मैं बचपन में पैसे कमाने के लिए अखबार बांटता था l इसलिए कि वह सुबह का अखबार होता था, मुझे रोज़ सुबह 3 बजे उठना पढ़ता था ताकि 6 बजे तक मेरे 140 अखबार सही घरों में पहुँच जाएं l

किन्तु वर्ष का एक दिन भिन्न होता था l हम क्रिसमस की सुबह का अखबार क्रिसमस की पूर्व संध्या ही बाँट देते थे यानि क्रिसमस ही वर्ष की एकमात्र सुबह होती थी जब मैं स्वाभाविक व्यक्ति की तरह सोता और आराम करता था l
वर्षों के बीतने के साथ-साथ मैंनें अनेक कारणों से क्रिसमस के दिन को सराहा, किन्तु उन दिनों में एक विशेष कारण था, दुसरे दिनों से अलग, यह विश्राम का दिन था l

उस समय, मैं क्रिसमस द्वारा दिया जानेवाला वास्तविक विश्राम का अर्थ नहीं समझता था l मसीह आया ताकि जो लोग व्यवस्था तले परिश्रम करते हैं मसीह द्वारा प्रदत्त क्षमा प्राप्त कर विश्राम पाएंगे l यीशु ने कहा, “हे सब परिश्रम करनेवालों और बोझ से दबे हुए लोगों, मेरे पास आओ; मैं तुम्हें विश्राम दूंगा” (मैट. 11:28) l ऐसे संसार में जहाँ हमारे लिए बर्दाश्त करने से बाहर है, केवल मसीह हमारे साथ सम्बन्ध बनाकर हमें विश्राम देने आया l