जिस छोटे दफ्तर को मैंने किराये पर लिया, वहाँ केवल कुछ निरुदेश्य मक्खियाँ रहती थीं । कुछ मक्खियाँ मर गईं थीं और चारों ओर दीवारों एवं खिड़कियों पर बिखरीं हुईं थीं । मैं एक को सामने छोड़कर बाकी हटा दिए ।

यह मृत मक्खी मुझे अच्छे से प्रतिदिन व्यतीत करना सिखाती है । मृत्यु जीवन की एक सर्वोत्तम ताकीद है, और जीवन एक उपहार है । सुलैमान ने कहा, “जो सब जीवितों में है, उसे आशा है” (सभो.9:4)। पृथ्वी पर जीवन हमें संसार को प्रभावित करने और उसका आनन्द लेने का अवसर देता है । हम आनन्दपूर्वक खा पी सकते हैं और अपने सम्बन्धों का स्वाद ले सकते हैं(पद.7,9) ।

हम अपने काम का आनन्द भी ले सकते हैं। सुलैमान ने सलाह दी, “जो काम तुझे मिले उसे अपनी शक्ति भर करना”(पद.10)। हमारे जीवन में काई भी कार्य अथवा भूमिका हो, हम उसके द्वारा अर्थपूर्ण और भले कार्य कर सकते हैं। हम प्रतिदिन लोगों को उत्साहित और ईमानदारी से उनके लिये प्रार्थना और अपना प्रेम दिखा सकते हैं।

सभोपदेशक का लेखक कहता है, “वे सब समय और संयोग के वश में हैं … क्योंकि मनुष्य अपना समय नहीं जानता”(पद.11-12)। अपने जीवन का अन्त जानना असम्भव है, किन्तु आज भी परमेश्वर की सामर्थ्य और यीशु के अनन्त जीवन की प्रतिज्ञा पर निर्भर होकर आनन्द और उद्देश्य प्राप्त किया जा सकता है(यूहन्ना 6:47)।