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सामान से छुटकारा

कॉलेज में, मैंने एक सत्र के लिए विलियम शेक्सपियर के लेखन का अध्ययन किया l कक्षा को एक विशाल पाठ्यपुस्तक की आवश्यकता थी जिसमें शेक्सपियर द्वारा लिखी गयी हर चीज़ शामिल हो l किताब का वजन कई पौंड(pound) था, और मुझे इसे उठाकर कई घंटों तक ले जाना पड़ा l उस वजन को इधर-उधर ले जाने से मेरी पीठ में दर्द होने लगा और अंततः मेरे पुस्तक के बैग का बंधन टूट गया!

कुछ चीज़ें हमारे उठाने के लिए बहुत भारी होती हैं l उदाहरण के लिए, अतीत की चोट का भावनात्मक बोझ हमें कड़वाहट और नफरत से दबा सकता है l परन्तु परमेश्वर चाहता है कि हम लोगों को क्षमा करके और, जब संभव हो, उनके साथ मेल-मिलाप करके स्वतंत्रता प्राप्त करें(कुलुस्सियों 3:13) l दर्द जितना गहरा होगा, इसमें उतना ही अधिक समय लग सकता है l वह ठीक है l एसाव को याकूब को उसके पहिलौठे का अधिकार और आशीष को चुराने के लिए माफ़ करने में कई साल लग गए(उत्पत्ति 27:36) l 

जब अंततः दोनों एक हो गए, तो एसाव ने दयालुतापुर्वक अपने भाई को माफ़ कर दिया और “उसको हृदय से [लगाया](33:4) l इससे पहले कि वे दोनों फूट-फूट कर रोने लगे, एक शब्द का भी आदान-प्रदान नहीं हुआ l समय के साथ, एसाव ने उस क्रोध को त्याग दिया जिसके कारण वह हत्या के बारे में सोचने लगा था(27:41) l और उन सभी वर्षों में याकूब को यह देखने का मौक़ा मिला कि उसने अपने भाई को कितना नुकसान पहुँचाया था l सम्पूर्ण पुनर्मिलन के दौरान वह विनम्र और सम्मानजनक था(33:8-11) l 

अंत में, दोनों भाई उस स्थान पर आए जहां किसी को भी एक दूसरे से कुछ भी नहीं चाहिए था(पद.9,15) l यह क्षमा करने और क्षमा किये जाने तथा अतीत के भारी बोझ से मुक्त होकर चले जाने के लिए पर्याप्त था l 

नया जन्म?

“नया जन्म? इसका क्या अर्थ है?” अंतिम संस्कार निदेशक(funeral director) ने पूछा l “मैंने इन शब्दों को पहले कभी नहीं सुना है l” अवसर का लाभ उठाते हुए, मृत पिता के पुत्र ने यूहन्ना अध्याय 3 के शब्दों के द्वारा इसका अर्थ समझाया l 

उसने कहा, “यह इस तथ्य पर आधारित है कि हम सभी इस संसार में एक बार जन्म लिए है l” “परमेश्वर के पास कोई जादुई तराजू नहीं है जहां वह हमारे अच्छे कामों को बुरे कामों से तौलता है l परमेश्वर चाहता है कि हम आत्मा से जन्म लें,” उसने आगे कहा l “इसलिए यीशु क्रूस पर मरा—उसने हमारे पापों के लिए कीमत चुकायी और हमारे लिए उसके साथ अनंत जीवन पाना संभव बनाया l हम इसे अपनी ताकत से नहीं कर सकते l”

यूहन्ना 3 में, नीकुदेमुस को संदेह होने लगा कि क्या उसने सचमुच में यह सब पता लगा लिया है l धर्मग्रंथों में एक प्रशिक्षित शिक्षक(पद.1), उसने पहचाना कि यीशु अलग था और उसकी शिक्षा में अधिकार था(पद.2) l वह स्वयं इसका पता लगाना चाहता था, इसलिए मामले को सुलझाने के लिए वह एक रात यीशु मसीह के पास पहुँचा l नीकुदेमुस ने यीशु के कथन “तुम्हें नए सिरे से जन्म लेना अवश्य है”(पद.7) को स्वीकार और विश्वास किया होगा, क्योंकि उसने क्रूस पर चढ़ाए जाने के बाद उद्धारकर्ता के शरीर को दफनाने के लिए तैयारी में मदद की थी(19:39) l 

अंतिम संस्कार निदेशक यूहन्ना के सुसमाचार का तीसरा अध्याय पढ़ने के लिए सहमत हो गया l निदेशक के साथ बात करने वाले बेटे की तरह, आइये यीशु के शब्दों को दिल से लें और उन्हें दूसरों के साथ साझा करें क्योंकि वह हमारी मदद करता है l 

