अपनी कविता “द विट्नेसेस(The Witnesses)” में हेनरी वड्सवर्थ लॉन्गफेलो (1807-1882) एक डूबे हुए गुलाम जहाज का वर्णन किया है l “जंजीरों में कंकाल” के बारे में लिखते हुए, लॉन्गफेलो ने दासत्व के अनगिनित अज्ञात पीड़ितों का शोक मनाया l अंतिम पद ऐसा है, “ये दासों का दुःख है,/ वे रसातल से चमकते हैं,/ वे अज्ञात कब्रों से रोते हैं,/ हम गवाह हैं!”

लेकिन ये गवाह किससे बात करते हैं? क्या ऐसी मूक गवाही व्यर्थ नहीं है?

एक साक्षी है जो यह सब देखता है l जब कैन ने हाबिल को घात किया, तो उसने दिखावा किया कि कुछ नहीं हुआ था l “क्या मैं अपने भाई का रखवाला हूँ?” उसने खारिज करते हुए ईश्वर से कहा l परन्तु परमेश्वर ने कहा, “तेरे भाई का लहू भूमि से मेरी ओर चिल्लाकर मेरी दोहाई दे रहा है! इसलिए अब भूमि जिसने तेरे भाई का लहू तेरे हाथ से पीने के लिए अपना मुँह खोला है, उसकी ओर से तू शापित है” (उत्पत्ति 4:9-10)

कैन चेतावनी के रूप में जीवित है l “दुष्ट कैन के समान न बनें, और जिसने अपने भाई को घात किया, चेला यूहन्ना ने चेतावनी दी (1 यूहन्ना 3:12) l हबील जीवित है, लेकिन अलग तरीके से l इब्रानियों के लेखक ने कहा, “विश्वास ही से हाबिल ने कैन से उत्तम बलिदान परमेश्वर के लिए चढ़ाया l” और “अब तक बातें करता है” (इब्रानियों 11:4) l

हबील अभी भी बोलता है! तो उन भूले-बिसरे गुलामों की हड्डियां भी l हमें ऐसे सभी पीड़ितों को याद रखना चाहिए और हर जगह उत्पीड़न का विरोध करना चाहिए l ईश्वर यह सब देखता है l उसके न्याय की जीत होगी l