वोल्डो को ढूँढना
वोल्डो एक लोकप्रिय उत्कृष्ट सबसे ज्यादा बिकनेवाली बच्चों की पुस्तक श्रृंखला “Where’s Waldo” का हास्य कलाकार है l वोल्डो हर पृष्ठ की भीड़भाड़ रंग भरे दृश्यों में खुद को छिपाकर बच्चों से उसे खोजने बुलाता है l संसार में हर जगह माता-पिता ऐसे क्षण पसंद करते हैं l
आरंभिक कलीसिया का सेवक, स्तिफनुस के मसीह का प्रचार करने पर पत्थरवाह से मृत्यु के थोड़े समय बाद (देखें प्रेरित 7), अनेक मसीही व्यापक सताव के कारण यरूशलेम भागे l एक अन्य सेवक, फिलिप्पुस, इन मसीहियों का सामरिया तक पीछा किया, जहाँ उसका प्रचार और वह स्वीकार किया गया (8:6) l वहाँ पर पवित्र आत्मा ने उसे “रागिस्तानी मार्ग” पर विशेष उद्देश्य से भेजा l सामरिया में उसकी फलदायी सेवा के कारण यह एक विचित्र निवेदन था l फिलिप्पुस का आनंद महसूस करें, जब उसने कुश देश के खजांची को यशायाह की पृष्ठों में यीशु को ढूढ़ने में मदद की (पद.26-40) l
हमें भी, अक्सर दूसरों की मदद करने का अवसर मिलता है कि वे बाइबिल में “यीशु को खोजकर” उसे पूरी तौर से जाने l माता-पिता का अपने बच्चे की आँखों में खोजने का और फिलिप्पुस का आनंद जब उसने यीशु को खोजने में कुश देश के व्यक्ति की मदद की, हमारे लिए अपने चारों ओर के लोगों में ऐसा होते देखना स्फूर्तिदायक है l हम केवल एक बार अपने जीवन में आत्मा की प्रेरणा अनुसार परिचितों और अपरिचितों को मसीह के विषय ज़रूर बताएँ l
आदर और आदर की मुलाकात
आर्लिंग्टन नेशनल कब्रगाह में अज्ञात लोगों के कब्र पर शांत, शानदार सादगी के साथ गार्डों की ड्यूटी की बदली ने मुझे हमेशा प्रभावित किया है l सावधानी से नाटकीय ढंग से सज्जित अवसर उन सैनिकों के प्रति एक मार्मिक श्रद्धांजलि है जिनके नाम-और बलिदान- केवल “परमेश्वर को ज्ञात है l” उसी की तरह भीड़ के जाने के बाद सैनिकों के गंभीर चाल भी उतनी ही हृदयस्पर्शी हैं : आगे पीछे, हर घंटे, दिन प्रति दिन, कठिन मौसम में भी l
सितम्बर 2003 में, जब प्रचंड तूफ़ान इसाबेल वाशिंगटन डी सी पर थपेड़े मार रहा था, और गार्डों को सुरक्षित स्थानों में आश्रय लेने की अनुमति मिली l आश्चर्यजनक, लघभग सभी गार्डों ने इनकार कर दिया! तूफ़ान में भी उन्होंने अपने मृत सैनिकों को आदर देने हेतु अपने स्थान पर डटे रहे l
मैं विश्वास करता हूँ कि मत्ती 6:1-6 में यीशु की बुनियादी शिक्षा में उसकी इच्छा हमारे लिए यह है कि हम उसके लिए निरंतर, आत्मत्यागी निष्ठा के साथ जियें l बाइबिल हमसे भले कार्य और पवित्र जीवन चाहती है, किन्तु यह कार्य उपासना और आज्ञाकारिता के हों (पद.4-6), आत्म-प्रशंसा के नहीं(पद.2) l प्रेरित पौलुस हमसे अपने शरीरों को “जीवित बलिदान” बनाने का अपील करके इस सम्पूर्ण जीवन में विश्वासयोग्यता की पुष्टि करता है (रोमियों 12:1) l
काश हमारे व्यक्तिगत और सार्वजनिक क्षण आप प्रभु के प्रति हमारे समर्पण और हार्दिक समर्पण को प्रगट करे l