परमेश्वर में आशा

जेरेमी को इस बात का एहसास नहीं था कि जब वह अपने तीन साल के पाठ्यक्रम के लिए विश्वविद्यालय पहुँचा और सबसे सस्ते छात्रावास के कमरे के लिए कहा तो वह क्या कर रहा था l “वह बहुत खराब था,” उसने याद किया l कमरा और उसका बाथरूम भयानक थे l” लेकिन उसके पास बहुत कम पैसे और बहुत कम विकल्प थे l “मैं बस यही सोच सकता था,” उसने कहा, कि “मेरे पास तीन साल बाद वापस जाने के लिए एक अच्छा घर है, इसलिए मैं इसी में पर कायम रहूँगा और यहाँ अपने समय का अधिकतम लाभ उठाऊँगा l”

जेरेमी की कहानी “पृथ्वी पर के तम्बू” में रहने की रोजमर्रा की चुनौतियों को प्रतिबिंबित करती है—एक मानव शरीर जो मर जाएगा(2 कुरिन्थियों 5:1), संसार में काम कर रहा है जो ख़त्म हो रहा है(1 यूहन्ना 2:17) l इस प्रकार हम “बोझ से दबे कराहते रहते हैं”(2 कुरिन्थियों 5:4) जब हम जीवन में आने वाली अनेक कठिनाइयों से निपटने के लिए संघर्ष करते हैं l 

जो चीज़ हमें आगे बढ़ाती है वह निश्चित आशा है कि एक दिन हमारे पास एक अमर, पुनरुत्थित शरीर होगा—एक “स्वर्गिक निवास”(पद.4)—और हम वर्तमान कराह और हताशा से मुक्त संसार में रह रहे होंगे(रोमियों 8:19-20) l यह आशा हमें परमेश्वर द्वारा प्रेमपूर्वक प्रदान किये गए इस वर्तमान जीवन का अधिकतम लाभ उठाने में सक्षम बनाती है l वह हमें उन संसाधनों और प्रतिभाओं का उपयोग करने में भी सहायता करेगा जो उसने हमें दिए हैं, ताकि हम उसकी और दूसरों की सेवा कर सकें l और इसलिए “हमारे मन की उमंग यह है कि चाहे साथ रहें चाहे अलग रहें, पर हम उसे भाते रहें”(पद.9) l 

परमेश्वर से भागना

जूली और लिज़ हंपबैक व्हेल(humpback whale) की खोज में कैलिफ़ोर्निया के तट से दूर चली गयीं l हम्पबैक व्हेल सतह के निकट सक्रीय रहने के लिए जाने जाते हैं, जिससे उन्हें पहचानना आसान हो जाता है l दोनों महिलाओं को अपने जीवन का सबसे बड़ा आश्चर्य तब हुआ जब एक महिला सीधे उनके नीचे आ गयी l एक दर्शक ने उनके मुठभेड़ की फुटेज(footage) कैद कर लिए जिसमें व्हेल का बड़ा मुँह महिलाओं और उनकी कश्ती को बौना दिखाता हुआ दिख रहा था l थोड़ी देर पानी के अन्दर जाने के बाद, महिलाएं सुरक्षित बच गयीं l 

उनका अनुभव नबी योना को एक “विशाल मच्छ” द्वारा निगल लिए जाने के बाइबल वर्णन पर दृष्टि प्रदान करता है(योना 1:17) l परमेश्वर ने उसे नीनवे के लोगों को उपदेश देने की आज्ञा दी थी, लेकिन इसलिए कि उन्होंने परमेश्वर को अस्वीकार कर दिया था, योना को नहीं लगा कि वे परमेश्वर की क्षमा के योग्य हैं l आज्ञा मानने के बजाय, वह भाग गया और एक जहाज पर यात्रा पर निकल पड़ा l परमेश्वर ने एक भयंकर आंधी भेजी, और वह पानी में फेंक दिया गया l 

परमेश्वर ने योना को गहरे समुद्र में निश्चित मृत्यु से बचाने का एक मार्ग निकाला, और उसे उसके कार्यों के सबसे बुरे परिणामों से बचाया l योना ने “यहोवा को पुकारा” और परमेश्वर ने सुन ली(2:2) l जब योना ने अपने गलत काम को स्वीकार किया और परमेश्वर की भलाई के लिए अपनी प्रशंसा और स्वीकृति व्यक्त की, तो उसे—उसकी आज्ञा पर—मच्छ से “स्थल पर उगल दिया”(पद.10) l 

परमेश्वर की कृपा से, जब हम अपने गलत कामों को स्वीकार करते हैं और यीशु के बलिदान में विश्वास व्यक्त करते हैं, तो हम उस आत्मिक मृत्यु से बच जाते हैं जिसके हम हकदार हैं और उसके द्वारा नए जीवन का अनुभव करते हैं l