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नम्रतापूर्वक मदद माँगना

जैसे-जैसे हमारी पार्टी का दिन नजदीक आ रहा था, मैं और मेरी पत्नी योजना बनाने लगे। बहुत सारे लोगों को आना था, क्या हमें खाना बनाने के लिए केटरर को बुलाना चाहिए? यदि हम खुद ही खाना पकाते हैं तो क्या हमें एक बड़ा चूल्हा खरीदना चाहिए? उस दिन बारिश की थोड़ी संभावना भी हो सकती है, क्या हमें तंबू भी लगाना चाहिए? जल्द ही हमारी पार्टी महँगी होने लगी, और थोड़ी असामाजिक भी। स्वयं सब कुछ प्रदान करने का प्रयास करके, हम दूसरों की सहायता प्राप्त करने का अवसर गँवा रहे थे ।

समुदाय के बारे में बाइबल का दृष्टिकोण है, देना और प्राप्त करना। पतन से पहले, आदम को एक सहायक की ज़रूरत थी (उत्पत्ति 2:18), हमें दूसरों की सलाह की ज़रूरत है (नीतिवचन 15:22) और अपना बोझ एक दूसरे के साथ बाटना है(गलातियों 6:2)। शुरुआती कलीसिया में "सब वस्तुएँ साझा" की जाती थी , जिससे वें एक-दूसरे की "संपत्ति और सामान" से लाभ उठाते थे (प्रेरितों 2:44-45)। स्वतंत्र रूप से जीने के बजाय, उन्होंने सुंदर परस्पर निर्भरता में साझा किया, उधार लिया, दिया और प्राप्त किया। । 

आख़िरकार हमने मेहमानों से हमारी पार्टी में कोई भी व्यंजन या कुछ भी मीठा लाने के लिए कहा। हमारे पड़ोसी अपना बड़ा स्टोव लेकर आए, और एक दोस्त ने अपना तंबू लगाया। मदद मांगने से हमें करीबी रिश्ते बनाने में मदद मिली और लोगों द्वारा पकाए और लाए गए अलग-अलग भोजन, पार्टी में खाने के कई विविधता (किस्म) और ख़ुशी लाए। हमारे जैसे युग में आत्मनिर्भर होना, घमंड का स्रोत भी हो सकता है। परन्तु “परमेश्वर दीनों पर अनुग्रह करता है।"  (याकूब 4:6), जिनमें वे लोग भी शामिल हैं जो विनम्रतापूर्वक मदद मांगते हैं। 

-शेरिडन वोयसी

 

जब विश्वास करना देखना है

"मैं जो देख रहा था उस पर विश्वास नहीं कर पा रहा था!" मेरी पत्नी कैरी ने मुझे खिड़की के पास बुलाया और हमारे बाड़े के ठीक बाहर जंगल में एक हिरणी को दिखाया, जो हमारे आँगन के एक छोर से दूसरे छोर तक उछल-कूद कर रही थी। बाड़े के अंदर हमारे बड़े कुत्ते,  उसकी गति से ताल-मेल मिला रहे थे,  लेकिन वे भौंक नहीं रहे थे। लगभग एक घंटे तक वे आगे-पीछे चलते रहे। जब हिरणी रुकी और उनका सामना किया,   कुत्ते भी रुक गए, अपने आगे के पैरों को सीधा किया और पीछे की ओर झुक गए, फिर से दौड़ने के लिए तैयार हो गए। यह शिकारी और शिकार जैसा बर्ताव नहीं लग रहा था; हिरणी और कुत्ते एक-दूसरे की संगति का आनंद लेते हुए एक साथ खेल रहे थे! 

कैरी और मेरे लिए, उनकी सुबह की उछल-कूद ने परमेश्वर के आने वाले राज्य की एक तस्वीर प्रदान की। भविष्यवक्ता यशायाह ने उस राज्य के बारे में परमेश्वर के वादे की घोषणा इन शब्दों के साथ की, "देख,  मैं नया आकाश और नई पृथ्वी उत्पन्न करने पर हूं," (यशायाह 65:17)। वह आगे कहता है कि "भेड़िया और मेम्ना एक साथ चरेंगे, और सिंह बैल के समान भूसा खाएगा" (पद 25)। न कोई शिकारी होगा, न कोई शिकार। सिर्फ दोस्त।

यशायाह के शब्द हमें दिखाते हैं कि परमेश्वर के अनंतकाल के राज्य में जानवर होंगे; वे यह भी इशारा करते हैं कि परमेश्वर अपनी रचना के लिए क्या तैयारी कर रहा है, विशेषकर "उन लोगों के लिए जो उससे प्रेम करते हैं"(1 कुरिन्थियों 2:9)। वह कितनी सुंदर जगह होगी! जब हम विश्वास के साथ उस पर भरोसा करते हैं, परमेश्वर हमारी आँखों को उस वास्तविकता की ओर उठाता है जो आने वाली है: उसकी उपस्थिति में हमेशा की शांति और सुरक्षा!

