ऊपर की ओर - हर तरह से
एक कवयित्री और भक्ति लेखिका क्रिस्टीना रोसेटी ने पाया कि उनके लिए जीवन में कुछ भी आसान नहीं था। वह अपने पूरे जीवन में अवसाद और विभिन्न बीमारियों से पीड़ित रही और तीन बार सगाई का टूटना सहा। आखिरकार उसकी कैंसर से मौत हो गई।
जब दाऊद इस्राएल की राष्ट्रीय चेतना में फूट पड़ा, तो यह एक विजयी योद्धा के रूप में था। फिर भी दाऊद ने अपने पूरे जीवन में कठिनाइयों का सामना किया। उसके शासनकाल के अंत में, उसका अपना पुत्र, उसके विश्वस्त सलाहकार और देश के अधिकांश लोगों के साथ, उसके विरुद्ध हो गया (2 शमूएल 15:1-12)। इसलिए दाऊद एब्यातार और सादोक याजकों को और परमेश्वर के पवित्र सन्दूक को अपने साथ ले गया और यरूशलेम से भाग गया (पद 14, 24)।
जब एब्यातार परमेश्वर के लिये बलिदान चढ़ा चुका, तब दाऊद ने याजकों से कहा, परमेश्वर के सन्दूक को नगर में लौटा लो। “यदि यहोवा के अनुग्रह की दृष्टि मुझ पर हो, तो वह मुझे लौटाकर उसको और अपने वासस्थान को भी दिखाएगा” (पद. 25)। अनिश्चितता के बावजूद, दाऊद ने कहा, “यदि [परमेश्वर] कहे, ‘मैं तुझ से प्रसन्न नहीं हूँ,’ . . . जैसा उसको भाए वैसा ही वह मेरे साथ बर्त्ताव करे।” (पद 26)। वह जानता था कि वह परमेश्वर पर भरोसा रख
परमेश्वर के पास अन्य योजनाएँ थीं
उनकी सटीक उम्र अज्ञात हैl एक चर्च की सीढ़ियों पर मिली थी; दूसरी को केवल इतना पता था कि उसे ननों(nuns) ने पाला थाl द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान पोलैंड में जन्मी, लगभग अस्सी वर्षों तक न तो हेलिना और न ही क्रिस्टीना एक-दूसरे के बारे में जानती थीं l तब डी.एन.ए(DNA) परीक्षण के परिणामों ने उन्हें बहनें होने का खुलासा किया और एक सुखद पुनर्मिलन हुआl इसने उनकी यहूदी पैतृकी को भी प्रकट किया, यह समझाते हुए कि उन्हें क्यों छोड़ दिया गया था l दुष्ट लोगों ने केवल लड़कियों की पहचान के कारण उन्हें मृत्यु के लिए चिन्हित किया थाI
एक भयभीत माँ की कल्पना करना जो अपने डरे हुए बच्चों को वहां छोड़ देती है जहाँ उन्हें बचाया जा सकता था, मूसा की कहानी याद दिलाता है l एक इब्रानी बच्चे के रूप में, उसे जातिसंहार(genocide) के लिए चिन्हित किया गया था (देखें निर्गमन 1:22) l उसकी माँ ने युक्तिपूर्ण रूप से उसे नील नदी(2:3) में रखा, जिससे उसे जीवित रहने का मौका मिल सकता था l परमेश्वर के पास एक योजना थी जिसका वह सपना भी नहीं देख सकती थी—मूसा के द्वारा अपने लोगों को बचाने कीl
मूसा की कहानी हमें यीशु की कहानी की ओर इशारा करती है l जैसे फिरौन इब्री लड़कों की हत्या करना चाहता था, वैसे ही हेरोदेस ने बैतलहम में सभी बच्चों को मारने का आदेश दिया थाI (मत्ती 2:13-16)
ऐसी सभी घृणा के पीछे—खासकर बच्चों का —हमारा शत्रु शैतान है l ऐसी हिंसा से परमेश्वर आश्चर्य में नहीं पड़ता l उसके पास मूसा के लिए योजनाएँ थीं, और उसके पास आपके और मेरे लिए भी योजनाएँ हैं l और अपने पुत्र,यीशु के द्वारा, उसने अपनी सबसे बड़ी योजना को प्रकट किया—उन्हें बचाने और पुनर्स्थापित करने के लिए जो कभी उसके शत्रु थे l
