्टेडियम या महल से एक बड़ी बात को प्रकट करने के लिए एक बढ़ई का पुत्र पैदा हुआ था (लूका 2:1) l
परन्तु उस वैभव को कौन समझ सका जिसके लिए यीशु ने उस रात प्रार्थना की जिस रात उसके देशवासियों ने रोमी हत्यारों द्वारा उसे क्रूस पर चढ़ा देने की माँग की थी? (यूहन्ना 17:4-5)l बलिदान के उस छिपे हुए आश्चर्य को कौन देख सकता था जिसकी सराहना आकाश और पृथ्वी पर सर्वदा की जाएगी?
यह एक कहानी मात्र हैl हमारा परमेश्वर हमें मूर्खता भरे सपनों और अपने आप से झगड़ते हुए पाता हैl वह हमें एक पुरानी क्रूस के बारे में गाते हुए छोड़ कर गया थाl
स्वर्ग का लम्बा गीत
1936 में, गीत लेखक बिली हिल ने “द ग्लोरी ऑफ़ लव” नामक एक लोकप्रिय हिट गीत जारी किया l बहुत शीघ्र ही एक राष्ट्र एक दूसरे के लिए प्यार से छोटी चीजें करने की ख़ुशी के बारे में गा रहा था l पचास साल बाद, गीतकार पीटर कैटेरा ने एक समान शीर्षक के साथ एक और रोमांटिक गीत लिखा l उसने दो लोगों को हमेशा के लिए जीने की, साथ में जानने की कल्पना की, और उन्होंने सब कुछ प्रेम की महिमा के लिए किया l
प्रकाशितवाक्य, बाइबल की आखिरी पुस्तक, एक नया प्रेम गीत का वर्णन करती है जो किसी दिन स्वर्ग और पृथ्वी में सभी की आवाज़ में गाया जाएगा (प्रकाशितवाक्य 5:9,13) l संगीत, हालाँकि, शोक के एक छोटे सुर से शुरू होता है l लेखक यूहन्ना, संसार के साथ सबकुछ गलत होने के कारण उत्तर नहीं मिलने पर रोता है (पद.3-4) l किन्तु जब यूहन्ना को असली महिमा और प्रेम की कहानी के विषय पता चलता है उसका मन खुश हो जाता है और वह संगीत उत्कर्ष तक पहुँचता है (पद.12-13) l जल्द ही वह समस्त सृष्टि को शक्तिशाली यहूदा के सिंह-राजा की प्रशंसा करते हुए सुनता है (पद.5), जिसने हमें बचाने के लिए प्रेम से खुद को एक भेड़ के रूप में बलिदान करके अपनी प्रजा के हृदयों को जीत लिया है (पद.13) l
सबसे मार्मिक गीत जो कभी गाया गया है, हम इसीलिए गीत में दयालुता के सरल कार्यों को सुनते हैं l जो महिमा हम गाते हैं वह परमेश्वर के हृदय को प्रतिबिंबित करता है l हम उसके विषय गाते हैं क्योंकि उसने हमें एक गीत दिया है l
अपने नगर को देखें
“हमारी नज़रों से अपना शहर देखें l” डेट्रॉइट, मिशिगन, शहरी विकास समूह ने नगर के भविष्य की उनकी परिकल्पना को इस स्लोगन से आरम्भ किया l किन्तु यह परियोजना अचानक थम गयी जब समूदाय के कुछ सदस्यों ने इस मुहिम में कुछ कमी देखी l नगर की जनसँख्या और श्रमिक संख्या में अधिक बहुमत अफ़्रीकी अमरीकी लोगों का है l इसके बावजूद जो साइन बोर्ड, बैनर, और विज्ञापन तख्त उनकी नज़रों से नगर को देखने का आग्रह कर रहे थे, उनमें सफ़ेद चेहरों की भीड़ में काले लोगों के चेहरे गायब थे l
यीशु के देश के लोगों की दृष्टि में भविष्य के प्रति एक कमज़ोर विषय था l अब्राहम की संतान होने के नाते, वे प्रमुख तौर पर यहूदी लोगों के भविष्य के विषय चिंतित थे l वे सामरियों, रोमी सैनिकों, या उनके पारिवारिक मूल, रब्बियों, या मंदिर उपासना के विषय यीशु की चिंता को समझ नहीं पा रहे थे l
मैं डेट्रॉइट और यरूशलेम के कमज़ोर विषय से सम्बन्ध रखता हूँ l मैं भी केवल उन लोगों को देखने के लिए प्रवृत हूँ जिनके जीवन अनुभव मैं समझ सकता हूँ l इसके बावजूद परमेश्वर हमारी अनेकता के मध्य अपनी एकता ला सकता है l हमारी समझ से अधिक हम एक जैसे हैं l
हमारे परमेश्वर ने संसार के समस्त लोगों तक आशीष पहुँचाने के लिए मरुभूमि में निवास करनेवाला एक खानाबदोश अब्राम को चुना (उत्पत्ति 12:1-3) l यीशु हर एक को जानता और प्रेम करता है जिन्हें हम नहीं जानते या प्रेम करते हैं l मिलकर हम उसके अनुग्रह और करुणा से जीवित हैं जो हमें एक दूसरे को, हमारे नगरों और उसके राज्य को देखने में सहायता कर सकता है – उसकी नज़रों से l
असहमति के लिए सहमत
मैंअपने पिता को बाइबल की विभिन्न व्याख्याओं पर ख़त्म न होनेवाले विवाद से अलग होने की कठिनाई के विषय बात करते हुए याद करता हूँ l तुलनात्मक तरीके से यह बात कितनी अच्छी होती थी जब वे असहमति के लिए सहमत होते थे l
किन्तु जब इतना कुछ दाँव पर लगा हो तो क्या परस्पर-विरोधी बातों को एक ओर करना वास्तविक है? यह अन्य प्रश्नों में से एक प्रश्न है जिसका उत्तर प्रेरित पौलुस नया नियम में अपनी रोमियों की पत्री में देता है l सामजिक, राजनैतिक, और धार्मिक प्रतिद्वन्द में लिप्त पाठकों को लिखते हुए, वह अत्यधिक फूट डालने की स्थितियों में भी सामान्य आधार खोजने के लिए अनेक सलाह देता है (14:5-6) l
पौलुस के अनुसार, असहमत होने के लिए सहमत होना याद दिलाता है कि हर एक केवल अपने विचारों के लिए प्रभु को हिसाब नहीं देगा किन्तु अपनी असमानताओं के बीच हमारा परस्पर आचरण कैसा है (पद.10) l
विरोध की स्थितियां वास्तव में याद करने के अवसर बन जाते हैं कि हमारे अपने विचारों से कुछ बातें अधिक विशेष हैं अर्थात् बाइबल की हमारी व्याख्याओं से भी अधिक विशेष l हममें से प्रत्येक इस बात का हिसाब देंगे कि जिस तरह मसीह ने हमसे प्रेम किया है, क्या हमने परस्पर प्रेम किया है, और अपने दुश्मनों को भी l
अब जबकि मैं इसके बारे में सोचता हूँ, मैं अपने पिता की बातें याद करता हूँ कि असहमति के लिए सहमत होना कितना अच्छा है किन्तु परस्पर प्रेम और आदर के साथ l