-जेम्स बैंक्स

 

बुद्धिमान देखभाल

यह दृश्य शोकाकुल था l पचपन पायलट व्हेलों(व्हेल की एक प्रजाति) का एक झुण्ड स्कॉटिश समुद्र तट पर फंस गया था l स्वयंसेवकों ने उन्हें बचाने की कोशिश की, लेकिन अंततः उनकी मृत्यु हो गयी l कोई नहीं जानता कि इस तरह बड़े पैमाने पर फंसना क्यों होता है, लेकिन यह व्हेल के मजबूत सामाजिक बन्धनों के कारण हो सकता है l जब एक परेशानी में पड़ता है, तो बाकी मदद के लिए आते हैं—एक देखभाल करने वाली प्रवृत्ति जो प्रतिकूल रूप से नुकसान पहुँचा सकती है l 

बाइबल स्पष्ट रूप से हमें दूसरों की मदद करने के लिए कहती है, लेकिन ऐसा करने में हमें बुद्धिमान भी होना चाहिए l उदाहरण के लिए, जब हम किसी ऐसे व्यक्ति को पुनर्स्थापित/बहाल करने में मदद करते हैं जो पाप में फंस गया है, तो हमें सावधान रहना चाहिए कि हम स्वयं उस पाप में न घसीटे जाएँ (गलतियों 6:1), और जब हमें अपने पड़ोसियों से प्रेम करना है, स्वयं से भी प्रेम करें (मत्ती 22:39) l नीतिवचन 22:3 कहता है, “चतुर मनुष्य विपत्ति को आते देखकर छिप जाता है; परन्तु भोले लोग आगे बढ़कर दण्ड भोगते हैं l” यह एक अच्छा अनुस्मारक है जब दूसरों की मदद करने से हमें नुकसान होने लगता है l 

कुछ वर्ष पहले, दो बहुत आवश्यकतामंद लोग हमारे चर्च में आने लगे l जल्द ही, मण्डली के देखभाल करने वाले उनकी मांग को पूरा करने में थकने लगे l इसका समाधान उस पति-पत्नी को दूर करना नहीं था, बल्कि सीमाएं तय करना था ताकि सहायता करनेवालों को हानि न पहुंचे l यीशु, सर्वश्रेष्ठ सहायक, ने आराम के लिए समय लिया (मरकुस 4:38), और उसने सुनिश्चित किया कि उसके शिष्यों की ज़रूरतें दूसरों की ज़रूरतों का स्थान न ले ले(6:31) l बुद्धिमान देखभाल उसके उदाहरण का अनुसरण करती है l अपने स्वास्थ्य पर ध्यान देकर, हम दीर्घकाल में अधिक देखभाल कर सकेंगे l  

आपके हाथ में क्या है?

उद्धार प्राप्त करने और अपना जीवन परमेश्वर को समर्पित करने के कुछ वर्षों के बाद, मैंने महसूस किया कि वह मुझे अपनी पत्रकारिता आजीविका(journalism career) त्यागने का निर्देश दे रहा है l जैसे ही मैंने अपनी कलम रखी और मेरी लेखनी छुप गयी, मैं यह महसूस किए बिना नहीं रह सका कि एक दिन परमेश्वर मुझे अपनी महिमा के लिए लिखने के लिए बुलाएगा l अपने व्यक्तिगत जंगल/सुनसान प्रदेश में भटकने के वर्षों के दौरान मुझे निर्गमन 4 में मूसा और उसकी लाठी की कहानी से प्रोत्साहन मिला l 