निर्णायक समिति 8
“एक आदमी मर गया है। एक और आदमी का जीवन दांव पर है," न्यायधीश ने 1957 की क्लासिक फिल्म 12 एंग्री मेन (हिंदी में एक रूका हुआ फैसला के रूप में भी रीमेक) में गंभीरता से कहा। युवा संदिग्ध के खिलाफ सबूत बहुत गंभीर प्रतीत होते हैं। लेकिन विचार-विमर्श के दौरान, यह निर्णायक समिति का अलगाव है जो सामने आता है। बारह में से एक—निर्णायक सदस्य संख्या 8— " निर्दोष” का मत(वोट) देता हैI एक गरमागरम बहस शुरू हो जाती है, जिसमें एकमात्र निर्णायक सदस्य का मज़ाक उड़ाया जाता है क्योंकि वह गवाही में विसंगतियों को इंगित करता है। भावनाएँ बढ़ती हैं, और निर्णायक सदस्यों की अपनी जानलेवा और पूर्वाग्रही प्रवृत्तियाँ सामने आती हैं। एक-एक करके निर्णायक सदस्यों ने अपने मत(वोट) को “निर्दोष” होने के लिए बदल दिया।
जब परमेश्वर ने इस्राएल के नए राष्ट्र को अपने निर्देश दिए, तो उसने सच्चे साहस पर जोर दिया। "जब तू किसी मुकद्दमे में गवाही दे," परमेश्वर ने कहा, "भीड़ का पक्ष करके न्याय बिगाड़ने की साक्षी न देना" (निर्गमन 23:2) दिलचस्प बात यह है कि अदालत को न तो "गरीब का पक्ष लेना" था (पद. 3) और न ही "अपने दरिद्र लोगों का न्याय चुकाना" (पद. 6) परमेश्वर, धर्मी न्यायी है जो हमारी सारी कार्यवाहियों में हमारी खराई चाहता है।
12 एंग्री मेन में, मत (वोट) देने वाले दूसरे निर्णायक सदस्य ने पहले सदस्य के बारे में कहा, "दूसरों के उपहास को सहते हुए उनके विरूद्ध अकेले खड़े रहना आसान नहीं है।" फिर भी परमेश्वर यही चाहता है। निर्णायक सदस्य नंबर 8 ने वास्तविक साक्ष्य के साथ-साथ परीक्षण पर व्यक्ति की मानवता को देखा। पवित्र आत्मा के कोमल/सौम्य मार्गदर्शन से, हम भी परमेश्वर के सत्य के लिए खड़े हो सकते हैं और शक्तिहीन के लिए आवाज़ उठा /बोल सकते हैं।
हृदय परेशानी
“क्या आप इसे देखते हैं, भाई टिम?” मेरे मित्र, घाना के एक पादरी ने मिट्टी की झोपड़ी की ओर झुकी हुई एक नक्काशीदार वस्तु पर अपनी टार्च की रोशनी डाली। उसने चुपचाप कहा, “वह गाँव की मूर्ति है।”प्रत्येक मंगलवार की शाम, पादरी सैम, इस सुदूर गाँव में बाइबल साझा करने के लिए इस झाड़ी में जाता था।
यहेजकेल की पुस्तक में, हम देखते हैं कि कैसे मूर्तिपूजा ने यहूदा के लोगों को नष्ट किया। जब यरूशलेम के अगुवे यहेजकेल भविष्यद्वक्ता से मिलने आएए तो परमेश्वर ने उससे कहा, “इन लोगों ने अपने मन में मूरतें गढ़ी हैं” (14:3)। परमेश्वर उन्हें केवल लकड़ी और पत्थर से तराशी गई मूर्तियों के विरुद्ध चेतावनी नहीं दे रहा था। वह उन्हें बता रहा था कि मूर्तिपूजा दिल की समस्या है। हम सब इससे जूझते हैं।
बाइबिल शिक्षक एलिस्टेयर बेग एक मूर्ति का वर्णन इस प्रकार करते हैं— “परमेश्वर के अलावा और कुछ भी, जिसे हम अपनी शांति, अपनी आत्म–छवि, अपनी संतुष्टि, या अपनी स्वीकार्यता के लिए आवश्यक मानते हैं।” यहां तक कि जो चीजें देखने में भली लगती हैं वे भी हमारे लिए मूर्ति बन सकती हैं। जब हम जीवित परमेश्वर के अलावा किसी और चीज में आराम या आत्म सम्मान की तलाश करते हैं, तो हम मूर्तिपूजा करते हैं।
