इम्मा ने बहुत उदास सर्दी के मौसम में परिवार के एक सदस्य की उसकी लम्बी बीमारी में सहायता की, और उसके बाद बसंत ऋतू के समय इंग्लैंड, कैंब्रिज में अपने घर के निकट मार्ग से बार-बार गुज़रते हुए एक चेरी के पेड़ से उत्साह प्राप्त किया l इस पेड़ में गुलाबी फूलों के ऊपर सफ़ेद फूल खिले हुए थे l एक बुद्धिमान माली ने सफ़ेद फूलों का एक कलम इस पेड़ में जोड़ दिया था l जब इम्मा इस असाधारण पेड़ के पास से गुजरी, उसने यीशु के शब्दों को याद किया कि वह दाखलता है और उसके अनुयायी डालियाँ हैं (यूहन्ना 15:1-8) l

खुद को दाखलता संबोधित करके, यीशु एक रूपक के विषय बात कर रहा था जिससे पुराना नियम में इस्राएली परिचित थे, क्योंकि वहां पर दाखलता परमेश्वर के लोगों का प्रतीक था (भजन 80:8-9; होशे 10:1) l यीशु ने इस प्रतीक को यह कहते हुए खुद तक बढ़ाया कि वह दाखलता है और उसके अनुयायी डालियों की नाई उसमें साटे गए हैं l और जब वे पोषण और ताकत प्राप्त करते हुए उसमें बने रहते हैं, वे फल लाएंगे (यूहना 15:5) l

अपने परिजन की सहायता करते हुए, इम्मा को स्मरण रखना था कि वह यीशु से जुडी हुयी है l गुलाबी फूलों के बीच सफ़ेद फूलों को देखकर उसे सत्य का दृश्य उत्साह मिला कि जब वह दाखलता में बनी हुयी है, वह उसके द्वारा पोषण प्राप्त करती है l

जब हम यीशु के विश्वासी दाखलता में एक डाली की तरह उसके निकट रहने को आत्मसात कर लेते हैं, हमारा विश्वास मजबूत और समृद्ध होता है l