मूसा, जो फिरौन के महल में पला-बढ़ा था और जिसका भविष्य आशाजनक था, मिस्र से भाग गया और एक चरवाहे के रूप में गुमनामी में रह रहा था जब परमेश्वर ने उसे बुलाया l मूसा ने सोचा होगा कि उसके पास परमेश्वर को देने के लिए कुछ भी नहीं है, लेकिन उसने सिखा कि वह अपने महिमा के लिए किसी को भी और किसी भी चीज़ का उपयोग कर सकता है l 

“तुम्हारे हाथ में वह क्या है?” परमेश्वर ने पूछा l मूसा ने उत्तर दिया, “एक लाठी l” परमेश्वर ने कहा, “इसे भूमि पर फेंक दे” (निर्गमन 4:2-3) l मूसा की साधारण लाठी सांप बन गयी l जब उसने सांप को पकड़ लिया, तो परमेश्वर ने उसे वापस लाठी में बदल दिया (पद.3-4) l यह चिन्ह इसलिए दिया गया था ताकि इस्राएली विशवास करें कि “यहोवा, उनके पूर्वजों का परमेश्वर—अब्राहम का परमेश्वर, इसहाक का परमेश्वर और याकूब का परमेश्वर—उनके सामने प्रकट हुआ है” (पद.5) l जैसे ही मूसा ने अपने लाठी को नीचे फेंका और उसे फिर से उठाया, मैंने परमेश्वर की आज्ञाकारिता में एक पत्रकार के रूप में अपनी आजीविका/career उसके समक्ष रख दी l बाद में, उसने मुझे फिर से कलम उठाने के लिए निर्देशित किया और अब मैं उसके लिए लिख रहा हूँ l 

हमें परमेश्वर द्वारा उपयोग किये जाने के लिए बहुत कुछ की ज़रूरत नहीं है l हम बस उन प्रतिभाओं से उसकी सेवा कर सकते हैं जो उन्होंने हमें दी है l निश्चित नहीं हैं कि कहाँ से आरम्भ की जाए? आपके हाथ में क्या है?

न्याय का परमेश्वर

एक किशोर के रूप में, रेयान ने अपनी माँ को कैंसर के कारण खो दिया l उसने खुद को बेघर पाया और जल्द ही स्कूल छोड़ दिया l वह निराश महसूस करता था और अक्सर भूखा रहता था l वर्षों बाद, रेयान ने एक गैर-लाभकारी संस्था की स्थापना की जो दूसरों को, विशेष रूप से छोटे बच्चों को, अपने बगीचे में उगाए गए आहार को रोपने, फसल काटने और तैयार करने के लिए सशक्त बनाती है l संगठन इस विश्वास पर बना है कि किसी को भी भोजन के बिना नहीं रहना चाहिए और जिनके पास कुछ है उन्हें उन लोगों की देखभाल करनी चाहिए जिनके पास नहीं है l दूसरों के लिए रेयान की चिंता न्याय और दया के लिए ईश्वर के हृदय से प्रतिध्वनित होती है l 

हम जिस दर्द और पीड़ा का सामना करते हैं, ईश्वर उसकी बहुत परवाह करता है l जब उसने इस्राएल में भयानक अन्याय देखा, तो उसने उनके पाखण्ड को उजागर करने के लिए नबी आमोस को भेजा l जिन लोगों को परमेश्वर ने एक बार मिस्र में उत्पीडन से बचाया था, वे अब अपने पड़ोसियों को एक जोड़ी जूती के लिए गुलामी में बेच रहे थे (आमोस 2:6 ) l उन्होंने निर्दोष लोगों को धोखा दिया, उत्पीड़ितों को न्याय देने से इनकार कर दिया, और गरीबों के “सर पर की धूल का भी लालच करते [थे]”(पद.6-7), जबकि ये सब भेंट और पवित्र दिनों के साथ परमेश्वर की उपासना करने का दिखावा करते थे (4:4-5) l 

आमोस ने लोगों से विनती की, “बुराई को नहीं, भलाई को ढूढ़ों, ताकि तुम जीवित रहो; और तुम्हारा यह कहना सच ठहरे कि सेनाओं का परमेश्वर यहोवा तुम्हारे संग है” (5:14) l रेयान की तहर, हममें से प्रत्येक ने जीवन में दूसरों से जुड़ने और सहायता करने में सक्षम होने के लिए पर्याप्त दर्द और अन्याय का अनुभव किया है l समय “भलाई की तलाश” करने और हर प्रकार के न्याय को स्थापित करने में उसके साथ शामिल होने का है l