“पश्चाताप!” परमेश्वर ने कहा। “अपनी मूरतों से फिरो और अपने सब घिनौने कामों को त्याग दो!” (पद 6)। इस्राइल ऐसा करने में असमर्थ साबित हुआ। शुक्र है, परमेश्वर के पास इसका समाधान था। मसीह के आने और पवित्र आत्मा के उपहार की प्रतीक्षा करते हुए, उसने प्रतिज्ञा की, “मैं तुम्हें नया मन दूंगा, और तुम में नई आत्मा डालूंगा” (36:26) । यह हम अकेले नहीं कर सकते।
क्रिसमस कार्ड सिद्ध
बार्कर परिवार का क्रिसमस वीडियो सिद्ध था। बागे पहने तीन चरवाहे (परिवार के छोटे बेटे) घास के मैदान में आग के चारों ओर घिर गए। अचानक एक स्वर्गदूत -उनकी बड़ी बहन, पहाड़ पर से उतरी प्रकाशमान दिखती हुई,गुलाबी उच्च-शीर्ष जूतों को छोड़कर। जैसे-जैसे साउंडट्रैक प्रफुल्लित होता गया, चरवाहों ने आश्चर्य से आकाश की ओर देखा। एक मैदान में एक ट्रेक उन्हें एक वास्तविक बच्चे तक पहुँचाया - आधुनिक खलिहान में उनका नवजात भाई। बड़ी बहन ने अब मरियम की भूमिका निभाई।
फिर कुछ “बोनस पेश” हुआ, जब उनके पिता ने हमें पर्दे के पीछे झांकने दिया। शिकायती बच्चे कहते, “ठंड है।” “मुझे अभी बाथरूम जाना है!” “क्या हम घर जा सकते है?” “ध्यान दो।” उनकी माँ ने एक से अधिक बार कहा। वास्तविकता क्रिसमस-कार्ड सिद्धता से बहुत दूर था।
एक अच्छी तरह से संपादित अंतिम कट के लेंस के माध्यम से मूल क्रिसमस कहानी को देखना आसान है। लेकिन यीशु का जीवन इससे बहुत अलग था। ईर्ष्यालु हेरोदेस ने शैशवावस्था में ही उन्हें मारने का प्रयास किया (मत्ती 2:13)। मरियम और यूसुफ ने उन्हें गलत समझा (लूका 2:41-50)। संसार ने उनसे बैर रखा (यूहन्ना 7:7)। कुछ समय के लिए, “उनके अपने भाइयों ने भी उन पर विश्वास नहीं किया” (7:5)। उनका मिशन भयानक मौत की ओर ले गया। उन्होंने यह सब अपने पिता का आदर करने और हमें छुड़ाने के लिए किए।
बार्कर्स का वीडियो यीशु के इन शब्दों के साथ समाप्त हुआ: “ मार्ग और सत्य और जीवन मैं ही हूँ; बिना मेरे द्वारा कोई पिता के पास नहीं पहुँच सकता” (युहन्ना 14:6)। यह ऐसी वास्तविकता है जिसके साथ हम हमेशा-हमेशा के लिए जी सकते हैं।
भाले जो बांधते हैं
“फ्रेंडली फायर” एक सैन्य शब्द है जो इस्तेमाल किया जाता है जब एक सैनिक को दुश्मन से नहीं बल्कि गलती से अपने ही सैनिक द्वारा गोली लग जाती है। जबकि सेना में इसे आकस्मिक माना जाता है। कभी-कभी हम भी “फ्रेंडली फायर” का अनुभव करते है जो जानबूझकर मारे जाते है। दूसरे मसीही भाई-बहन हमारे बारे में निर्दयी और झूठी बातें कहते हैं, और हम ने अनुभव किया है कि उनके तीर और भाले हमारे हृदयों में छेद कर उन्हें चीरते चले जाते हैं।