सर्वदा प्रेम किया गया, सर्वदा महत्वपूर्ण
हम ऐसे परमेश्वर की सेवा करते हैं जो हमसे हमारे कार्य से अधिक प्रेम करता है l
हाँ, यह सच है कि परमेश्वर चाहता है कि हम अपने परिवार की सुधि रखें और उसके द्वारा रचित संसार की चिंता करें l और उसकी इच्छा है कि हम अपने चारों ओर निर्बल, भूखे, निर्वस्त्र, प्यासे, और टूटे लोगों की सेवा करें जब कि हम उनके प्रति सचेत रहते हैं जो पवित्र आत्मा की खिंचाव का उत्तर नहीं देते हैं l
और फिर भी हम ऐसे परमेश्वर की सेवा करते हैं जो हमारे कार्य से अधिक हमसे प्रेम करता है l
हम यह कदापि न भूलें क्योंकि ऐसा समय आ सकता है जब स्वास्थ्य या पराजय या अनपेक्षित बर्बादी के कारण “परमेश्वर के लिए कार्य” करने की योग्यता नहीं रहेगी l ऐसे समय में हम स्मरण रखें कि परमेश्वर हमारे कार्य के कारण नहीं किन्तु हमारे व्यक्तित्व के कारण हमसे अर्थात् अपने बच्चों से प्रेम करता है l उद्धार के लिए एक बार मसीह का नाम लेने से, कुछ भी नहीं-“परेशानी या कठिनाई या सताव, या अकाल या नग्नता या खतरा अथवा तलवार-कभी हमें “परमेश्वर के प्रेम से जो हमारे प्रभु मसीह यीशु में है, अलग कर सकेगी” (रोमियों 8:35,39) l
जब हमारे समस्त कार्य या जो हमारे पास है हमसे ले लिया जाएगा, उस समय उसकी इच्छा है कि हम उसमें विश्राम करें जो हमारी पहचान है l
साधारण शब्दों की ताकत
हॉस्पिटल में मेरे पिता के कमरे में रौकस के ठहाके से आगंतुकों का बोध हुआ : दो वृद्ध चालक, एक पूर्व देशी/पाश्चात्य गायक, एक कारीगर, पड़ोस के फार्म से दो स्त्रियाँ, और मैं l
“ ...तब वह उठा और बोतल मेरे सर पर मारा,” कारीगर ने शराब पर झगड़े की अपनी कहानी बताई l
इस हास्य-स्मृति पर ठहाके लगे l कैंसर पीड़ित श्वास लेने में संघर्षरत पिताजी की हंसी, सबको बता रही थी कि “रैंडी एक प्रचारक है” इसलिए बोलने पर ध्यान दिया जाए l क्षणिक शांतता के बाद, इस खबर से पूरा कमरा फिर ठहाकों से भर गया और कोई अपने को हंसने से रोक न सका l
अचानक, करीब चालीस मिनट बाद, कारीगर गला साफ़ करते हुए मेरे पिता की ओर देखकर गंभीर हो गया l “होवर्ड, मेरे लिए अब शराब की कोई जगह नहीं है, l अब मेरे जीने का कारण भिन्न है l मैं तुम्हें अपने उद्धारकर्ता के विषय बताना चाहता हूँ l”
तब मेरे पिता के आश्चर्यचकित हलके विरोध के बावजूद उन्होंने सुसमाचार सुनाया l मुझे नहीं मालूम यदि सुसमाचार बताने का और भी मीठा, कोमल तरीका है l
कुछ वर्षों बाद मेरे पिता ने यीशु पर विश्वास किया l
एक सरल जीवन वाले पुराने मित्र की एक सरल कहानी ने, मुझे याद दिलायी कि सरल सीधा-सदा अथवा मुर्खता नहीं है; वह स्पष्ट और आडम्बररहित है l
यीशु की तरह l और उद्धार l
सबसे अच्छा उपहार
उत्तरी इंगलैंड में एक शीतकालीन सभा में, एक व्यक्ति ने पूछा, “अभी तक आपका सर्वोत्तम क्रिसमस उपहार क्या रहा है?”
