संगीत की दुनिया में अंटोनियो स्ट्राडीवरी(1644- 1737) का नाम प्रसिद्ध है l उसके वायलिन, सल्लोस(एक साज़), और वायोलास(संगीत साज़) अपनी शिल्पकारिता और ध्वनि की स्पष्टता के लिए संजोये जाते हैं कि बहुतों को उनके अपने नाम दिए गए हैं l उदहारण के लिए, उनमें से एक को मेसाया-सलाबू स्ट्राडीवरीयस के रूप में जाना जाता है l वायलिन वादक जोसफ जोआकिम (1831-1907) उसे बजाने के बाद बोले, “स्ट्राड की ध्वनि, वह अद्वितीय ‘मेस्सी,’ अपनी मिठास और भव्यता के साथ मेरे स्मरण में बार-बार आता है l”

हालाँकि, किसी स्ट्राडीवरीयस का नाम और ध्वनि की भी, तुलना किसी और महान मूल से नहीं की जा सकती है l मूसा से यीशु तक, ईश्वरों का परमेश्वर खुद का परिचय सब नामों से श्रेष्ठ नाम द्वारा देता है l हमारे लिए, वह चाहता है कि उसकी बुद्धिमत्ता और उसके हाथों के काम को मान्यता मिले, महत्त्व दिया जाए, संगीत की ध्वनि द्वारा उसका उत्सव मनाया जाए (निर्गमन 6:1; 15:1-2) l    

फिर भी परेशान लोगों की पुकार के प्रतिउत्तर में इस छुटकारे की सामर्थ्य केवल एक शुरुआत थी l किसने इसे कभी देखा था कि क्रूसित हाथों की निर्बलता के द्वारा, वह एक दिन अनंत और असीम महत्त्व की विरासत छोड़ेगा? क्या कोई संगीत के परिणामी आश्चर्य और भव्यता उस व्यक्ति के नाम की प्रशंसा कर सकता था जिसने – हमारे पाप और तिरस्कार को लेकर – यह दिखाने के लिए मृत्यु सही कि वह हमसे कितना प्रेम करता है?