अब कोशिश करें और इस दृश्य को चित्रित करें। आप यीशु के द्वारा उठाए हुए उनकी बाँहों में उनके दिल के निकट है, जैसे एक पिता अपने बच्चे को उठाता है। जब आप इस स्थिति में है, यदि कोई आपको तीर चलता या एक भाले से बेधने की कोशिश करता है। ( बाइबल आधारित दृश्य उपयोग करने के लिए), जो तीर और भाले आपके हृदय में से होकर जाते हैं, वे उसके में से भी होकर जाते हैं। अन्याय और दर्द आपको तीर और भाले को निकालने और प्रतिकार करने के लिए मजबूर कर सकता है। लेकिन यदि हम ऐसा करने से इंकार करते हैं, वही तीर या भाला जो हमारे और यीशु के दिलों को छेदता है वही हमारे दिलों को उनके दिल से लगाने में मदद करता है। और बंधन गहरा हो जाता है।
इसलिये अगली बार जब कोई आपको गाली देता, अपमान करता या आपके बारे में कोई झूठी या निर्दयी बात कहता है, उस अवसर के लिए परमेश्वर का धन्यवाद करें जो इसे यीशु के साथ हमारे हृदय को करीब लाने दे सकती है और उस व्यक्ति के लिए प्रार्थना करें जो दुख और पीड़ा दे रहा है।
स्त्रोत
यह 1854 का समय था, और लन्दन में कोई चीज़ हज़ारों लोगों की जान ले रही थी l यह ख़राब हवा होगी, लोगों ने सोचा l और वास्तव में, जैसे ही अत्यधिक गंदगी से भरी हुयी थेम्स नदी पर बेमौसम गर्मी ने प्रभाव डाला, बदबू इतनी बढ़ गयी कि वह “द ग्रेट स्टिंक(The Great Stink) के नाम से जाना जाने लगा l
लेकिन सबसे बुरी समस्या हवा की नहीं थी l डॉ. जॉन स्नो के शोध से पता चलता है कि दूषित पानी हैज़ा (कॉलरा/cholera) की महामारी का कारण था l
हम मनुष्य लम्बे समय से एक और संकट से परिचित हैं—एक जिसकी बदबू ऊँचे स्वर्ग तक पहुँचती है l हम एक टूटे संसार में रहते हैं—और हम इस समस्या की गलत पहचान करने की ओर प्रवृत होते हैं, समस्या की जगह इसके लक्षणों का इलाज करते हैं l बुद्धिमान सामाजिक कार्यक्रम और नीतियाँ कुछ अच्छा करती हैं, लेकिन वे समाज की बुराइयों के मूल कारण को रोकने में लाचार हैं—वह है हमारा पापी हृदय!
जब यीशु ने कहा, “ऐसी कोई वस्तु नहीं जो मनुष्य में बाहर से समाकर उसे अशुद्ध करे,”वह शारीरिक बिमारियों का सन्दर्भ नहीं दे रहा था (मरकुस 7:15) l बल्कि, वह हममें से प्रत्येक की आध्यात्मिक स्थिति को प्रकट कर रहा था l हमारे भीतर छिपी हुयी बुराइयों की एक सूची बताते हुए (पद.21-22), उसने कहा “जो वस्तुएँ मनुष्य के भीतर से निकलती हैं, वे ही उसे अशुद्ध करती हैं,” (पद.15) l
“देख, मैं अधर्म के साथ उत्पन्न हुआ,” दाऊद ने लिखा (भजन 51:5) l उसका विलाप ऐसा है जिसे हम सब आवाज़ दे सकते हैं l हम सब आरम्भ से ही टूटे हुए हैं l इसलिय दाऊद प्रार्थना करता है, “हे परमेश्वर, मेरे अन्दर शुद्ध मन उत्पन्न कर” (पद.10) l प्रतिदिन, हमें यीशु की आत्मा द्वारा सृजित एक नया हृदय चाहिए l
लक्षणों का इलाज करने के बदले, हम यीशु को स्त्रोत को पवित्र करने दें l
परमेश्वर बारीकियों में
राहुल और निशा के लिए यह सप्ताह काफी खराब रहा। राहुल के दौरे अचानक और बुरे हो गये, और उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया। महामारी के बीच, उनके चार छोटे बच्चे घर के अंदर बहुत अधिक समय बिताने के कारण व्यथित थे। उसके ऊपर, निशा बचे हुए किराने के सामान से एक अच्छा भोजन नहीं ले सकी। विचित्र रूप से, उस समय, उसे गाजर खाने की लालसा हुई।