एक स्पोर्ट्स मैन अपने मित्र की ओर देखकर बोलना चाहा l “यह सरल है, कुछ वर्ष पूर्व, कॉलेज समाप्त करने के बाद मैं व्यवसायिक फूटबाल खेलने के लिए आश्वस्त था l असफल होने पर, मैं खीज गया l कड़वाहट ने मुझे कुतर दिया, और मैंने हर मददगार के साथ कड़वाहट बांटी l”
उसने कहा, “अगले क्रिसमस में-एक दूसरा मौसम फूटबाल के बगैर-मैं इस मित्र के चर्च में क्रिसमस नाटक देखने गया, और अपने मित्र की ओर इशारा किया l “मैं यीशु को चाहता था, इसलिए नहीं, किन्तु अपनी भांजी को क्रिसमस नाटक में देखने के लिए l वहाँ की बातें मुर्खता लगी, किन्तु बच्चों के नाटक के मध्य, मुझ में उन चरवाहों और स्वर्गदूतों के साथ यीशु से मिलने की चाहत जागी l जब लोग ‘पावन रैन’ गीत समाप्त किये मैं वहाँ बैठकर रो रहा था l
उसने कहा, “उस रात मुझे क्रिसमस का सर्वोत्तम उपहार मिला,” और वह पुनः अपने मित्र की ओर इशारा किया, “जब इसने अपने परिवार को अकेले घर भेज दिया कि वह मुझे यीशु से मुलाकात करना सिखाए l”
और तब उसका मित्र बोल पड़ा : “और मित्रों, वह मेरा सर्वोत्तम क्रिसमस उपहार था l”
इस क्रिसमस में, यीशु के जन्म की आनंदमय सरलता की वह कहानी ही हम दूसरों को बताएँ l
असीमित प्रेम
1900 में चीन में बोक्सर विद्रोह के दौरान, टाई युआन में एक घर में कैद मिशनरियों के जीवित रहने की एकमात्र आशा उस भीड़ में होकर दौड़कर निकलने की थी जो उनकी मौत चाहते थे l अपने हाथों में हथियारों के साथ वे तात्कालिक खतरे से बच गए l हालाँकि, एडिथ कूमब्स ने, यह जानकार खतरे में वापस गई क्योंकि उसके दो घायल विद्यार्थी भाग नहीं पाए हैं l उसने एक को बचा लिया, किन्तु दूसरे को बचाते समय मारी गयी l
इस बीच, सिन चाऊ जिले में मिशनरी अपने चीनी मित्र हो सुन केवी के साथ ग्रामीण इलाके में छिपे हुए थे l किन्तु अपने छिपे मित्रों के लिए बचने का रास्ता खोजते समय वह गिरफ्तार किया गया और उनके छिपने का स्थान नहीं बताने के कारण मारा गया l
हम एडिथ कूमब्स और सुन केवी में संस्कृति या राष्ट्रीय चरित्र से बढ़कर प्रेम देखते हैं l उनका बलिदान हमें हमारे उद्धारकर्ता का बृहद् अनुग्रह और प्रेम देखते हैं l
यीशु अपनी गिरफ़्तारी और मृत्यु का इंतज़ार करते हुए गंभीरता से प्रार्थना की, “हे पिता, यदि तू चाहे तो इस कटोरे को मेरे पास से हटा ले l” किन्तु उसने अपने निवेदन को साहस, प्रेम, और बलिदान के कठोर उदहारण से समाप्त किया : “तौभी मेरी नहीं परन्तु तेरी इच्छा पूरी हो” (लूका 22:42) l उसकी मृत्यु और पुनरुत्थान ने हमारे अनंत जीवनों को संभव किया l
बदलते हृदय
ऑफिसर जोशुआ चेम्बर्लिन, अमरीकी गृहयुद्ध के अंतिम दिन, यूनियन सेना के अधिकारी थे l उसके सैनिक सहयोगी सेना के आत्म-समर्पण हेतु पंक्तिबद्ध थे l एक गलत शब्द अथवा युद्धकारी क्रिया और शांति की चाहत संहार में बदल सकती थी l इस मर्मस्पर्शी कार्य में, चेम्बर्लिन ने अपने सैनिकों से शत्रु को सलामी देने को कहा ! कोई मज़ाक या निन्दनीय…
एक पत्थर फेंकने की दूरी पर
जब धार्मिक अगुओं का एक समूह एक व्यभिचारिणी को यीशु के पास लाए, वे नहीं जान पाए कि वे उसे अनुग्रह के एक पत्थर फेंकने की दूरी के निकट ला रहे हैं l उनकी आशा उसे अपमानित करना था l उसने उस स्त्री को जाने देने पर वे उसे मूसा की व्यवस्था को तोड़नेवाला कहते l परन्तु यदि वह उसे मृत्यु…
कोमल प्रभाव
अमरीका का 26 वाँ राष्ट्रपति (1901-1909) बनने के कुछ वर्ष पूर्व, थियोडोर रूजवेल्ट का ज्येष्ठ पुत्र, थियोडोर जूनियर बीमार हुआ l जबकि वह स्वस्थ्य हो जाता, टेड की बीमारी ने रूजवेल्ट को गंभीर आघात पहुंचाई l डॉक्टरों के अनुसार वह ही अपने पुत्र की बीमारी का कारण था l टेड “नसों की थकान” से पीड़ित था, जिसे थियोडोर ने “लड़ाका”…