एक घंटे बाद दरवाजे पर दस्तक हुई। वहाँ उनके मित्र अनीता और अभिषेक पूरे भोजन के साथ खड़े थे जो उसने परिवार के लिए तैयार किया था। गाजर सहित।
वे कहते हैं कि शैतान बारीकियों में है? नहीं। यहूदी लोगों के इतिहास में एक अद्भुत कहानी दिखाती है कि परमेश्वर बारीकियों में है। फिरौन ने आज्ञा दी थी, ".. इब्रियों के जितने बेटे उत्पन्न हो उन सभी को तुम नील नदी में डाल देना,.." (निर्गमन 1:22)। वह नरसंहार विकास एक उल्लेखनीय बारीकियों में बदल गया। मूसा की माँ ने वास्तव में एक रणनीति के साथ अपने बच्चे को नील नदी में "फेंका"। और फिरौन की बेटी नील नदी से उस बच्चे को छुड़ाती है जिसे परमेश्वर अपने लोगों को छुड़ाने के लिए प्रयोग करता है। वह मूसा की माँ को बच्चे को पालने के लिए पैसे भी देती है! (2:9)।
एक दिन इस नवेली यहूदी राष्ट्र से एक वादा किया हुआ बच्चा आएगा। उनकी कहानी अद्भुत विवरणों और दैवीय विडंबनाओं से भरपूर होगी। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि यीशु पाप की हमारी गुलामी से एक छुड़ौती प्रदान करेगा।
यहां तक कि—विशेष रूप से—अंधेरे समय में, परमेश्वर बारीकियों में है। जैसा कि निशा आपको बता सकती है, "परमेश्वर मेरे लिए गाजर लाए!"
छोटा बच्चा
एक साल से अधिक समय तक, उसका कानूनी नाम "छोटा बच्चा" था। एक सुरक्षा गार्ड द्वारा खोजा गया, जिसने उसकी रोने की आवाज़ सुनी, बेबी बॉय को छोड़ दिया गया था - कुछ घंटों का और केवल एक थैले में लपेटा गया - एक अस्पताल की पार्किंग में।
उसकी खोज के तुरंत बाद, सोशल सर्विसेज ने उन लोगों को बुलाया जो एक दिन उसके हमेशा के लिए परिवार बन जाएंगे। दंपति ने उसे लिया और उसे ग्रेसन कहा(यह उसका असली नाम नहीं)। अंत में, गोद लेने की प्रक्रिया पूरी हुई, और ग्रेसन का नाम आधिकारिक हो गया। आज आप एक आनंदमय बच्चे से मिल सकते हैं जो उत्सुकता से आपको बातचीत में लगा सकता है। आप कभी यह अनुमान नहीं लगा सकते कि उसे एक बार थैले में छोड़ दिया गया था।
अपने जीवन में काफी समय बाद, मूसा ने परमेश्वर के चरित्र और इस्राएल के लोगों के लिए उसने जो किया, उसकी समीक्षा की। मूसा ने उनसे कहा, " तौभी यहोवा ने तेरे पूर्वजों से स्नेह और प्रेम रखा।" (व्यवस्थाविवरण 10:15)। इस प्रेम का बहुत चौड़ा दायरा था। मूसा ने कहा, " अनाथों और विधवा का न्याय चुकाता, और परदेशीयों से प्रेम करता है की उन्हें भोजन और वस्त्र देता है। " (पद 18)। “वही तुम्हारे स्तुति के योग्य है; और वही तेरा परमेश्वर है" (पद 21)।
चाहे वह गोद लेने के माध्यम से हो या केवल प्रेम और सेवा के माध्यम से, हम सभी को परमेश्वर के प्रेम को प्रतिबिंबित करने के लिए बुलाया गया है। वह प्रेमी दम्पति हाथ और पैर बने जिसे परमेश्वर ने इस्तेमाल किया किसी ऐसे व्यक्ति तक अपने प्रेम को पहुँचाने के लिए जिस पर किसी का ध्यान नहीं गया हो और लावारिस हो। हम उसके हाथ और पैर के रूप में भी सेवा कर सकते हैं।